उत्तराखंड में “क्लाउड किचन” आपरेटरों पर कसा शिकंजा
Crackdown on "cloud kitchen" operators in Uttarakhand
देहरादून ( रजनीश प्रताप सिंह तेज ) : खाद्य संरक्षा और औषधि प्रशासन (एफएसडीए) ने प्रदेश भर में अनधिकृत तौर पर चल रहे क्लाउड किचन ऑपरेटरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की घोषणा की है।
भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) के तहत पंजीकरण की प्रक्रिया को अब अनिवार्य किया गया है।
सभी क्लाउड किचन ऑपरेटरों को 15 सितम्बर 2024 तक पंजीकरण कराने की चेतावनी दी गई है।
इस तिथि के बाद, पंजीकरण न कराने वाले ऑपरेटरों के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
आइये जानते हैं क्लाउड किचन क्या है ?
क्लाउड किचन, जिसे डार्क किचन या हॉट किचन भी कहा जाता है, ऐसे वाणिज्यिक भोजनालय होते हैं
जहां ग्राहक भोजन के लिए रेस्टोरेंट में नहीं जाते।
यहाँ पर भोजन केवल टेकआउट या डिलीवरी के लिए तैयार किया जाता है।
ये किचन आमतौर पर रेस्टोरेंट से अलग होते हैं और उनमें उपभोक्ताओं को बैठने की सुविधा नहीं होती।
प्रमुख मुद्दे और प्रशासन की चेतावनी
एफएसडीए आयुक्त और स्वास्थ्य सचिव डा. आर. राजेश कुमार ने कहा कि प्रदेश में कई क्लाउड किचन खाद्य सुरक्षा मानकों की अनदेखी कर रहे हैं।
इन किचनों में स्वच्छता, पीने योग्य पानी का उपयोग, और अन्य महत्वपूर्ण स्वच्छता मानकों का पालन नहीं किया जा रहा है।
इससे उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य को खतरा हो सकता है।
समान्य स्वच्छता मानकों की अनदेखी और एफएसएसएआई पंजीकरण की आवश्यकता
एफएसडीए के अपर आयुक्त ताजबर जग्गी ने बताया कि उत्तराखंड में सभी खाद्य संबंधी व्यवसाय, खासकर क्लाउड किचन, को उच्चतम स्वच्छता और खाद्य सुरक्षा मानकों का पालन करना अनिवार्य है।
पंजीकरण के लिए ऑपरेटरों को निम्नलिखित दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे:
– रसोई परिचालन पते का वैध प्रमाण
– फूड हैंडलर का स्वास्थ्य प्रमाण पत्र
– पेयजल प्रमाण पत्र
– रसोई में उपयोग किए जाने वाले पानी के पीने योग्य होने के संबंध में जांच रिपोर्ट
– रसोईघर परिसर की नियमित सफाई और स्वच्छता सुनिश्चित करना
– अपशिष्ट निपटारे की उचित व्यवस्था
पंजीकरण की अंतिम तिथि और कानूनी कार्रवाई
ऑपरेटरों को एफएसएसएआई के तहत पंजीकरण कराने के लिए 15 सितम्बर तक का समय दिया गया है।
यदि कोई भी ऑपरेटर इस समय सीमा के भीतर पंजीकरण नहीं कराता, तो उसके खिलाफ विधिक कार्रवाई की जाएगी।
यह कदम उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए उठाया गया है और सुनिश्चित किया जाएगा कि उन्हें स्वच्छ और सुरक्षित भोजन प्राप्त हो।
खाद्य संरक्षा और औषधि प्रशासन की इस पहल का उद्देश्य प्रदेश में क्लाउड किचन ऑपरेटरों द्वारा खाद्य सुरक्षा मानकों का पालन सुनिश्चित करना है, ताकि उपभोक्ताओं को स्वस्थ और सुरक्षित भोजन मिल सके।
15 सितम्बर की अंतिम तिथि से पहले सभी क्लाउड किचन ऑपरेटरों को पंजीकरण कराना अनिवार्य है, अन्यथा उन्हें कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है।