डोईवाला मणि माई मंदिर के पास हथिनी के हमले में एक गंभीर घायल
देहरादून के डोईवाला में मणिमाई मंदिर के पास कल रात एक हथिनी के हमले में 45 वर्षीय संजय साहू गंभीर रूप से घायल हो गए हथिनी अपने बच्चे के साथ सड़क पार कर रही थी जब भीड़ और शोर के कारण वह आक्रामक हो गई संजय साहू की छाती और पैर में चोटें आई हैं, और उन्हें हायर सेंटर रेफर किया गया है यह घटना हाथियों के कॉरिडोर में अतिक्रमण की समस्या को उजागर करती है

- हथिनी के हमले में व्यक्ति गंभीर घायल
- मणिमाई मंदिर के पास हुई घटना
- भीड़ और शोर से हथिनी हुई आक्रामक
- घायल को हायर सेंटर किया गया रेफर
- एलिफेंट कॉरिडोर की समस्या फिर उजागर
देहरादून,19 जुलाई 2025 ( रजनीश प्रताप सिंह तेज ) : डोईवाला के मणिमाई मंदिर के समीप कल देर रात एक हथिनी के अचानक हमले में एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया.
इस हृदय विदारक घटना में घायल व्यक्ति की छाती की पसलियां और पैर में गहरी चोटें आई हैं, और उनकी हालत नाजुक बनी हुई है.
कब और कहां हुई घटना ?
मिली जानकारी के अनुसार, यह घटना तब हुई जब एक हथिनी अपने बच्चे के साथ जंगल से निकलकर मणिमाई मंदिर के नजदीक सड़क पार कर रही थी
संयोगवश, सावन के महीने के कारण मणिमाई मंदिर के पास कांवड़ियों का भंडारा लगा हुआ था, जिससे उस क्षेत्र में असाधारण भीड़भाड़ और वाहनों की आवाजाही थी.
हथिनी का आक्रामक व्यवहार
बताया जा रहा है कि सड़क पार करते समय हथिनी का बच्चा पीछे रह गया, और जब वह उसे लेने के लिए मुड़ी, तो लोगों के शोर और लगातार वाहनों की आवाजाही ने उसे भयभीत और आक्रामक कर दिया.
क्रोधित हथिनी ने वहीं खड़ी एक ट्रॉली को पलट दिया, जिससे इलाके में दहशत फैल गई.
घायल व्यक्ति और उपचार
इसी अफरा-तफरी के बीच, देहरादून के हर्रावाला सिद्धपुरम निवासी 45 वर्षीय संजय साहू अपनी स्कूटी से उस रास्ते से गुजर रहे थे.
दुर्भाग्यवश, हथिनी ने संजय साहू पर हमला कर दिया, जिससे उन्हें गंभीर चोटें आईं.
तत्काल कार्रवाई करते हुए, हाईवे एंबुलेंस ने घायल संजय साहू को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र डोईवाला पहुंचाया, जहां उन्हें प्राथमिक उपचार दिया गया.
हालांकि, उनकी गंभीर स्थिति को देखते हुए, उन्हें तुरंत हायर सेंटर रेफर कर दिया गया है.
मानव-वन्यजीव संघर्ष की बढ़ती चिंता
यह घटना एक बार फिर उस ज्वलंत मुद्दे को उजागर करती है कि लच्छीवाला टोल के आसपास का क्षेत्र, जिसे कभी एलिफेंट कॉरिडोर Elephant Corridor माना जाता था, आज भी हाथियों का मुख्य मार्ग बना हुआ है.
भले ही सरकारी दस्तावेजों में इस कॉरिडोर का दर्जा समाप्त कर दिया गया हो, लेकिन इस क्षेत्र से हाथियों का लगातार गुजरना, और विशेष रूप से मनुष्यों के साथ उनका सामना, मानव-वन्यजीव संघर्ष की बढ़ती चुनौती की ओर इशारा करता है.
आए दिन लच्छीवाला में हाथियों के झुंड देखे जाते हैं, जो भविष्य में ऐसी और घटनाओं की आशंका को बल देते हैं.