जल निगम,जल-संस्थान संयुक्त मोर्चे की रैली 27 को,उत्तराखंड सरकार की हड़ताल पर 6 माह की रोक
देहरादून ( रजनीश प्रताप सिंह तेज ) : अपनी विभिन्न मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे जल-निगम,जल-संस्थान संयुक्त मोर्चे के द्वारा जहां आंदोलन को और तेज करते हुये रैली निकालने की तैयारी है
वहीं सरकार ने अगले 6 माह के लिए विभाग में हड़ताल पर रोक लगा दी है
हड़ताल पर लगी 6 माह की रोक
उत्तराखंड सरकार के द्वारा उत्तर प्रदेश अत्यावश्यक सेवाओं का अनुरक्षण अधिनियम 1966 (जैसा कि उत्तराखंड में लागू है ) के तहत अगले 6 महीने की अवधि के लिए पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के अंतर्गत उत्तराखंड पेयजल संसाधन विकास एवं निर्माण निगम तथा उत्तराखंड जल संस्थान की समस्त श्रेणी की सेवा में तात्कालिक प्रभाव से हड़ताल निषिद्ध की गई है
इस बारे में उत्तराखंड सरकार के द्वारा कल यानि 24 फ़रवरी 2024 को शासनादेश जारी कर दिया गया है
क्या है संगठन की प्रतिक्रिया
उत्तराखंड सरकार के द्वारा इस आंदोलन को लेकर कल शासनादेश के माध्यम से हड़ताल पर 6 महीने की रोक के बारे में प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए आंदोलनकारी रमेश बिंजोला ने कहा कि हड़ताल ही एकमात्र आंदोलन का तरीका नही है
हमारे पास आंदोलन करने के अन्य विकल्प मौजूद हैं
हम धरना-प्रदर्शन,भूख हड़ताल भी कर सकते हैं
श्री बिंजोला ने स्पष्ट किया है कि सरकार के द्वारा हड़ताल पर रोक लगाने से उनकी रैली पर को प्रभाव नही पड़ेगा
27 फ़रवरी को जल-निगम,जल-संस्थान संयुक्त मोर्चे के द्वारा रैली निकाली जानी तय है
क्या हैं प्रमुख मांगें
यूके तेज से बात करते हुए जल-निगम,जल-संस्थान संयुक्त मोर्चे के संयोजक विजय खाली ने कहा कि हमारी दो प्रमुख मांगें हैं
पहली मांग
जल निगम और जल संस्थान का एकीकरण करते हुए तुरंत राजकीय विभाग घोषित किया जाए
दूसरी मांग
हमारी दूसरी मांग है की बाहरी एजेंसी से कोई काम न कराया जाए
वर्तमान में मेंटेनेंस ,सीवरेज जैसे कार्य शहरी विकास विभाग और वर्ल्ड बैंक के माध्यम से कराए जा रहे हैं
यूके तेज से बात करते हुए कुमाऊं एवं गढ़वाल मंडल के अधीक्षण अभियंता/अधिशासी अभियंता एवं कर्मचारी संगठन की ओर से रमेश बिंजोला ने कहा कि ‘निर्माण कार्य’ पेयजल निगम के द्वारा जबकि ‘संचालन’ के कार्य पेयजल संस्थान के माध्यम से होने चाहिए
क्या रही अब तक की गतिविधियां
उत्तराखंड जल संस्थान कर्मचारी संगठन एवं जल संस्थान/जल निगम संयुक्त मोर्चे द्वारा राजकीयकरण के संबंध में आंदोलन किया जा रहा है
उत्तराखंड शासन द्वारा दिनांक 27 फरवरी 2024 को उत्तराखंड जल संस्थान के मुख्य महाप्रबंधक, पेयजल निगम के एमडी एवं मुख्यअभियंता को इस संदर्भ में अपने-अपने विभाग की आख्या /प्रस्ताव के साथ शासन में उपस्थित होने हेतु निर्देशित किया गया है l
इस बारे में बीते रोज यानि दिनांक 24 फरवरी 2024 को प्रबंधक पक्ष द्वारा 4:00 बजे कर्मचारी संगठन, डिप्लोमा इंजीनियर संघ को राजकीय करण एवं एकीकरण के संदर्भ में अपने विचार/पक्ष रखने के लिए आमंत्रित किया गया था l
जिसमें मुख्य महाप्रबंधक,महाप्रबंधक मुख्यालय,महाप्रबंधक कुमाऊं मंडल,अधीक्षण अभियंता ग्रामीण सचिव प्रशासन, सचिव अप्रेजल वरिष्ठ लेखाधिकारी, कुमाऊं एवं गढ़वाल मंडल के अधीक्षण अभियंता/अधिशासी अभियंता एवं कर्मचारी संगठन की ओर से रमेश बिंजोला, श्याम सिंह नेगी, शिशुपाल रावत, रामचंद्र सेमवाल, संदीप मल्होत्रा, लाल सिंह रौतेला ,धन सिंह चौहान ,कृति नेगी, जीवानंद भट्ट ,प्रदीप तोमर एवं डिप्लोमा इंजीनियर संघ की ओर से जयपाल सिंह चौहान, मनोज बरगली, बीएस रावत विनोद पांडे, संजय सेनवाल आदि उपस्थित थे l
बैठक में उपस्थित प्रबंधक पक्ष, कर्मचारी संगठन, डिप्लोमा संघ द्वारा विभाग के राजकीयकरण के साथ एकीकरण के प्रस्ताव पर सहमति बनी थी
6 माह के समय देने के संबंध में कोई चर्चा/विचार विमर्श नहीं किया गया
इस बारे में संगठन के पदाधिकारियों का कहना है कि कर्मचारी संगठन एवं संयुक्त मोर्चा ऐसे किसी भी प्रस्ताव का विरोध करता है
और कर्मचारियों से आवहlन करता है कि पूर्व से निर्धारित दिनांक 27 फरवरी 2024 को जल भवन मुख्यालय से निकलने वाली रैली में शत प्रतिशत प्रतिभाग करें
उन्होंने कहा कि इस महारैली एवं संघर्ष को सफल बनाएं l