“मौत की पिस्तौल” बेचने वाला गिरफ्तार,डोईवाला,नागल ज्वालापुर के राहुल की मौत का है मामला

डोईवाला के नागल ज्वालापुर निवासी राहुल नाम के व्यक्ति की मौत के मामले में डोईवाला पुलिस के द्वारा मृतक को हथियार बेचने के आरोप में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है.
> 4 अगस्त को नागल ज्वालापुर में मिली थी राहुल की लाश
> एसओजी ग्रामीण और इंस्पेक्टर डोईवाला कर रहे हैं जाँच
> मृतक राहुल को पिस्तौल सप्लाई का एक आरोपी गिरफ्तार
> शामली,मुजफ्फरनगर से हथियार लाकर बेचने का आरोप
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रजनीश प्रताप सिंह ‘तेज’
देहरादून :
राहुल की लाश के पास मिली थी पिस्तौल
बीती 4 अगस्त की रात डोईवाला के नागल ज्वालापुर में स्व. हुकुम सिंह के बेटे राहुल की उसके घर में लाश मिली थी पुलिस द्वारा तफ्तीश के दौरान राहुल की लाश के पास से एक पिस्तौल और कारतूस बरामद हुये थे.
ऐसे पहुंची पिस्तौल बेचने वाले तक पुलिस
पुलिस अधीक्षक ग्रामीण कमलेश उपाध्याय द्वारा आज डोईवाला कोतवाली में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया गया कि जाँच के दौरान पुलिस ने पाया कि मृतक राहुल के शव के पास से जो देसी पिस्टल,कुछ चले हुये और जिन्दा कारतूस मिले वो उसने कुछ दिन पहले ही खरीदे थे.
इसी को अहम सुराग मानते हुये पुलिस ने यह जानने की कोशिश की कि आखिर राहुल को ये पिस्टल और कारतूस बेचे किसने ?
जाँच के दौरान मैन्युअल और इलेक्ट्रॉनिक सर्वीलांस से पुलिस को पता चला कि देहरादून के सुमन नगर,धर्मपुर में रहने वाले आलोक शौरी नाम के व्यक्ति के द्वारा राहुल को हथियार और कारतूस बेचे गये.
जिसके बाद कल 8 अगस्त को पुलिस ने आरोपी आलोक शौरी को गिरफ्तार कर लिया.
कौन है आलोक शौरी ?
पुलिस द्वारा पूछताछ करने पर आरोपी आलोक शौरी ने बताया कि वह पूर्व में ड्रग एडिक्ट था.
वह साल 2005 में देहरादून के गुजराड़ा में न्यू गोल्डन फ्यूचर सोसाइटी रिहैब सेंटर में रहा उसके बाद एडिक्शन से बाहर आकर उसने कला फाउंडेशन आर्य नगर से काउंसलर का कोर्स किया.
साल 2012 से वह रिहैब सेंटर में काउंसलर का काम करने लगा.
गौरतलब है कि मृतक राहुल भी ड्रग एडिक्ट था साल 2016 में देहरादून के रिस्पना पर स्थित न्यू लाइफ लाइन केयर रिहैब सेंटर में आलोक शौरी काउंसलर का काम करने लगा.
इसी दौरान उसकी दोस्ती मृतक राहुल से हुई जिसके बाद से दोनों का आपस में संपर्क बना रहा.
तमंचों का मुजफ्फरनगर कनेक्शन
पुलिस अधीक्षक ग्रामीण कमलेश उपाध्याय ने बताया कि नशा मुक्ति केंद्र में रहने के दौरान आलोक शौरी का संपर्क उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले के अंतर्गत शामली में रहने वाले आकाश नाम के युवक से हुआ.
इन दोनों की आपस में दोस्ती हो गई.
आकाश ने आलोक से कहा कि वह तमंचे का भी काम करता है वह उसे शामली से तमंचे लाकर देगा जिसे वह देहरादून में ऊंचे दामों पर बेच सकता है जिससे वह दोनों अच्छे पैसे कमा सकते हैं.
इस प्रकार आकाश के साथ मिलकर आलोक शामली से तमंचे पिस्टल लाकर देहरादून में ऊंचे दामों में बेचकर अवैध संपत्ति कमाने लगा.
मौत की पिस्टल
एसपी ग्रामीण कमलेश उपाध्याय ने पत्रकारों को बताया कि पिछले महीने जुलाई में मृतक राहुल ने आरोपी आलोक शौरी से बातचीत करते हुए उसके पास एक पिस्टल देखी.
कुछ दिनों के बाद जब राहुल आलोक शौरी से पिस्टल मांगने लगा तो आलोक ने ₹90000 में एक देसी पिस्टल और पांच जिंदा कारतूस दे दिए.
पुलिस के अनुसार यही वह पिस्टल है जो 4 अगस्त 2022 की रात मृतक राहुल की लाश के पास मिली थी.
फाइनेंस की आड़ में हथियार की बिक्री
गिरफ्तार आलोक शौरी ने बताया कि वह कुछ दिन पहले तक वह हर्रावाला क्षेत्र में प्रयास रिहैब सेंटर में काउंसलर का काम कर रहा था.
वह आजकल देहरादून में फाइनेंस का काम कर रहा है इसी की आड़ में पिछले 1 साल से वह अवैध हथियारों का व्यवसाय कर रहा.
है यह अवैध पिस्टल तथा तमंचे वह बाहरी प्रदेशों से कम कीमत में लाकर यहां काफी ऊंची कीमतों में लोगों को बेच कर अवैध संपत्ति कमा रहा है.
इतने हथियार हुये बरामद
पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए आरोपी आलोक शौरी की निशानदेही पर उसके कब्जे से भारी मात्रा में आग्नेयास्त्र बरामद किए गए हैं.
बरामद आग्नेय अस्त्रों में वह पिस्टल भी शामिल है जो मृतक राहुल पहले खरीद कर ले गया था और वापस कर दिया था.
पुलिस द्वारा एक तमंचा 12 बोर ,एक तमंचा 315 बोर, 1 बैरल तमंचे की ,तीन पिस्टल 32 बोर, पांच जिंदा कारतूस ,7 ब्लैंक कारतूस बरामद किये गये हैं.
ये है पुलिस टीम
पुलिस टीम में पुलिस अधीक्षक ग्रामीण कमलेश उपाध्याय, पुलिस क्षेत्राधिकारी अनिल कुमार शर्मा ,इंस्पेक्टर डोईवाला मनोज मैनवाल, एसओजी प्रभारी देहरादून के आर पांडे ,वरिष्ठ उपनिरीक्षक जितेंद्र सिंह चौहान, एसओजी देहात प्रभारी मुकेश डिमरी, सब इंस्पेक्टर मुकेश कुमार, कांस्टेबल शशिकांत, कॉन्स्टेबल सुनीत ,कॉन्स्टेबल ललित एसओजी ,कांस्टेबल अमित एसओजी ,कॉन्स्टेबल नवनीत एसओजी देहात ,कॉन्स्टेबल देवेंद्र एसओजी देहात ,कांस्टेबल सोनी एसओजी देहात, कांस्टेबल मनोज एसओजी देहात शामिल रहे.