“मिस्टर भरोसेमंद” की है छवि ,खाद्य पदार्थों में मिलावट पर “सख्त से सख्त” कदम उठाने को बोले चीफ सेक्रेटरी डॉ एस.एस. सन्धु

उत्तराखंड के मुख्य सचिव डॉ एस एस संधू ने खाद्य पदार्थों की मिलावट पर सख्त तेवर दिखाये हैं उनकी कार्यशैली को देखते हुए आम जनता कुछ अच्छा होने की उम्मीद जरूर लगा सकती है
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रजनीश प्रताप सिंह
देहरादून :
गजब कार्यशैली,हाई डिमांड
उत्तराखंड के चीफ सेक्रेटरी डॉ एस एस संधू अपनी रिजल्ट ओरिएंटेड एप्रोच के चलते हाई डिमांड में रहते हैं
उनकी प्रशासनिक दक्षता से लोकप्रिय होने का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उत्तराखंड में उनकी जरूरतों को देखते हुये उच्च स्तर से उन्हें उत्तराखंड भेजा गया है
वो अपने निर्णय पुराने घिसे-पिटे ढर्रे की बजाय खुले दिमाग से लेते हैं बीते कुछ महीनों में उत्तराखंड की सड़कों पर उबड़-खाबड़ स्पीड ब्रेकर को हटाया गया था
अब उन्होंने खाद्य पदार्थों में मिलावट पर अपनी सख्ताई बरतने की बात कही तो धरातल पर इसके परिणाम मिलने की आस जगी है
खाद्य पदार्थों में मिलावट रोकने के लिए ठोस योजना
मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. सन्धु ने गुरुवार को सचिवालय में खाद्य पदार्थों में मिलावट के सम्बन्ध में उच्चाधिकारियों के साथ बैठक ली।
मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि खाद्य पदार्थों में मिलावट रोकने के लिए ठोस योजना तैयार की जाए।
उन्होंने कहा कि मिलावटखोरों को एहसास कराना आवश्यक है कि आमजन के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।
उन्होंने टेस्टिंग लैब निर्माण में तेजी लाने के भी निर्देश दिए हैं। साथ ही, खाद्य पदार्थों में मिलावट को रोकने के लिए अभियान चलाए जाएं।
यह अभियान सिर्फ त्यौहारी सीजन को देखते हुए न हो, बल्कि इसे नियमित आधार पर चलाया जाए।
सख्त से सख्त कदम
मुख्य सचिव ने कहा कि फूड एडल्ट्रेशन को रोकने के लिए सख्त से सख्त कदम उठाए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि जब तक इसके प्रति आमजन जागरूक नहीं होगा तब तक फूड एडल्ट्रेशन को रोकना आसान नहीं होगा।
उन्होंने कहा कि मिलावटखोरों की जानकारी देने वालों को रिवार्ड भी दिया जाना चाहिए ताकि लोग जानकारी देने को प्रोत्साहित हों।
मुख्य सचिव ने मिलावट से संबंधित मामलों की जनपदवार रिपोर्ट उपलब्ध कराए जाने के निर्देश देते हुए कहा कि यह भी बताया जाए कि किस जनपद में कितने मामले कब से पेंडिंग हैं।
उन्होंने मिलावट से संबंधित सभी मामलों को फास्ट ट्रैक पर निपटाने के निर्देश दिए। कहा कि मिलावट के गंभीर मामलों को प्राथमिकता के साथ शीघ्र से शीघ्र फैसला किया जाए।
मुख्य सचिव ने कहा कि नियमित जांच और कठोर कार्रवाई से ही खाद्य पदार्थों में मिलावटखोरी को रोका जा सकता है।
उन्होंने इसके लिए ठोस एक्शन प्लान के साथ ही इसके कार्यान्वयन की टाइम लाइन निर्धारित किए जाने के निर्देश दिए।
इस अवसर पर सचिव अमित नेगी एवं कमिश्नर फूड सेफ्टी डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय सहित अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित थे।