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ब्रेकिंग न्यूज़ : उत्तराखंड में पंचायत व्यवस्था पर बड़ा फैसला,प्रशासकों का कार्यकाल बढ़ा

Breaking News: Big decision on Panchayat system in Uttarakhand, tenure of administrators extended

देहरादून,9 जून 2025 ( रजनीश प्रताप सिंह तेज ) : उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत व्यवस्था (हरिद्वार जिले को छोड़कर) को लेकर एक महत्वपूर्ण अधिसूचना जारी की गई है।

शासन ने पंचायतों में नियुक्त प्रशासकों का कार्यकाल 31 जुलाई 2025 तक या नए पंचायत गठन तक, जो भी पहले हो, बढ़ा दिया है।

यह फैसला इस साल जुलाई में प्रस्तावित पंचायत चुनावों से पहले प्रशासनिक व्यवस्था को सुचारु बनाए रखने के लिए लिया गया है।

क्या है पूरा मामला ?

वर्ष 2019 में गठित प्रदेश की त्रिस्तरीय पंचायतों (हरिद्वार जिले को छोड़कर) का कार्यकाल हाल ही में समाप्त हो गया था।

उत्तराखंड पंचायतीराज अधिनियम-2016 की धारा-130 (6) के तहत पहले ग्राम पंचायतों, क्षेत्र पंचायतों और जिला पंचायतों में प्रशासक नियुक्त किए गए थे।

इन प्रशासकों का कार्यकाल क्रमशः 27 मई, 29 मई और 1 जून 2025 को समाप्त हो चुका है।

शासन ने बताया कि “अति अपरिहार्य परिस्थितियों” के कारण इन प्रशासकों के कार्यकाल समाप्त होने से पहले त्रिस्तरीय पंचायतों का सामान्य निर्वाचन कराना संभव नहीं हो सका।

अब कौन संभालेगा पंचायतों की कमान ?

जनहित और प्रशासनिक व्यवस्था के सुचारु संचालन को ध्यान में रखते हुए, शासन ने पूर्व में नियुक्त प्रशासकों के स्थान पर अब इन अधिकारियों को अधिकृत किया है:

जिला पंचायतों में: संबंधित जिलाधिकारी / जिला मजिस्ट्रेट

क्षेत्र पंचायतों में: संबंधित उपजिलाधिकारी (अपनी क्षेत्राधिकारिता में)

ग्राम पंचायतों में: संबंधित विकासखंड में तैनात सहायक विकास अधिकारी (पंचायत)

यह व्यवस्था माह जुलाई 2025 में प्रस्तावित आगामी त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव प्रक्रिया संपन्न होने तक या नवीन पंचायतों के गठन तक प्रभावी रहेगी।

अधिसूचना में यह भी स्पष्ट किया गया है कि प्रशासक नियुक्त किए जाने संबंधी पूर्व में जारी अधिसूचनाओं की शेष शर्तें यथावत रहेंगी।

इस निर्णय से राज्य की ग्रामीण प्रशासनिक व्यवस्था में निरंतरता बनी रहेगी और आगामी पंचायत चुनावों की तैयारियों को भी गति मिलेगी।

 

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