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( हेल्थ ) जानलेवा हो सकते हैं खर्राटे

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(  PRIYANKA  SAINI  )

देहरादून : डोईवाला- छाती एवं श्वास रोग विभागाध्यक्ष डॉ.राखी खंडूरी ने कहा कि

स्लीप डिसऑर्डर को लोग गंभीरता से नहीं लेते।

 इसके दुष्प्रभाव से मोटापा, हृदय रोग, डायबिटीक, पक्षाघात, मानसिक रोग के रुप में सामने आते हैं।

ऑब्स्ट्रक्टिव स्लीप एप्निया (ओएसए) नामक बीमारी कुछ साल पहले तक

40 साल से अधिक उम्र वाले लोगों में पायी जाती थी।

एक स्टडी के मुताबिक इन दिनों तीन से 12 फीसदी बच्चे सोते समय खर्राटे लेते हैं।

डॉ.राखी ने बताया कि हिमालयन हॉस्पिटल निंद्रा रोग से

पीड़ित रोगियों के उपचार के लिए विशेष स्लीप क्लिनिक है।

पॉलीसोमोनॉग्राफी के जरिए रोगी की पूरी रात स्लीप स्टडी की जाती है,

जिससे उसके रोग की असल वजह व निदान को लेकर सटीक उपचार किया जाता है।

निंद्रा रोग-

यह रोग सभी आयु वर्ग के लोगों में पाया जाता है।

पुरूषों में इस रोग की संभावना अधिक होती है।

इस बीमारी में व्यक्ति को खर्राटे आते हैं।

कभी-कभी व्यक्ति को ऐसा लगता है जैसे नींद में उसका सांस रूक गया है ये लोग नींद में बोलते भी है।

कुछ लोग नींद के दौरान तेजाब गले में आने की शिकायत करते हैं।

इन्हें रात में बार-बार पेशाब जाना पड़ता है।

सुबह उठकर इन्हें लगता है जैसे कि नींद पूरी नही हुई।

करीब तीस से चालीस प्रतिशत रोगी दिन में असमय ही सो जाते हैं।

निंद्रा रोग के लक्षण-

खर्राटे, मोटापा, दिन में ज्यादा नींद का आना, ड्राइविंद करते समय सो जाना,

सोते समय अचानक सांस रुकने के अहसास से नींद टूट जाना, अनिंद्रा, नींद में चलना या बोलना

ऑब्स्ट्रक्टिव स्लीप एप्निया (ओएसए) के दुष्प्रभाव-

उच्च रक्त चाप, हृदय रोग, ब्लड शुगर का अनियत्रिंत होना,

अचानक सोते समय दिल की धड़कन बंद होना, अचानक दिमाग की नस फटना व

लकवा मारा जाना, मोटापा, दुर्घटनाएं, पढ़ाई या काम में पिछड़ना, याददाश्त की कमी, दिमागी असंतुलन

निंद्रा रोग के भ्रांतियां-

खर्रांटें आने पर समझना की अच्छी नींद है, यह समझना की नींद की गोली से नुकसान नहीं होता,

ज्यादा नींद आने को अच्छा समझना

हिमालयन हॉस्पिटल में स्लीप क्लिनिक-

यहां पर अत्याधुनिक मशीनों के जरिए रोग से ग्रसित व्यक्ति की स्लीप स्टडी की जाती है।

POLYSOMANOGRAPHY (पॉलीसोमोनॉग्राफी) के जरिए रोगी की पूरी रात स्लीप स्टडी की जाती है, जिससे उसके रोग की असल वजह व निदान को लेकर सटीक उपचार किया जाता है।

18 मार्च को हिमालयन हॉस्पिटल जॉलीग्रांट में विशेष

स्वास्थ्य परामर्श आयोजित किया जा रहा है।


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