IAS officer and managing director of the Uttarakhand Sugars,Uday Raj Singh did surprise inspection of Sugar Mill,Doiwala.
After inspection,addresing to media Uday Raj Singh expressed his satisfaction and praises the work style of executive director D.P. Singh.
देहरादून : एक-एक चीज का किया बारीकी से निरीक्षण
अपनी लगातार उपलब्धियों के चलते खबरों में बनी हुई डोईवाला सुगर मिल के निरीक्षण के लिए स्वयं उत्तराखंड सुगर्स के प्रबंध निदेशक, आईएएस अधिकारी उदय राज सिंह बीती रात्रि अचानक चीनी मिल द्वारा पहुंचे.
रात लगभग 8:30 बजे उदय राज सिंह ने डोईवाला चीनी मिल का औचक निरीक्षण किया इस दौरान उन्होंने कृषक विश्राम गृह, पेयजल व्यवस्था, चीनी मिल का पेराई कार्य ,चीनी मिल में स्थापित की गई दो एवापोरेटर बॉडी और ड्रायर हाउस में उत्पादित चीनी का जायजा लिया.
प्रबंध निदेशक उदय राज सिंह ने ड्रायर हाउस में अपने निरीक्षण के दौरान उत्पादित की गई चीनी की बोरियों का वजन भी करवाया जो कि उनकी जांच में सही पाया गया.
चीनी मिल के लिये “मील का पत्थर”
प्रबंध निदेशक के द्वारा किए गए औचक निरीक्षण के दौरान मिल प्रशासन से पेराई सत्र के बारे में कई जानकारियां ली गई जिससे वह पूर्णता संतुष्ट नजर आए.
उत्तराखंड सुगर्स के प्रबंध निदेशक उदय राज सिंह ने मीडिया को बताया कि डोईवाला चीनी मिल पेराई सत्र शुरू होने से कुछ माह पहले ही पीसीएस अधिकारी दिनेश प्रताप सिंह ने अधिशासी निदेशक का कार्यभार ग्रहण किया जिनके द्वारा मिल में बहुत अच्छा कार्य किया जा रहा है.
उन्होंने बताया कि गदरपुर चीनी मिल से लाई गई क्वाड बॉडी को अधिशासी निदेशक ने बहुत ही कम समय में स्थापित करवाया जो कि इस चीनी मिल के आधुनिकीकरण की तरफ पहला कदम साबित हुआ.
जिस का संचालन शुरू होने के बाद चीनी मिल में पहली बार 1 दिन में 2900 कुंटल चीनी उत्पादित करने का कीर्तिमान स्थापित हो सका
भुगतान भी और सहूलियत भी
प्रबंध निदेशक उदय राज सिंह ने बताया कि मिल में पिछले कई सालों से केन यार्ड कच्चा होने के कारण बरसात के मौसम में कृषकों को अत्यधिक कीचड़ में से आना जाना पड़ता था जिससे किसानों को बहुत परेशानी होती थी.
इस परेशानी को देखते हुए इस साल केन यार्ड को पक्का करवा दिया गया है.
चीनी मिल द्वारा पिछले साल कृषकों को कुल 37.45 करोड का भुगतान मिल स्तर से किया गया था जबकि इस साल मिल द्वारा अभी तक लगभग 40 करोड़ से अधिक का भुगतान मिल स्तर से किया जा चुका है.
पीपीपी मोड के मुहाने पर खड़ी थी मिल
प्रबंध निदेशक द्वारा बताया गया कि पिछले पेराई सत्र में अपेक्षा के अनुरूप परिणाम प्राप्त ना होने के कारण डोईवाला चीनी मिल पीपीपी मोड की तरफ जा रही थी.
उसको अधिशासी निदेशक डीपी सिंह की बेहतर कार्यशैली और प्रशासकीय क्षमता के चलते वर्तमान सत्र 2022-23 में पिछले पेराई सत्र की अपेक्षा अत्याधिक सकारात्मक परिणाम मिल को प्राप्त हुए हैं जो कि सराहनीय है.
ये रहे मुख्य रूप से उपस्थित
औचक निरीक्षण के दौरान अधिशासी निदेशक डीपी सिंह, विजय पांडे महाप्रबंधक पीके पांडे ,मुख्य रसायनज्ञ ,एके पाल ,सर्वजीत सिंह, अरविंद कुमार शर्मा ,मांगे सिंह ,अखिलेश सिंह, सिद्धार्थ दीक्षित ,अजीत सिंह ,अमरजीत सिंह ,सुषमा आर्य ,गोपाल शर्मा आदि उपस्थित थे.