आर्य समाज करेगा डोईवाला में ‘वेद प्रचार सप्ताह’ का आयोजन
Arya Samaj will organize 'Ved Prachar Saptah' in Doiwala
देहरादून ( रजनीश प्रताप सिंह तेज ) : आर्य समाज मंदिर डोईवाला ने वैदिक ज्ञान के प्रचार-प्रसार के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है।
मंदिर की अंतरंग सभा में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए,
जिनमें से सबसे प्रमुख है ‘वेद प्रचार सप्ताह’ का आयोजन।
बैठक की अध्यक्षता आर्य समाज मंदिर की प्रधान ओकेश चौहान ने की।
इस बैठक का मुख्य उद्देश्य आगामी वर्ष 2024-25 में होने वाले विभिन्न कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार करना
और मंदिर भवन के निर्माण संबंधी योजनाओं पर चर्चा करना था।
श्रीमती चौहान ने बताया कि आर्य समाज मंदिर डोईवाला लंबे समय से धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से स्थानीय नागरिकों को वेदों के प्रति जागरूक करने का प्रयास करता रहा है।
इसी श्रृंखला में अब ‘वेद प्रचार सप्ताह’ का आयोजन किया जाएगा।
यह कार्यक्रम न केवल मंदिर परिसर में होगा, बल्कि
इसके अंतर्गत घर-घर जाकर लोगों को वेदों के महत्व से अवगत कराया जाएगा।
यह पहल वैदिक ज्ञान को जन-जन तक पहुंचाने में मददगार साबित होगी।
बैठक में मंदिर के मंत्री वेद प्रकाश धीमान ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
उन्होंने आर्य समाज मंदिर द्वारा किए गए विभिन्न कार्यों का विवरण प्रस्तुत किया
और साथ ही मंदिर की आय और व्यय का लेखा-जोखा भी सभा के समक्ष रखा।
श्री धीमान ने कहा कि ‘वेद प्रचार सप्ताह’ जैसे कार्यक्रम का आयोजन न केवल वैदिक ज्ञान के प्रसार में सहायक होगा,
बल्कि यह समाज में नैतिक और आध्यात्मिक मूल्यों को बढ़ावा देने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
यह पहल युवा पीढ़ी को भारतीय संस्कृति और परंपराओं से जोड़ने में भी सहायक होगी।
आर्य समाज मंदिर डोईवाला की यह पहल स्थानीय समुदाय में वेदों के प्रति रुचि जगाने और
उनके महत्व को समझाने में एक महत्वपूर्ण कदम है।
यह आशा की जाती है कि इस तरह के प्रयासों से न केवल वैदिक ज्ञान का प्रसार होगा,
बल्कि समाज में सामंजस्य और एकता की भावना भी मजबूत होगी।
इस अवसर पर जिला मंत्री सुरेन्द्र कुमार, संगठन मंत्री तरोत्तम चौहान, उप प्रधान संजय सक्सेना, नेत्रपाल रोहिला, कोषाध्यक्ष जयदेव धीमान, हरीश चन्द्र वर्मा, सुरेन्द्र वर्मा, नरेन्द्र वर्मा, रणवीर चौहान, मनीष धीमान, पिंकी देवी, सुदेश देवी, मीना सावन, पूनम प्रधान, धर्मेन्द्र कुमार, अर्चना वर्मा आदि उपस्तिथ थे।