देहरादून : बीती रात घटे एक वाकये में मामला डोईवाला कोतवाली तक पहुंचा लेकिन पुलिस कोई हल तात्कालिक रूप से नही निकाल पायी
लेकिन डोईवाला के ही एक पंडित जी ने CID की तर्ज पर मामले के हर पहलू को जब खंगालना शुरू किया तो पेचीदे मामले को सुलझाकर अंजाम तक पहुंचा दिया।
क्या था मामला ?
कल शाम 5 बजे चंबा का रहने वाला व्यक्ति एक दादा और पोती को लेकर डोईवाला की अग्रवाल धर्मशाला पहुंचता है जो अपना घर का रास्ता भटक गए थे।
वो इन दोनों को अग्रवाल धर्मशाला के पंडित रमेश डंडरियाल को सौंप गए।
पंडित जी इन दोनों को लेकर डोईवाला कोतवाली पहुंचे जहां प्राप्त जानकारी के अनुसार सीनियर सब इंस्पेक्टर और अन्य पुलिस वालों ने इन दोनों से पूछताछ की लेकिन समस्या का कोई हल नही निकल पाया।
कोतवाली पुलिस ने एक बार फिर दादा-पोती को पंडित रमेश डंडरियाल को सौंप दिया।
जिन्हे लेकर पंडित जी वापस धर्मशाला पहुंच गए।
क्या थी उलझन और पेचीदगी ?
लगभग 77 वर्षीय बुजुर्ग और लगभग 3 वर्षीय पोती दोनों ही अपने घर,शहर का नाम,परिवार वालों का नाम,मोबाइल नंबर नही बता पा रहे थे।
न ही इनके पास कोई पहचान पत्र था।
पंडित जी ने कैसे सुलझाया केस ?
पंडित रमेश डंडरियाल लगातार दादा-पोती से जुड़े हर पहलू को खंगालते रहे।
तभी उनके दिमाग की उपज ने काम किया और पंडित जी ने बुजुर्ग से उनके घर में पूजा-पाठ करने आने वाले उनके पंडित जी का नाम पूछा तो बुजुर्ग ने उनका नाम पंडित शांता डंडरियाल बताया।
इसी क्लू ने ताले की चाबी की तरह काम किया।
पंडित रमेश डंडरियाल ने मोबाइल से ऋषिकेश के पंडित शांता डंडरियाल को संपर्क किया तो सारा मामला खुल गया।
दरअसल ऋषिकेश के मुकेश सिंह नेगी के पिता प्रेम सिंह नेगी अपनी पोती सृष्टि नेगी को लेकर “ढालवाला” की बजाय “डोईवाला” के विक्रम में बैठ गये थे ।
बहरहाल बीती रात/सुबह 12:30 बजे मुकेश सिंह नेगी अपने पिता और बेटी को डोईवाला से ले गये।
जिस तरह से पंडित रमेश डंडरियाल ने बुद्धि-चातुर्य से इस केस को तत्काल सुलझाया उनकी डोईवाला के ज्योतिषियों और अन्य लोगों द्वारा प्रशंसा की जा रही है।