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P. A. P. VC व दिल में छेद की सफल सर्जरी कर दिया जीवनदान : एम्स ऋषिकेश

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( PRIYANKA SAINI)

देहरादून : अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश

के सीटीवीएस विभाग के चिकित्सकों ने राजस्थान निवासी

एक व्यक्ति के जन्मजात दिल में छेद होने से

“साइनस विनोसस डिफैक्ट”

बीमारी की जटिल सर्जरी कर उसे जीवनदान दिया है।

राजस्थान निवासी एक व्यक्ति जो कि पिछले दो महीने से

सांस फूलने की बीमारी से पीड़ित थे।

एम्स अस्पताल में जांच करने पर पता चला कि उनके दिल में जन्म से छेद है,

जिसकी उन्हें अभी तक कोई जानकारी नहीं थी।

इसके चलते उनके स्वच्छ खून की नसें गलत खाने (भाग) में खुल रही हैं।

इसे मेडिकल साइंस में “साईनस विनोसस डिफैक्ट एवं पी.ए.पी वीसी “

के नाम से जाना जाता है।

उन्होंने राजस्थान में कई चिकित्सकों से संपर्क कर परामर्श लिया।

जहां पता चला कि ऑपरेशन कराने के बाद मरीज को

पेसमेकर की आवश्यकता पड़ सकती है।

इसके बाद उन्होंने इस बीमारी से निजात पाने के लिए

एम्स ऋषिकेश के सीटीवीएस विभाग के चिकित्सकों से संपर्क किया ,

विभाग के शल्य चिकित्सक डा. अनीष गुप्ता जो कि जन्मजात हृदय संबंधी

बीमारियों के विशेषज्ञ शल्य चिकित्सक हैं।

उन्होंने डा. अजेय मिश्रा व डा. यश श्रीवास्तव से परामर्श के बाद

उनकी इस हाईरिस्क सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम दिया।

जिसके बाद अब व्यक्ति पूरी तरह से स्वस्थ हैं।

डा. अनीष ने बताया कि यदि वक्त रहते यह ऑपरेशन नहीं किया जता

तो यह बीमारी लाइलाज हो सकती थी,

जिससे मरीज का हार्ट फेल हो सकता था।

 क्या है  _ “पी.ए.पी.वीसी”

1-जन्मजात हृदय की बीमारी जिसका इलाज ऑपरेशन से संभव है।

2-साफ खून की कुछ नसें गंदे खून के भाग में खुल जाती हैं।

3-बीमारी के लक्षण-सांस फूलना,

दिल की धड़कन तेज होना, जल्दी थकान लगना, पैर में सूजन आना।

4- समय पर इलाज नहीं कराने से हो सकता है

हार्ट फेल या शरीर नीला पड़ सकता है ।

5- इन लक्षणों के साथ साथ दिल में छेद रहने पर उसे

“साइनस विनोसस डिफैक्ट”  कहते हैं।

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