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और जब महिला की सांस की नली में फंस गयी “पान-सुपारी”

And when “betel nut” got stuck in the windpipe of the woman

देहरादून : हिमालयन हॉस्पिटल जॉलीग्रांट ने उत्तरकाशी की महिला को नया जीवन दिया है।

हॉस्पिटल के श्वास एवं छाती रोग विभाग के चिकित्सक डॉ.मनोज कुमार ने महिला की श्वास नली में फंसी पान-सुपारी को ब्रोंकोस्कॉपी विधि से सफलतापूर्वक निकाला। महिला स्वस्थ होकर अपने घर लौट चुकी हैं।

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रजनीश प्रताप सिंह तेज

हिमालयन हॉस्पिटल जॉलीग्रांट में श्वास एवं छाती रोग विभाग के चिकित्सक डॉ.मनोज कुमार ने बताया कि उत्तरकाशी के ग्राम मौर उडासा की महिला कैम्भी देवी ओपीडी में सांस संबंधी समस्या को लेकर उनसे मिली।

कुछ जरूरी स्वास्थ्य जांचों के बाद पाया की महिला रोगी के दाएं फेफड़े में कुछ बाह्य पदार्थ फंसा हुआ है।

जिस कारण फेफड़े के निचला भाग पूरी तरह सिकुड़ गया था। इस कारण महिला के जीवन पर भी संकट बन गया था। उपचार के ले बीती 18 मार्च को वह हिमालयन हॉस्पिटल में भर्ती हो गई।

परिजनों की सहमति के बाद ब्रोंकोस्कॉपी की गई। फेफड़ों में फंसे पदार्थ को बाहर निकाला गया तो वह पान-सुपारी निकली। कुछ दिनों के उपचार के बाद महिला रोगी का बंद फेफड़ा खुल गया।

महिला पूरी तरह से स्वस्थ होकर घर लौट चुकी हैं।

कैम्भी देवी ने बताया कि हिमालयन हॉस्पिटल आने से पहले वह कई दूसरे हॉस्पिटलों में भी उपचार के लिए गई थी, लेकिन उन्हें वहां स्वास्थ्य लाभ नहीं मिला।

परिजनों की सलाह के बाद वह हिमालयन हॉस्पिटल जॉलीग्रींट उपचार के लिए आई। महिला रोगी के उपचार में विभागाध्यक्ष डॉ.राखी खंडूड़ी, डॉ.राहुल गुप्ता, डॉ.सोनू (आईसीयू), डॉ.अमीता, डॉ.समसी पुंडीर, डॉ.लक्श धीमान व मुकेश का सहयोग रहा।

स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय (एसआरएचयू) के कुलाधिपति डॉ.विजय धस्माना व मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ.एसएल जेठानी ने उपचार करने वाली टीम को बधाई व महिला रोगी को शुभकामनाएं दी।

 

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