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( सरकार से दरकार ) कोविड ड्यूटी के लिये औरों को 10000 प्रोत्साहन राशि लेकिन शिक्षा विभाग के कर्मचारी रह गये खाली

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देहरादून : उत्तराखंड सरकार ने कोरोना महामारी के दौरान विभिन्न सरकारी कर्मचारियों को प्रोत्साहन राशि देकर उनका उत्साह वर्धन किया है लेकिन प्राप्त जानकारी के अनुसार इसी दौरान शिक्षा विभाग के कईं कर्मचारी आज भी लगातार अपनी कोरोना ड्यूटी में लगे हुये हैं। सरकार ने अब तक उनकी कोई सुध नही ली है।

गौरतलब है कि कोरोना महामारी के दौरान जब आम आदमी घर से बाहर निकलते हुये भी डर रहा था तब उत्तराखंड के विभिन्न सरकारी महकमे के कर्मचारी कोरोना से जंग में जुटे रहे।

समय आने पर उत्तराखंड सरकार ने भी उनका पूरा सम्मान किया और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एकमुश्त प्रोत्साहन राशि के तौर पर 10000 रुपये की धनराशि स्वीकृत की।

मुख्यमंत्री ने पटवारी, लेखपाल, राजस्व निरीक्षक और नायब तहसीलदार को 10 हजार रुपये की एकमुश्त प्रोत्साहन राशि का जीओ जारी किया है। यह प्रोत्साहन राशि कोविड-19 में किए गए सराहनीय कार्यों एवं सेवाओं के लिए दी जाएगी।

राजस्व विभाग के अंतर्गत पटवारी, लेखपाल, राजस्व निरीक्षक और नायब तहसीलदार को 10 हजार रुपये की एकमुश्त प्रोत्साहन राशि देने का शासनादेश जारी कर दिया गया है।

इससे पूर्व स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों, आंगनबाड़ी और आशाओं को भी सरकार की तरफ से प्रोत्साहन राशि देने की घोषणा हो चुकी है।

लेकिन वहीं कोरोना काल में मैदान में उतारकर कोरोना वारियर की भूमिका का निर्वाह करने वाले शिक्षक और शिक्षा विभाग के अन्य कर्मचारियों की किसी ने अभी तक सुध नहीं ली।

कोरोना महामारी के दौरान शिक्षकों और शिक्षा विभाग के अन्य कर्मचारियों के कार्य और सेवाओं को अनदेखा नहीं किया जा सकता। अभी भी कई शिक्षक और कर्मचारी अपनी ड्यूटी को शत प्रतिशत निभा रहे हैं।

सरकार ने अन्य विभागों के कर्मचारियों के लिए एकमुश्त प्रोत्साहन राशि देने की घोषणा की है तो शिक्षक व शिक्षा विभाग के कर्मचारियों के प्रोत्साहन के बारे में भी सरकार को सोचना चाहिए।

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