
आजादी के अमृत महोत्सव के तहत भारत सरकार के आयुष मंत्रालय द्वारा रोग मुक्त भारत अभियान चलाया जा रहा है.
इस प्राकृतिक चिकित्सा शिविर में INO व सूर्या फाउंडेशन द्वारा सहयोग दिया जा रहा है जिसके अंतर्गत कल डोईवाला चांदमारी में निःशुल्क कैंप का आयोजन किया जा रहा है.
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प्रियंका प्रताप सिंह
देहरादून : उत्तराखंड के रोग मुक्त भारत अभियान के राज्य सह संयोजक योगाचार्य भूपेंद्र नाथ ने जानकारी देते हुये बताया कि कल 27 फरवरी को प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र निकट पतंजलि केंद्र डोईवाला चांदमारी में प्रातः10 बजे से निःशुल्क कैंप का आयोजन किया जा रहा है अधिक जानकारी के लिये 8439257797 संपर्क कर सकते है
शिविर के लाभ
प्राकृतिक चिकित्सा व योग द्वारा आधुनिक एवं असंतुलित जीवनशैली के कारण उत्पन्न शारीरिक तथा मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित समस्याओं जैसे मधुमेह, बी.पी ,मोटापा, हृदय रोग, एसिडिटी, सिर दर्द, घुटनों का दर्द,
अनिद्रा, कब्ज, डिप्रेशन, भय,चिंता,संधिवात, स्मरण शक्ति का कम होना, आदि से पीड़ित समस्याओं से मुक्ति पाने हेतु मार्गदर्शन किया जाएगा. साथ ही अहिंसक प्राणायाम, शरीरशोधन विधियां, ऊर्जा योग ,ध्यान भी स्वास्थ्य साधकों को कराया जाएगा
क्या होती है नेचुरोपैथी (प्राकृतिक चिकित्सा)
प्राकृतिक चिकित्सा स्वास्थ्य जीवन जीने की कला एवं विज्ञान है मनुष्य के शरीर में स्वयं रोग मुक्त होने की अपूर्व शक्ति है।
शरीर पांचतत्व(माह भूतों)द्वारा बना है जिनमें असंतुलन ही रोगों के उत्पन्न होने का कारण है.
इन्हीं तत्वों मिट्टी, पानी, धूप, हवा और आकाश द्वारा चिकित्सा प्राकृतिक चिकित्सा कहलाती है.
प्राकृतिक चिकित्सा के मुख्य सिद्धांत
1-सभी रोग एक उनके कारण एक एवं उनकी चिकित्सा भी एक है.शरीर में विजातीय तत्व के संग्रह होने से रोग उत्पन्न होते हैं और उनका निष्कासन ही चिकित्सा है.
2-चिकित्सा रोग की नहीं बल्कि रोगी की होती है।3-प्राकृतिक चिकित्सा द्वारा शारीरिक,मानसिक,सामाजिक(नैतिक)एवं आध्यात्मिक चारों पक्षों की चिकित्सा एक साथ की जाती है.
प्राकृतिक चिकित्सा में आहार ही औषधि है.