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( अजीब मामला ) बालक को जबरदस्ती कर दिया “नशा मुक्ति केंद्र” में भर्ती,देहरादून की लेडी अफसर ने की कार्रवाई

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-रजनीश

देहरादून : जिस उम्र में एक बालक को स्कूल जाना चाहिए उस उम्र में नशे की लत ना होने पर भी जबरजस्ती नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती कर दिया जाए तो यह अपने आप में एक बेहद गंभीर मामला है.

किसी बालक से उसका बचपन छीनने का हक किसी को भी नही है

यह बालकपन उसके पढ़ने-लिखने और खेलने-कूदने की उम्र का है देहरादून में एक ऐसा ही अजीब मामला सामने आया है जहां लगभग 14 साल के एक बालक के गुस्से से नाराज होकर उसके नाना ने जबरदस्ती उसे नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती कर दिया

जबकि वह बालक किसी भी प्रकार से नशे का सेवन नहीं करता बताया गया है.

दरअसल जिला अधिकारी देहरादून के निर्देश पर नगर मजिस्ट्रेट कुसुम चौहान ने समाज कल्याण अधिकारी और पुलिस टीम के साथ देहरादून की गुजराती बस्ती,खुड़बुड़ा) में इनलाईटमैंन्ट फिलेशिप नशामुक्ति केन्द्र का औचक निरीक्षण किया.

होगी बाल अधिकारों के हनन पर कार्रवाई

सिटी मजिस्ट्रेट के निरीक्षण के दौरान एक ऐसा बालक भी पाया गया है जिसकी उम्र लगभग 14 वर्ष है लेकिन उस बालक ने बताया कि वह नशे का आदी नहीं है.

जब केंद्र संचालक से इसके बारे में पूछा गया तो उसने भी स्वीकार किया कि यह बालक नशा तो नहीं करता है लेकिन अधिक गुस्सा करता है जिसकी वजह से उसके नाना ने इस बालक को नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती कराया है.

बालक द्वारा नशा ना किए जाने परंतु फिर भी बालक को नशा मुक्ति केंद्र में जबरदस्ती भर्ती किए जाने को सिटी मजिस्ट्रेट ने गंभीरता से लिया

उन्होंने इस मामले को लेकर जिला समाज कल्याण अधिकारी और सिटी मजिस्ट्रेट से इस बालक को उसके परिजनों को सुपुर्द करने के निर्देश दिए हैं.

सिटी मजिस्ट्रेट ने बाल अधिकारों का हनन करने पर संबंधितों के खिलाफ कार्रवाई के लिये पुलिस क्षेत्राधिकारी को पत्र प्रेषित किया है.
क्योंकि औचक निरीक्षण के दौरान बालक के द्वारा अधिक गुस्सा करना बताया गया है जिस कारण से इस बालक की मनोविज्ञानी से जांच करवाई जानी है और जांच परिणाम के आधार पर बालक का इलाज करवाया जाना आवश्यक पाया गया है.

यह बात भी सामने आई है कि यह बालक गरीब घर का मालूम पड़ता है इसलिए सिटी मजिस्ट्रेट ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को बालक का मनोविज्ञानी से हेल्थ चेक अप और उसके अनुसार इलाज कराए जाने के निर्देश दिए हैं.

और निरीक्षण में मिली तमाम खामियां

निरीक्षण के दौरान केन्द्र में कई अनियमितताएं पाई गयी जिनमें प्रत्येक मरीज का उपचार का ब्यौरा न होना, केन्द्र में क्षमता से अधिक मरीज भर्ती होना, साफ-सफाई की उचित व्यवस्था न होना, केन्द्र में जिस स्थान पर मरीजों को भर्ती किया गया है में वेन्टिलेशन की उचित व्यवस्था न होना, तथा कोविड-19 प्रोटोकाॅल का पालन न किए जाने संबंधी अनियमितताएं पाई गयी.

जिस पर नगर मजिस्ट्रेट कुसुम चौहान के द्वारा नशा मुक्ति केन्द्र के विरूद्ध कार्रवाई के लिए विस्तृत रिपोर्ट जिलाधिकारी देहरादून को भेजी जा रही है.

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