DehradunHaridwarUttarakhand

बी2बी ट्रैवल ट्रैड प्रदर्शनी में 18 देशों व 13 राज्यों ने लिया भाग :सतपाल महाराज

सटीक और विश्वसनीय न्यूज़ के लिए
रजनीश सैनी द्वारा संचालित न्यूज़ वेब चैनल
“यूके तेज” से जुड़ें 8077062107

 देहरादून :अब उत्तराखंड आने वाले पर्यटक “टूरिस्ट इंसेंटिव कूपन स्कीम”

का लाभ उठा कर कहीं भी घूम सकते हैं।

री-कनेक्ट व रिस्टार्ट टूरिज्म विषय पर आज एक वर्चुअल बी2बी ट्रैवल ट्रैड प्रदर्शनी

के उद्घाटन अवसर पर पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने यह बात कही। 

वर्चुअल बी2बी ट्रैवल ट्रैड प्रदर्शनी के शुभारंभ के अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में

उत्तराखण्ड के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने उत्तराखण्ड पर्यटन विकास परिषद् गढ़ीकैंट

से वर्चुअल रूप से प्रतिभाग किया।

इस वर्चुअल बी2बी ट्रैवल ट्रैड प्रदर्शनी के अलग-अलग सेशन में 18 देशों व 13 राज्यों ने भाग लिया।

 इस महामारी के कारण पर्यटन सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र है’

राज्य सरकार द्वारा पर्यटन क्षेत्र के पुनरूद्धार के लिए किये जा रहे प्रयासों की जानकारी देते

हुए पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि ‘‘कोविड-19 नकारात्मक परीक्षण रिपोर्ट के

साथ आगंतुकों की यात्रा पर कोई प्रतिबंध नहीं है।

ऐसे सभी पर्यटक सभी सार्वजनिक स्थानों और स्थलों पर निर्बाध रूप से आ-जा सकते हैं।

उत्तराखण्ड सरकार ने टूरिस्ट इंसेंटिव कूपन स्कीम लॉन्च की है, इस योजना के तहत,

उत्तराखंड आने वाले सभी पर्यटकों को प्रतिदिन आवास शुल्क का 1000 या 25 प्रतिशत

(जो भी कम हो) अधिकतम छूट के अधीन प्रदान किया जाएगा।

वहीं 1,09,818 इकाइयों से जुड़े 2.43 लाख श्रमिकों को 1000 रुपये का मुआवजा की घोषणा भी की गई है।

पर्यटन क्षेत्र में रोजगार की समस्या के समाधान के बारे में सम्मेलन में बताया गया की

‘वीर चंद्र सिंह गढ़वाली पर्यटन स्वरोजगार और होमस्टे जैसी योजनाओं के लिए

ऑनलाइन पंजीकरण की सुविधा की गयी है।

अब साधारण क्लिक के साथ, एक निवासी इन योजनाओं के तहत पंजीकृत हो सकता है

और नई बसों की खरीद के लिए 50 प्रतिशत सब्सिडी या 15 लाख तक का लाभ उठा सकता है।

इसी तरह, होमस्टे योजना के तहत, पहाड़ी क्षेत्रों के लिए 33 प्रतिशत (या 10 लाख रुपये)

और मैदानी इलाकों में 25 प्रतिशत (या 7.5 लाख रुपये) की सब्सिडी दी जा रही है।

उन्होने कहा कि पीएम श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में, भारतीय रेलवे भी चारधाम गंगोत्री,

यमुनोत्री, बद्रीनाथ और केदारनाथ को जोड़ने वाली एक रेलवे लाइन बिछाने के लिए पूरी तरह तैयार है।

धार्मिक पर्यटन के लिए उत्तराखंड को ‘देवभूमि’के रूप में भी जाना जाता है,

धार्मिक पर्यटन के क्षेत्र में अपार अवसर है।

इस तथ्य का संज्ञान लेते हुए, हमारी सरकार ने पहले से ही पवित्र सर्किटों जैसे रामायण सर्किट,

सीता सर्किट और महाभारत सर्किट पर काम करना शुरू कर दिया है।

एक बार यह नया सर्किट पूरा होने के बाद राज्य में धार्मिक पर्यटन के नए रास्ते खुलेंगे।

स्वास्थ्य कल्याण पर्यटन’ के रूप में उत्तराखण्ड राज्य न केवल अपनी प्राचीन प्रकृति,

स्वच्छ हवा, पानी, खाद्य उत्पादों, आदि के लिए जाना जाता है,

बल्कि औषधीय जड़ी-बूटियों के अपने समृद्ध धन के लिए भी जाना जाता है,

जो मानव शरीर में प्रतिरक्षा को बढ़ाता है।

’साहसिक पर्यटन’ की दृष्टि से घने हाल के वर्षों में, हमारा राज्य साहसिक प्रेमियों के बीच प्रसिद्ध हो गया है।

री-कनेक्ट व रिस्टार्ट टूरिज्म विषय पर वर्चुअल बी2बी ट्रैवल ट्रेड प्रदर्शनी का

आयोजन फेयरफेस्ट मीडिया लिमिटेड द्वारा किया गया।

इसमें भाग लेने वाले अतिथियों संजीव अग्रवाल चैयरमेन व सीईओ,

फेयरफेस्ट मीडिया लिमिटेड, श्रीमती मीनाक्षी शर्मा, महानिदेशक, पर्यटन मंत्रालय भारत सरकार,

फ्रेड ओकिया, ए.जी. निदेशक मार्केट डेवलपमेंट, केन्या टूरिज्म बोर्ड अरविंद बुन्धु,

निदेशक, माॅरीशस टूरिज्म प्रमोशन अथाॅरिटी, जेनु देवन मैनेजिंग डायरेक्टर,

टूरिज्म काॅर्पोरेशन ऑफ गुजरात लिमिटेड आदि ने पर्यटन के पुररूद्धार

और खोलने के लिए किये गए उपायों पर अपने विचार साझा किए

तथा वर्चुअल बी2बी ट्रैवल ट्रैड प्रदर्शनी का संचालन गज़नफर

इब्राहिम मैनेजिंग डायरेक्टर व सीएमओ ने किया।

 

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!