उत्तराखंड की महिलाओं में सबसे आम किस्म का है “ब्रेस्ट कैंसर”

डोईवाला स्थित हिमालयन आयुर्विज्ञान संस्थान जौलीग्रांट के कैंसर रिसर्च इंस्टिट्यूट में ब्रेस्ट कैंसर पर एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गयी.
कार्यशाला में विशेषज्ञों ने ब्रैस्ट कैंसर के प्रबंधन में हुयी नई प्रगति पर मंथन किया.
> किसी भी उम्र में हो सकता है ब्रेस्ट कैंसर
> कैंसर रिसर्च इंस्टिट्यूट में हुई कार्यशाला
> कैंसर मरीज की सही देखभाल है जरुरी
> ब्रेस्ट कैंसर की जनजागरूकता आवश्यक
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रजनीश प्रताप सिंह ‘तेज’
देहरादून : मंगलवार को डोईवाला के जॉलीग्रांट स्थित हिमालयन हॉस्पिटल के अंतर्गत कैंसर रिसर्च इंस्टिट्यूट (Cancer Reasearch Institute), एशियन सोसाइटी ऑफ मेस्टोलॉजी व अमेरिकन सोसाइटी ऑफ सर्जन के इंडिया चैप्टर के संयुक्त तत्वावधान में ब्रैस्ट (स्तन) कैंसर पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया.
उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुये सीआरआई निदेशक डॉ. सुनील सैनी ने कहा कि उत्तराखंड क्षेत्र की महिलाओं में स्तन कैंसर सबसे आम कैंसर है.
प्रजनन आयु वर्ग की युवा महिलाओं में स्तन कैंसर का एक बड़ा हिस्सा तेजी से बढ़ रहा है.
इस कार्यशाला का उद्देश्य ब्रैस्ट कैंसर के रोगियों की विशेष जरूरतों के बारे में जागरूकता पर केंद्रित रहेगा। एशियन सोसाइटी ऑफ मेस्टोलॉजी के अध्यक्ष प्रोफेसर चिंतामणि ने कहा कि भारतीय महिलाओं में स्तन कैंसर सबसे आम है.
यह किसी भी आयुवर्ग की महिलाओं को प्रभावित कर सकता है. गर्भावस्था से जुडे़ स्तर कैंसर और उपचार के बाद प्रजनन संबंधी समस्याएं रोगी की देखभाल के महत्वपूर्ण सामाजिक पहलू है.
आयोजक सचिव डॉ. अंशिका अरोड़ा ने बताया कैंसर प्रबंधन बहुविषयक है और इसमें व्यक्तिगत चिकित्सा के सिद्धांत शामिल हैं.
कार्यशाला में सर्जरी, चिकित्सा, स्त्री रोग, विकिरण, रेडियोडायग्नोसिस, पैथोलॉजी, नर्सिंग आदि के क्षेत्र से 290 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया.
डॉ. रूचिरा नौटियाल, डॉ. सुमिता प्रभाकर, डॉ. अंकित बत्रा, डॉ. विपुल नौटियाल, डॉ. विनी ने गर्भावस्था और बै्रस्ट कैंसर पर व्याख्यान दिये.
इस अवसर पर मुख्य चिकित्साधीक्षक डॉ. एसएल जेठानी, डॉ. मुश्ताक अहमद, डॉ. डीसी धस्माना, डॉ. हेमंत नौटियाल, डॉ. अनुराधा कुसुम, डॉ. मंजू सैनी, डॉ. मीनू गुप्ता, डॉ. वीना अस्थाना आदि उपस्थित थे.