बिजली कर्मचारी संगठन मध्य रात्रि से गए हड़ताल पर,कईं पावर प्रोजेक्ट से उत्पादन प्रभावित
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( PRIYANKA SAINI )
देहरादून : ऊर्जा निगम के के कर्मचारियों के साथ शासन स्तर पर वार्ता के दो दौर विफल हो जाने के बाद कल मध्यरात्रि से कर्मचारी संगठन हड़ताल पर चले गए हैं।
हड़ताल का असर पर विद्युत उत्पादन पर दिखने लगा है। कईं पावर प्रोजेक्ट से विद्युत उत्पादन प्रभावित हुआ है।
अब इन संगठनों की मांगआज आज होने वाली पुष्कर धामी सरकार की कैबिनेट बैठक पर टिकी हुई है।
कल ऊर्जा निगमों के कि 14 सूत्रीय मांगों पर पहले सचिव सौजन्या और उसके बाद मुख्य सचिव डॉ एसएस संधू के साथ वार्ता विफल हो गई थी।
हड़ताल पर गए संगठनों की मांग का हल धामी सरकार की कैबिनेट बैठक से निकलने की उम्मीद जताई जा रही है।
ये संगठन हैं शामिल :—
1- उत्तराखंड ऊर्जा कामगार संगठन
2- हाईड्रो इलेक्ट्रिक इंप्लाइज यूनियन
3- उत्तराखंड पावर जूनियर इंजीनियर्स एसोसिएशन
4- उत्तरांचल बिजली कर्मचारी संघ
5- उत्तराखंड पावर इंजीनियर्स एसोसिएशन
6- विद्युत प्राविधिक कर्मचारी संघ
7- विद्युत डिप्लोमा इंजीनियर्स एसोसिएशन
8- ऊर्जा आरिक्षत वर्ग एसोसिएशन
9- उत्तराखंड विद्युत संविदा कर्मचारी एसोसिएशन
10- पावर लेखा संघ
यह है प्रमुख मांगे
(1) ऊर्जा निगमों में 31.12.2016 तक लागू एसीपी की व्यवस्था यथावत रखी जाए।
(2) वर्तमान तक नियुक्त सभी कार्मिकों की पुरानी पेंशन योजना का लाभ दिया जाए।
(3) ऊर्जा के तीनों निगमों में उपनल के माध्यम से कार्यरत संविदा कार्मिकों की नियमितीकरण की कार्यवाही पूरी होने तक तत्काल समान कार्य हेतु समान वेतन महंगाई भत्ते सहित दिया जाए।
(4) नवनियुक्त सहायक अभियंताओं,अवर अभियंताओं एवं तकनीकी ग्रेड- द्वितीय को पूर्व की भांति क्रमश :3,2 और 1 प्रारंभिक वेतन वृद्धि का लाभ देते हुए वेतनमान निर्गत किया जाए।
(5) ऊर्जा के तीनों निगमों में सातवें वेतन आयोग के अनुसार कार्मिकों को अनुमन्य विभिन्न भत्तों का रिवीजन अभी तक नहीं हुआ है इस विषय में तत्काल कार्यवाही की जाए।
(6) ऊर्जा के तीनों निगमों में निजी करण की कार्यवाही पर रोक लगाते हुए अभियंता,अवर अभियंता एवं लेखा संवर्ग में कार्मिकों की नियमित भर्ती की जाए।
(7) ऊर्जा के तीनों निगमों में उपनल के माध्यम से कार्ययोजित संविदा कार्मिकों को वर्ष में दो बार महंगाई भत्ता एवं रात्रि पाली भत्ता दिया जाए।
(8) ऊर्जा के तीनों निगमों में वर्षों से लंबित TG-II से रिक्त अवर अभियंताओं के पदों पर अविलंब पदोन्नति की जाए।
(9) यूजेवीएनएल में लाइन लॉसेस कम करने एवं लक्ष्य से ज्यादा राजस्व वसूली प्राप्त करने पर नियमित रूप से बोनस दिया जाए।
(10) सीधी भर्ती में नियुक्त कार्मिकों को 31.12.2015 तक अनुमन्य वेतनमान ग्रेड पे अनुमन्य किया जाए और संपूर्ण सेवाकाल में एक बार पदोन्नति में शिथिलीकरण का लाभ दिया जाए।
(11) अवर अभियंताओं का ग्रेड वेतन दिनांक 10.01.2006 से 4800 किया जाए।
(12) राज्य के तीनों ऊर्जा निगम का एकीकरण किया जाए।
(13) सेवा नियमावली में किसी भी संवर्ग की सेवा शर्त पूर्ववर्ती उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत परिषद की सेवा शर्तों से कमतर ना हो।
(14) चतुर्थ श्रेणी कार्मिकों को तृतीय समयबद्ध वेतनमान अवर अभियंताओं के मूल वेतन 4600 पूर्व की भांति दिया जाए।