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नेपाली महापौरों के दल ने एसआरएचयू पहुंच जाना जल प्रबंधन का मंत्र

A group of Nepalese mayors reached SRHU and learnt the mantra of water management

देहरादून,22 अप्रैल 2025 ( रजनीश प्रताप सिंह तेज) : नेपाल की दस नगरपालिकाओं के महापौरों के एक प्रतिनिधिमंडल ने स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय (एसआरएचयू), जौलीग्रांट का दौरा किया.

इस दौरान उन्होंने भारत में जल संकट से निपटने के लिए स्प्रिंगशेड प्रबंधन के क्षेत्र में किए जा रहे प्रयासों को जाना.

इस विनिमय कार्यक्रम में दोनों देशों के अनुभवों और तकनीकों को साझा किया गया.

एसआरएचयू में स्वागत एवं संबोधन:

अंतर्राष्ट्रीय एकीकृत पर्वतीय विकास केंद्र (आईसीआईमोड) के नेतृत्व में आए नेपाली महापौरों के दल का एसआरएचयू पहुंचने पर भव्य स्वागत किया गया.

इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में एसआरएचयू के अध्यक्ष डॉ. विजय धस्माना ने नेपाल और उत्तराखंड की समान भौगोलिक परिस्थितियों पर प्रकाश डाला और दोनों क्षेत्रों के बीच आपसी सीख और सहयोग की आवश्यकता बताई.

उन्होंने जल संकट की चुनौती का उल्लेख करते हुए एसआरएचयू द्वारा पेयजल और स्वच्छता के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी,

जिसके तहत 600 से अधिक गांवों में स्वच्छ जल पहुंचाया गया है

उन्होंने हिमालय से गंगासागर तक जल संरक्षण और कौशल विकास पर चल रहे राष्ट्रीय स्तर के प्रयासों का भी उल्लेख किया

संस्थापक स्वामी राम और विश्वविद्यालय का परिचय:

महानिदेशक शैक्षणिक विकास डॉ. विजेंद्र चौहान ने संस्थापक स्वामी राम के सामाजिक कार्यों और विश्वविद्यालय की स्थापना के उद्देश्यों पर जानकारी.

कुलपति डॉ. राजेन्द्र डोभाल ने नेपाली प्रतिनिधिमंडल का स्वागत करते हुए आभार व्यक्त किया.

देहरादून नगर निगम का दृष्टिकोण:

देहरादून के महापौर सौरभ थपलियाल ने नेपाली महापौरों को देहरादून नगर निगम के कार्यों के बारे में विस्तार से बताया.

और उन्हें नगर निगम का दौरा करने का निमंत्रण दिया,

जिससे वे शहरी स्तर पर जल प्रबंधन और अन्य विकास कार्यों को समझ सकें

तकनीकी सत्र एवं स्थलीय निरीक्षण:

तकनीकी सत्र में एसआरएचयू के सलाहकार एच.पी. उनियाल ने भारतीय हिमालयी क्षेत्र में स्प्रिंगशेड प्रबंधन की तकनीकों और उनके महत्व पर विस्तृत प्रस्तुति दी.

इसके बाद, प्रतिनिधिमंडल ने एसआरएचयू में स्थापित रेन वॉटर हार्वेस्टिंग मॉडल का स्थलीय निरीक्षण किया,

जिससे उन्हें पूरे वर्ष वर्षा जल के संग्रहण की प्रभावी तकनीक देखने को मिली। उन्होंने सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के बारे में भी जानकारी प्राप्त की.

प्रतिभागियों की उपस्थिति:

इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में प्रति कुलपति डॉ. ऐके देवरारी, मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल ले.ज. दलजीत सिंह, एवीएसएम, वीएसएम (सेनि), आईसीआईएमओडी नेपाल के डॉ. संजीव बुचर, पीएसआई के डॉ. देबाशीष सेन, डॉ. राजीव बिजल्वाण, नितेश कौशिक आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे.

यह विनिमय कार्यक्रम नेपाल और भारत के बीच स्प्रिंगशेड प्रबंधन और जल संरक्षण के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.

दोनों देशों के अनुभवों के आदान-प्रदान से जल संकट जैसी चुनौतियों से निपटने के लिए बेहतर रणनीतियाँ विकसित करने में मदद मिलेगी.

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