Dehradun

डोईवाला के 5 गन्ना सेंटर बंद मामले में “टेंशन और टकराव”,कांग्रेस ने उठाया ‘मुद्दा’ तो मिल ने “गिनाये कारण”

डोईवाला सुगर कंपनी लिमिटेड के द्वारा क्षेत्र के पांच गन्ना सेंटर बंद करने के निर्णय के खिलाफ आज परवादून कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष गौरव सिंह के नेतृत्व में मिल प्रशासन से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा गया है.
> गौरव चौधरी के नेतृत्व में आपत्ति दर्ज करवाई गयी
> मिल प्रशासन से की गयी निर्णय वापस लेने की मांग
> किसान और मिल हित में गन्ने के सेंटर रहें सुचारु
>2500 TCD क्षमता पर 64 की बजाय 30 केंद्र
> गन्ना उद्योग ने गिनाये समायोजन के तार्किक पक्ष
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रजनीश प्रताप सिंह तेज

देहरादून : पूर्व जिला अध्यक्ष कांग्रेस गौरव सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस कार्यकर्ताओं का एक प्रतिनिधि मंडल अधिशासी निदेशक डोईवाला गन्ना मिल से मिला.

प्रतिनिधिमंडल द्वारा मांग की गई कि मिल प्रशासन द्वारा डोईवाला गन्ना समिति के अंतर्गत आने वाले कुछ कुछ गन्ना सेंटरों को बंद करने का निर्णय लिया गया है.

जिस पर जिस पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने आपत्ति जताई है प्रतिनिधिमंडल के द्वारा इस निर्णय को मिल प्रशासन से वापस लेने की मांग की है.

पूर्व जिला अध्यक्ष गौरव सिंह ने कहा कि इस निर्णय से किसानों और मिल प्रशासन दोनों को परेशानी होगी और विवाद की स्थिति पैदा होगी और किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा.

उन्होंने कहा की वे मांग करते हैं कि पूर्व की तरह ही व्यवस्था बनी रहनी चाहिए।

कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मिल प्रशासन से पेराई सत्र शुरू होने से पहले मिल नवीनीकरण का कार्य भी समाप्त करने का अनुरोध किया l

प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस ब्लॉक अध्यक्ष रणजीत सिंह ,नगर पालिका सभासद अब्दुल कादिर ,पूर्व प्रधान सुनील बर्मन ,गौरव नारंग ,जिला महासचिव जसवंत सिंह, जसविंदर सिंह, दिलबाग सिंह, किसान जुल्फिकार अली ,अजय रावत, नागेंद्र सिंह नागी, इंद्रजीत सिंह, रविंद्र सिंह डोईवाला के पूर्व प्रधान सुनील कुमार आदि उपस्थित रहे।

क्या है सुगर मिल डोईवाला के तार्किक कारण

डोईवाला सुगर कंपनी लिमिटेड द्वारा इस संबंध में 23.05.2022 को गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग सचिव तथा कमिश्नर गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग काशीपुर व अन्य सभी बोर्ड सदस्यों की उपस्थिति में मीटिंग की गयी.

डोईवाला चीनी मिल की क्षमता 2500 Tonnes of Cane Per Day है जिसके क्रय केंद्रों की संख्या 64 है.

इस बैठक में बताया गया कि गन्ना उठान की समुचित व्यवस्था न बन पाने के कारण क्रय केंद्रों से सूखा गन्ना सुगर मिल को प्राप्त हो रहा है.

जिसकी वजह से आर्थिक हानि एवं व्यवस्था को समाप्त करने के उद्देश्य से क्रय केंद्रों की संख्या को मिल की क्षमता के अनुरूप सीमित करने 64 क्रय केंद्रों को 30 क्रय केंद्रों में परिवर्तित करने का निर्णय लिया गया है.

बताया गया कि 64 क्रय केंद्रों को 30 क्रय केंद्रों में परिवर्तित करने के लिए सूची तैयार की गई है जो क्रय केंद्रों के बीच की दूरी और क्रय केंद्रों पर विगत वर्षों में प्राप्त होने वाले गन्ने की मात्रा के आधार पर एक प्रस्तावित सूची तैयार की गई है.

इस सूची में शेरगढ़,माजरी,लिस्ट्राबाद,छिद्दरवाला का समायोजन आगामी पेराई सत्र से करने के लिए प्रस्तावित है.

इसमें समायोजन का कारण मिल गेट से क्रय केंद्र की दूरी 8 किलोमीटर व दूसरा कारण अधिकतर कृषकों के द्वारा सप्लाई मिल गेट पर ही किया जाना बताया गया है

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