डोईवाला चीनी मिल में पुरानी गन्ना पर्ची और ओवरलोडिंग को लेकर किसानों की वार्ता
Farmers talk to ED regarding old sugarcane slip and overloading in Doiwala sugar mill
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देहरादून,13 फरवरी 2025 (रजनीश प्रताप सिंह तेज ) : डोईवाला चीनी मिल में आज शाम लगभग 6 बजे 72 घंटे पुरानी गन्ना पर्चियों का तौल अचानक बंद कर दिया गया।
जिससे सैकड़ों किसान परेशान हो गए।
इस समस्या का पता लगने पर कई किसान नेता शुगर मिल डोईवाला पहुंचे।
किसान नेता सुरेंद्र सिंह खालसा, सुरेंद्र सिंह राणा और अजीत सिंह किसानों के साथ डोईवाला चीनी मिल पहुंचे और अधिशासी निदेशक (ईडी) से भेंट कर अपनी समस्या का जिक्र किया।
ईडी ने समस्या को सुनते हुए तुरंत गेट खुलवा दिया
और कहा कि कल तक पुरानी पर्चियों का तौल जारी रहेगा।
किसान नेता सुरेंद्र सिंह राणा ने बताया कि डोईवाला गन्ना सहकारी समिति के सचिव गांधीराम द्वारा एक पत्र जारी किया गया है।
जिसमें ओवरलोड वाहन का तौल नहीं करने और 72 घंटे पुरानी गन्ने की पर्चियों का तौल नहीं करने की बात कही गई है।
श्री राणा का कहना है कि यह सब गन्ना सचिव गांधीराम के द्वारा की गई है।
गन्ना किसानों ने अधिशासी निदेशक के कार्यों की सराहना करते हुये
उन्हें किसानों के हित में कार्य करने वाला अधिकारी बताया है
कल किसान 11 बजे गन्ना समिति डोईवाला में एकत्रित होकर समिति के सचिव के इस फरमान को निरस्त कराने के लिए एकजुट होंगे।
यूके तेज द्वारा डोईवाला गन्ना सहकारी समिति के सचिव गांधीराम सिंह से उनका पक्ष जानने की कोशिश की गई,
लेकिन उनका फोन स्विच ऑफ आ रहा था।
क्या है मामला:
दरअसल, सहकारी गन्ना विकास समिति लिमिटेड डोईवाला के सचिव प्रभारी गांधीराम ने 7 फरवरी 2025 को एक पत्र लिखा था।
जिसमें उन्होंने गन्ना आपूर्ति एवं सट्टा नीति के प्रस्तर संख्या 7 का हवाला देते हुए कहा था
कि किसानों को जारी की गई पर्ची की तारीख से 3 दिन के भीतर निर्धारित स्थल पर तौल करवाना होगा।
इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि अनुमन्य अवधि के पश्चात तौल नहीं किया जाएगा।
उन्होंने गन्ना आपूर्ति एवं सट्टा नीति के प्रस्तर संख्या 7 का हवाला देते हुए कहा था
कि किसानों को जारी की गई पर्ची पर अंकित वजन से अधिक गन्ने का तौल किसी भी दशा में नहीं होगा।
हालांकि, व्यवहारिकता के दृष्टिगत 15% तक की छूट अनुमन्य होगी।
उन्होंने कहा कि चीनी मिल में किसानों को दो माह पूर्व जारी पर्चियों पर भी तौल हो रहा है
और निर्धारित सीमा से अधिक ओवरवेट तौल भी हो रहा है।
जिस कारण अन्य किसानों के कैलेंडर प्रभावित हो रहे हैं।
इस पत्र में कहा गया है कि किसानों के हित में ओवरवेट एवं किसानों को जारी की गई पर्ची की अनुमन्य अवधि के पश्चात तौल करवाने पर रोक लगाई जाए,
जिससे अन्य किसानों के कैलेंडर समानुपातिक चल सके।
अब देखना होगा कि किसानों की इस समस्या का क्या समाधान निकलता है
और क्या गन्ना सचिव गांधीराम का यह फरमान रद्द होता है या नहीं।