
- चेक बाउंस मामले में सलीम उर्फ वसीम बरी
- न्यायिक मजिस्ट्रेट विशाल वशिष्ठ ने दोषमुक्त किया
- अभियुक्त ने गारंटी के तौर पर चेक दिया
- परिवादी कोई ठोस सबूत पेश न कर सका
- अदालत ने चेक के दुरुपयोग का मामला पाया
देहरादून,17 जुलाई 2025 ( रजनीश प्रताप सिंह तेज ) : न्यायिक मजिस्ट्रेट डोईवाला, विशाल वशिष्ठ की अदालत ने 138 एन.आई. एक्ट Negotiable Instrument Act,1881 (चेक बाउंस) के एक महत्वपूर्ण मामले में अभियुक्त सलीम उर्फ वसीम को दोषमुक्त कर दिया है.
यह फैसला गुरुवार को सुनाया गया, जिससे अभियुक्त को बड़ी राहत मिली है.
अभियुक्त सलीम उर्फ वसीम के अधिवक्ता साकिर हुसैन ने बताया कि यह मामला 2018 का है.
सलीम उर्फ वसीम ने उस वर्ष दो व्यक्तियों के बीच हुए सुलह-समझौते में गारंटी के तौर पर एक चेक परिवादी को दिया था.
अधिवक्ता के अनुसार, सलीम उर्फ वसीम ने उस समझौते के तहत कुछ धनराशि परिवादी के कर्मचारी के खाते में जमा करवा दी थी और शेष धनराशि भी एक माह के भीतर चुका दी थी.
हालांकि, परिवादी ने अभियुक्त का चेक वापस नहीं किया और उसका दुरुपयोग करते हुए न्यायालय में वाद दायर कर दिया.
न्यायालय में सुनवाई के दौरान, परिवादी कोई ठोस साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर पाया.
परिवादी की जिरह (क्रॉस-एग्जामिनेशन) में यह बात भी सामने आई कि अभियुक्त के साथ उसका कोई सीधा लेनदेन नहीं था.
इसके अतिरिक्त, परिवादी द्वारा यह साबित करने के लिए कोई साक्ष्य पत्रावली पर नहीं लगाया गया कि उसने अभियुक्त को किस प्रकार धनराशि दी थी.
इन सभी तथ्यों और साक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए, न्यायालय ने अभियुक्त सलीम उर्फ वसीम को दोषमुक्त करार दिया.