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उत्तराखंड के 7 साल की बच्ची के बलात्कार और हत्या मामले में SC ने दोषी को किया बरी

SC acquitted the accused in the rape and murder case of a 7-year-old girl in Uttarakhand

 

नयी दिल्ली ,11 सितम्बर 2025 ( रजनीश प्रताप सिंह तेज ) : सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड के 7 वर्षीय बच्ची से बलात्कार और हत्या के मामले में मौत की सजा पाये एक दोषी को साक्ष्यों के आधार पर बरी कर दिया है.

यह मामला उत्तराखंड में 2014 का है.

जिसे ‘छोटी निर्भया’ केस भी कहा जाता है.

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार न्यायमूर्ति विक्रम नाथ, संजय करोल और संदीप मेहता की पीठ ने दोषी ठहराने और मौत की सजा देने के निचली अदालत और उत्तराखंड उच्च न्यायालय के फैसले को रद्द कर दिया.

पीठ ने एक अन्य आरोपी को भी बरी कर दिया,

जिसे सात साल कैद की सजा सुनाई गई थी.

अदालत ने कहा कि इस केस की जांच में कई खामियां थीं.

अभियोजन पक्ष आरोपी के खिलाफ मामला साबित करने में विफल रहा,

क्योंकि यह मामला पूरी तरह से परिस्थितिजन्य साक्ष्यों (Circumstantial Evidence) पर आधारित था.

मृत्यु दण्ड को लेकर अदालत रहें अधिक सतर्क

न्यायमूर्ति संदीप मेहता ने लिखा कि मृत्युदंड देते समय “अत्यधिक सतर्कता” बरती जानी चाहिए

उन्होंने कहा, “निचली अदालतों के साथ-साथ उच्च न्यायालयों को भी मृत्युदंड देने से पहले उच्चतम स्तर की सावधानी बरतनी होगी

मृत्युदंड की अपरिवर्तनीय प्रकृति यह मांग करती है कि इसे केवल ‘दुर्लभ से दुर्लभतम’ (Rare of the rarest) मामलों में ही दिया जाए… अभियोजन पक्ष के मामले में थोड़ी सी भी शंका या कमी भी इस तरह की सजा देने के खिलाफ होनी चाहिए।”

अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष “आरोपी-अपीलकर्ताओं के अपराध को साबित करने के लिए आवश्यक परिस्थितियों की पूरी और अटूट श्रृंखला स्थापित करने में विफल रहा।”

अदालत ने आदेश दिया कि यदि वे किसी अन्य मामले में वांछित नहीं हैं, तो उन्हें तत्काल रिहा किया जाए.

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