होली पर केमिकल रंग पहुंचा सकते हैं नुकसान,एम्स ऋषिकेश ने जारी की एडवाइजरी
Chemical colours on Holi can cause harm, AIIMS Rishikesh issued advisory

देहरादून,13 मार्च 2025 ( रजनीश प्रताप सिंह तेज ) : होली के त्योहार पर बाजार में केमिकल युक्त रंगों की भरमार देखने को मिल रही है.
विशेषज्ञों के अनुसार ये रसायनिक रंग आंखों और त्वचा दोनों के लिए हानिकारक साबित हो सकते हैं.
इन रंगों से अस्थमा और एलर्जी की समस्याएं भी बढ़ सकती हैं.
इसी को ध्यान में रखते हुए All India Institute of Medical Sciences,Rishikesh एम्स ऋषिकेश ने होली पर विशेष स्वास्थ्य एडवाईजरी Special Health Advisory जारी कर आम लोगों को सावधानियां बरतने की सलाह दी है.
रंग व गुलाल खेलते वक्त बरतें सावधानियां
होली के रंगीन त्योहार में आनंद के साथ-साथ अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना भी अत्यंत आवश्यक है.
खासकर जब हम प्राकृतिक रंगों के स्थान पर केमिकल युक्त रंगों का उपयोग करते हैं,
तो इसका हमारी त्वचा और शरीर के अन्य अंगों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है.
विशेषज्ञ चिकित्सकों का कहना है कि इन रंगों से सबसे अधिक हमारी आंखें
और चेहरे की त्वचा प्रभावित होती है.
ऐसे में जरूरी है कि होली खेलते समय हम अपने स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें.
ऐसे रखें आंखों का खयाल
एम्स ऋषिकेश में नेत्र रोग के विभागाध्यक्ष डॉ. संजीव कुमार मित्तल ने बताया
कि होली पर अपनी आंखों की विशेष देखभाल करना अति आवश्यक है.
उन्होंने कहा कि होली के अगले दिन कई लोग आंखों में जलन, दर्द और दृष्टि में कमी की शिकायत लेकर अस्पताल आते हैं.
डॉ. मित्तल के अनुसार आंखों की सुरक्षा के लिए निम्न सावधानियां बरतें:
कोशिश करें कि रंगों के छींटे आंखों में न जाएं.
हमेशा प्राकृतिक और हर्बल रंगों का उपयोग करें, ये आंखों के लिए कम हानिकारक होते हैं.
यदि रंग आंखों में चला जाए तो आंखों को तुरंत साफ पानी से धोएं.
आंखों को कभी भी रगड़ें नहीं.
चेहरे और त्वचा का करें बचाव
त्वचा रोग विभाग के प्रमुख डॉ. नवीन कुमार कंसल ने बताया कि केमिकल रंगों के इस्तेमाल से चेहरे पर जलन की समस्या हो जाती है.
इसके अलावा यदि ये रंग मुंह में चले जाएं तो अस्थमा और एलर्जी की शिकायत के साथ-साथ इनसे चेहरा भी खराब हो सकता है.
नकली रंगों से अक्सर निम्न समस्याएं होती हैं:
चेहरे पर जगह-जगह दाने निकलना
त्वचा में खुजली होना
त्वचा का लाल हो जाना
त्वचा में जलन पैदा होना
डॉ. कंसल ने सलाह दी है कि:
होली में केवल प्राकृतिक रंगों का उपयोग करें.
बाजार में उपलब्ध अधिकांश रंगों में पारा, सिलिका, अभ्रक और सीसे का मिश्रण होता है.
त्वचा पर प्रतिकूल प्रभाव से बचने के लिए होली खेलने से पहले नारियल या सरसों का तेल लगाएं.