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( SOP जारी ) 1 से 5वीं तक “हाइब्रिड मोड” में चलेंगीं क्लास,शिक्षण शुल्क के अलावा नही देनी होगी कोई अन्य फीस

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—-रजनीश सैनी

देहरादून : उत्तराखंड सरकार की सचिव राधिका झा ने महानिदेशक विद्यालय शिक्षा ,निदेशक प्रारंभिक शिक्षा और निदेशक अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण को पत्र लिखकर कोविड-19 के दृष्टिगत संचालित उत्तराखंड के सभी प्राथमिक शिक्षण संस्थानों में भौतिक रूप से पठन-पाठन शुरू किए जाने को लेकर एसओपी जारी की है।जिसके प्रमुख बिंदु सरल रूप में प्रस्तुत किये जा रहे हैं।

अधिकारिक रूप से पुष्टि के लिये उत्तराखंड सरकार द्वारा जारी की गयी एसओपी को ही मान्य समझा जाये।

सचिव राधिका झा ने लिखा है की कोविड-19 के संक्रमण को देखते हुए स्कूलों में संक्रमण ना फैले इसे देखते हुए मार्च 2020 से भौतिक पठन-पाठन के लिए स्कूल बंद रखे गए हैं।

स्कूल बंद रहने से तमाम कोशिशों के बावजूद यानी ऑनलाइन और ऑफलाइन,बच्चों के सीखने के प्रतिफल प्राप्त नहीं किया जा सके जिससे अत्यधिक अधिगम ह्रास (Learning Loss) हुआ है।

वर्तमान में प्रदेश एवं राष्ट्रीय स्तर पर कोविड-19 के प्रसार में कमी को देखते हुए सरकार ने प्राथमिक स्तर पर भी स्कूलों को खोलने का निर्णय लिया है। सरकार ने इसके लिए एस ओ पी जारी की है।

प्रदेश में संचालित सभी प्राइमरी स्कूल कक्षा 1 से 5 तक 21 सितंबर 2021 से कुछ प्रतिबंधों के साथ खुल सकते हैं। स्कूलों को भलीभांति सेनेटाइज करने,सैनिटाइजर,हैंड वाश,थर्मल स्कैनिंग के साथ ही प्राथमिक उपचार की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी।

बच्चों के पानी पीने के स्थान को भी स्वच्छ रखा जाएगा।

सभी स्टूडेंट एक साथ इकट्ठे ना हो इसके लिए क्लास इंटरवल नियोजित किए जाएंगे।

कोविड-19 संक्रमण के दृष्टिगत प्रत्येक स्कूल द्वारा एक नोडल ऑफिसर नामित किया जाएगा जो सोशल डिस्टेंसिंग के साथ ही कोविड-19 प्रोटोकॉल के अनुपालन के लिए जिम्मेदार होगा।

यदि किसी स्टूडेंट,टीचर या कर्मचारी को खांसी,जुकाम या बुखार के लक्षण देखते हैं तो उन्हें प्राथमिक उपचार देते हुए वापस घर भेज दिया जाए।

कक्षा शिक्षण दो पालियों में संपादित किया जाएगा।

स्टूडेंट के अभिभावकों की सहमति के साथ उन्हें स्कूल में भौतिक रूप से उपस्थित होने की अनुमति प्रदान की जाए। इसके लिए स्टूडेंट्स स्कूल खुलने अथवा स्कूल में उपस्थित होने के 3 दिन के अंदर स्कूल मैनेजमेंट को अभिभावकों के सहमति पत्र प्रस्तुत कर सकेंगे।

स्कूल उपस्थिति के लिए लचीला रुख अपनाएंगे तथा किसी स्टूडेंट को भौतिक रूप से स्कूल आने के लिए बाध्य नहीं किया जाए।

विद्यालय का संचालन हाइब्रिड मोड में किया जाएगा जिसका अर्थ है भौतिक शिक्षण के साथ-साथ ऑनलाइन शिक्षण की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी।

अध्यापन के दौरान शिक्षक मोबाइल या किसी अन्य उपकरण से कक्षा शिक्षण कार्य को ऑनलाइन लाइव प्रसारित करेंगे जिससे ऐसे छात्र-छात्राएं जो स्कूल में भौतिक रूप से उपस्थित नहीं हो पा रहे हैं वो घर पर रहकर ही कक्षा शिक्षण से जुड़ सकेंगे।

यदि कोई स्टूडेंट बिना मास्क के स्कूल में आता है तो स्कूल ऐसे स्टूडेंट्स के लिए मास्क की व्यवस्था करेंगे।

ऐसे शिक्षण संस्थान जिसमें स्टूडेंट्स पब्लिक ट्रांसपोर्ट का उपयोग करते हुए विद्यालय में आते हैं उनके पब्लिक ट्रांसपोर्ट को भी सोशल डिस्टेंसिंग के साथ बच्चों को बिठाने तथा पब्लिक ट्रांसपोर्ट को समय-समय पर सेनेटाइज करवाने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।

स्कूल के सभी टीचर,कर्मचारी, भोजन माताओं की वैक्सीनेशन यथासंभव व्यवस्था सुनिश्चित कर ली जाए। कक्षा 1 से 5 तक की कक्षाओं के भौतिक रूप से पठन-पाठन कराए जाने के साथ-साथ ऑनलाइन पठन-पाठन की व्यवस्था यथावत जारी रखी जाए।

कोविड-19 के फैलाव और उससे बचने के उपाय से सभी स्टूडेंट्स और उनके अभिभावकों को जागरूक किया जाए।

विद्यालय में प्रार्थना सभा ,बालसभा ,खेल ,संगीत ,सांस्कृतिक कार्यक्रम और अन्य सामूहिक गतिविधियां जिनसे की कोविड-19 के संक्रमण का खतरा हो अगले आदेशों तक स्थगित रखा जाए।

सभी स्कूल मैनेजमेंट यह सुनिश्चित कर लें कि बच्चों से शिक्षण शुल्क के अतिरिक्त अन्य गतिविधियों से संबंधित शुल्क किसी भी दशा में ना लिया जाए।

स्कूल में पका पकाया भोजन अगले आदेश तक उपलब्ध ना कराया जाए परंतु भोजन माता नियमित रूप से स्कूल में उपस्थित रहेंगी तथा स्टूडेंट्स के सैनिटाइजेशन व अन्य कोविड-19 प्रोटोकोल के पालन में संस्था का सहयोग करेंगीं।

विद्यालय परिसर में स्टूडेंट्स को लंचबॉक्स अथवा भोज्य पदार्थ लाने की अनुमति नहीं होगी। इसके लिए स्कूल मैनेजमेंट की ओर से नियमित अनुश्रवण किया जाए।

क्लास 1 से 5 तक की कक्षाएं 3 घंटे संचालित की जाएंगी। जिन स्कूल में कक्षा शिक्षण दो पालियों में संचालित होगा विद्यालय प्रबंधन समय सारिणी में परिवर्तन कर सकेगी तथा प्रथम पाली के बाद कक्षा-कक्षों को सैनिटाइज किए जाने के बाद ही दूसरी पाली शुरू होगी।

डेंगू एवं मलेरिया के अपेक्षित प्रसार को देखते हुए स्कूल अवधि में फुल बाजू के पेंट शर्ट/सलवार कमीज पहनकर की स्टूडेंट्स उपस्थित होने का निर्देश दिया जाए। 

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