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डोईवाला सुगर मिल में “थ्री-टियर केक” काटकर मनायी खुशियां,गत वर्ष उत्पादन रिकॉर्ड हुआ पार

Doiwala Sugar Mill today crossed the sugar production level of yester year cane crushing season with comparatively less amount of suagarcane utilisation and on top of that in less days.

The plant utilisatin capacity is also enhanced 10.88 percent.

The executive director of Doiwala Sugar Mill celeberated the achievement with mill officers and staff by cutting a three layered cake.

वर्तमान सुगर मिल पेराई सत्र लगातार सुर्खियां बटोर रहा है एक के बाद एक लगातार नये बेहतरीन कार्य इसकी बड़ी वजह है.

इन सुर्खियों के केंद्र में नये अधिशासी निदेशक डीपी सिंह हैं जिनकी कार्यशैली से चीनी मिल की परफॉरमेंस बढ़त बनाये हुये है.

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रजनीश प्रताप सिंह तेज

देहरादून : पिछले पेराई सत्र के मुकाबले वर्तमान गन्ना पेराई सत्र में अपेक्षाकृत कम दिनों और कम गन्ने की पेराई कर अधिक चीनी का उत्पादन किया गया है.

कम दिन,कम गन्ना फिर भी कमाल का उत्पादन

डोईवाला चीनी मिल ने आज एक और उपलब्धि प्राप्त की जब पिछले पेराई सत्र के उत्पादन से अधिक उत्पादन की सीमा पार कर दी गई

यानि सीधे सरल शब्दों में कहा जाए तो कम दिनों और कम मात्रा में गन्ने का प्रयोग करते हुए पिछले पेराई सत्र के मुकाबले अधिक चीनी का उत्पादन किया गया है जो अपने आप में किसी उपलब्धि से कम नहीं है.

इसी उपलक्ष्य में आज चीनी मिल डोईवाला में अधिकारियों और कर्मचारियों के द्वारा खुशी मनाई गई

अधिशासी निदेशक दिनेश प्रताप सिंह द्वारा एक थ्री-टियर केक काटकर सभी कर्मचारी अधिकारियों को इस की बधाई दी गई

आइए एक नजर डालते हैं

क्या है पेराई सत्र के आंकड़े ?

पिछले पेराई सत्र 2021-22 में 152 दिन में कुल 28,71,890 कुंतल गन्ना पेराई कर मिल में कुल 2,63,710 कुंतल चीनी का उत्पादन हुआ था.

जबकि वर्तमान में गतिमान पेराई सत्र 2022-23 में मिल द्वारा मात्र 120 दिन में 26,99,350 कुंतल गन्ना पेराई कर 2,63,740 कुंतल चीनी का उत्पादन किया गया है.

जिससे स्पष्ट है कि पिछले पेराई सत्र 2021-22 की अपेक्षा इस पेराई सत्र में लगभग 32 दिन पूर्व 172540 कुंतल कम गन्ना पेराई कर पिछली बार उत्पादित चीनी से अधिक चीनी का निर्माण कर लिया गया है.

पिछले पेराई सत्र 2021-22 में प्लांट यूटिलाइजेशन 79.10% था वही वर्तमान पेराई सत्र 2022-23 में प्लांट यूटिलाइजेशन 89.98 % है.

पिछले पेराई सत्र 2021-22 में लगभग 567 घंटे की मिल बंदी हुई थी जबकि वर्तमान पेराई सत्र में आज की तिथि तक कुल 132.30 घंटे की बंदी हुई है.

पिछले पूरे पेराई सत्र में 2021-22 में कृषकों द्वारा आपूर्ति किए गए गन्ने का मिल स्तर पर कुल 37.45 करोड़ का भुगतान किया गया था जबकि वर्तमान पेराई सत्र में गन्ना मूल्य मद में लगभग 40.01 करोड़ से अधिक धनराशि का भुगतान मिल स्तर से किया जा चुका है.

सितारों से आगे जहां ओर भी है

मिल अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने चीनी मिल द्वारा प्राप्त परिणामों का श्रेय अधिशासी निदेशक को देते हुए कहा है कि उन्हीं की कार्यशैली और कृषक हित में लिए गए निर्णय के कारण ही पिछले पेराई सत्र के मुकाबले इस सत्र में चीनी मिल को अत्याधिक सकारात्मक परिणाम प्राप्त हो सके हैं.

चीनी मिल के अधिशासी निदेशक पीसीएस अधिकारी दिनेश प्रताप सिंह ने बताया कि यह सभी सकारात्मक परिणाम चीनी मिल अधिकारियों कर्मचारियों की टीम भावना से की गई मेहनत का परिणाम है. जिसमें सभी कृषक गणों का भी भरपूर सहयोग मिला है.

उन्होंने बताया कि चीनी मिल में अभी और भी अधिक सुधार की आवश्यकता है यदि योजनाबद्ध तरीके से मिल में सुधार किए जाएं तो भविष्य में मिल में और अधिक प्रगति करने की संभावना बन सकती है.

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