देहरादून ( रजनीश प्रताप सिंह तेज ) : डोईवाला तहसील में जॉलीग्रांट निवासी एक व्यक्ति के द्वारा फर्जी तरीके और धोखाधड़ी से स्थायी प्रमाण पत्र बनवाने का प्रकरण सामने आया है
जौलीग्रान्ट की राजस्व उप निरीक्षक मंजू ने इस मामले में शिकायत दी है
जिसके आधार पर यह मामला प्रकाश में आया है।
यह मामला फर्जी दस्तावेज़ और धोखाधड़ी से संबंधित है,
जिसमें अभियुक्त फिरोज खान पुत्र सलीम खान, निवासी जौलीग्रान्ट, पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं।
शिकायत के अनुसार, फिरोज खान ने तथ्यों को छिपाकर और मूल अभिलेखों में छेड़छाड़ करके कूटरचना की है
जिसके माध्यम से उसने एक फर्जी स्थायी निवास प्रमाण पत्र प्राप्त किया था।
इस प्रमाण पत्र,का नंबर UK23ES0100020933 है,
जिसे 28 जनवरी 2023 को तहसील डोईवाला से जारी किया गया था।
जब इस प्रमाण पत्र के फर्जी होने का खुलासा हुआ,
तो तहसील डोईवाला ने इसे तत्काल निरस्त कर दिया।
यह आरोप लगाया गया है कि फिरोज खान ने यह फर्जी प्रमाण पत्र धोखाधड़ी करके और अनुचित लाभ प्राप्त करने के उद्देश्य से बनवाया था।
इस कृत्य को कानून की नजर में एक गंभीर अपराध माना जाता है,
जो न केवल व्यक्तिगत लाभ के लिए धोखाधड़ी का प्रयास है,
बल्कि सरकारी प्रणाली में विश्वास को भी कमजोर करता है।
इस शिकायत के आधार पर, कोतवाली डोईवाला में मुकदमा संख्या 231/24 दर्ज किया गया है।
फिरोज खान पर भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी), 467 (महत्वपूर्ण दस्तावेज की जालसाजी), 468 (धोखाधड़ी के उद्देश्य से जालसाजी), और 471 (जाली दस्तावेज का उपयोग) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
वर्तमान में, इस मामले की जांच चल रही है।
यह घटना स्थानीय प्रशासन और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के लिए एक चेतावनी है कि
वे दस्तावेज़ों की प्रामाणिकता की जांच में और अधिक सतर्कता बरतें।
साथ ही, यह मामला समाज में फर्जी दस्तावेजों के दुरुपयोग की समस्या को भी उजागर करता है,
जिसे रोकने के लिए कड़े कदम उठाने की आवश्यकता है।