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काम की खबर : उत्तराखंड में सर्किल रेट हुये रिवाइज,कहीं 46 % की कमी तो कहीं 100 % से अधिक की बढ़ोत्तरी

उत्तराखंड सरकार के द्वारा प्रदेश में सर्किल रेट का पुनरीक्षण किया गया है कोविड काल के बाद विभिन्न गतिविधियों में तेजी के चलते सरकार ने विभिन्न कारकों के आधार पर यह पुनरीक्षण किया है.
इस दौरान सरकार ने विसंगतियों को भी दूर करने का प्रयास किया है.
प्रस्तुत है रजनीश प्रताप सिंह की रिपोर्ट :-
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रजनीश प्रताप सिंह तेज

देहरादून :  सबसे पहले फायदे की बात समझते हैं

सर्किल रेट रिवाइज करने से सरकार और जनता को होंगें ये फायदे

सर्किल दरों के पुनरीक्षण से राजस्व वृद्धि के अतिरिक्त काश्तकारों की मुआवजा राशि में वृद्धि होगी.

भू-स्वामियों को उचित दाम प्राप्त होगा.

गृह-स्वामी/व्यवसायियों एवं निवेशकों को वित्तीय संस्थाओं से ऋण की प्राप्ति होगी जिससे विकास को गति मिलेगी.

सर्किल दरों और प्रचलित वास्तविक बाजार दरों में अंतर को कम करने से रियल स्टेट में काले धन के प्रवाह को रोकने में सहायता प्राप्त होगी.

इसलिए उत्तराखंड सरकार ने सर्किल दरों के पुनरीक्षण में राजस्व वृद्धि के साथ-साथ जनहित के समन्वय को उचित महत्व दिया है.

उत्तराखंड सरकार ने क्यूं करें सर्किल रेट रिवाइज ?

उत्तराखंड सरकार द्वारा वर्तमान में प्रवृत्त मूल्यांकन सूची यानी कि सर्किल रेट को पुनरीक्षित किया गया है.

वर्तमान में प्रवृत्त सर्किल दरों को प्रचलित बाजार दरों के सुसंगत एवं तर्कसंगत बनाने के दृष्टिगत पुनरीक्षित किया गया है.

वर्ष 2020 और वर्ष 2021 में कोविड-19 महामारी के चलते सर्किल दरों को पुनरीक्षित नहीं किया गया.

वर्ष 2022 में विकासात्मक गतिविधियों के तीव्र होने के पश्चात संपत्तियों के क्रय विक्रय में वृद्धि होने के साथ-साथ उनके संपत्ति के मूल्य में वृद्धि हुई.

किस आधार पर किये सर्किल रेट रिवाइज ?

सर्किल दरों को पुनरीक्षित करने में अनौपचारिक बाजारी सर्वे जैसे कि तहसीलदार ,नगर आयुक्त ,अधिशासी अधिकारी आदि की रिपोर्ट ,रियल स्टेट पोर्टल पर प्रख्यापित दरें, अधिक मूल्य पर पंजीकृत विलेखों के औसत के आधार पर प्राप्त दरें, तहसील/जनपद स्तर पर व्यसायिक गतिविधियों, अंतर्जनपदीय सीमाओं पर स्थित समतुल्य विकासात्मक दशाओं तथा नई टाउनशिप प्रोजेक्ट ,प्रस्तावित राजमार्ग/बाईपास आदि तथ्यों के अतिरिक्त जीआईएस मैपिंग आधारित अध्ययन का भी विश्लेषण किया गया.

ये हैं मोटे-मोटे आंकड़े

राज्य में कुल 49000 (86 प्रतिशत) क्षेत्रों में वृद्धि प्रतिशत 50% से कम है.

5299 (9%) क्षेत्रों में वृद्धि प्रतिशत 51 से 100% के मध्य है तथा शेष 2832 यानी 5% क्षेत्रों में वृद्धि प्रतिशत 100% से अधिक है.

राज्य में 22912 कृषि क्षेत्रों के अंतर्गत 87% क्षेत्रों में दरों की वृद्धि 50% से कम है और इन क्षेत्रों में औसत प्रतिशत वृद्धि 32.47% है.

अकृषि क्षेत्र राज्य में 34082 अकृषि क्षेत्रों में से 85% क्षेत्रों में दरों की वृद्धि 50% से कम है और इन क्षेत्रों में औसत प्रतिशत वृद्धि 34.83% है.

राज्य में उक्त वृद्धि 3 वर्ष के अंतराल पर हैं राजस्व को सुरक्षित रखने के उद्देश्य से एवं भूमि की बाजारी मूल्य में औसत वार्षिक वृद्धि को न्यूनतम 10% की दर से लेते हुए संपूर्ण प्रदेश के 85% क्षेत्रों में वृद्धि अधिकतम 10% प्रति वर्ष तक है

तथा औसत उपभोक्ता मूल्य सूचकांक सीपीआई की दर 7% प्रतिवर्ष को सम्मिलित करते हुए 17% प्रतिवर्ष है.

पर्वतीय जनपदों के कृषि एवं अकृषि क्षेत्रों में औसत प्रतिशत वृद्धि 5% प्रति वर्ष से कम है जो कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक सीपीआई से भी कम है.

उल्लेखनीय है कि सर्किल दरों में विसंगति दूर करने के लिए 48 पर्वतीय क्षेत्रों में 40% तक की कमी की गई है एवं संपूर्ण प्रदेश में 658 यूनिट इकाइयों में कोई वृद्धि प्रस्तावित नहीं की गई है.

अलग-अलग जिलों के अलग-अलग क्षेत्रों के सर्किल रेट ये हैं :-

46% तक की कमी

जनपद अल्मोड़ा के गरकोट, लोहेडा, रीठा ,कुनियाल गांव आदि कुल 47 क्षेत्रों के सर्किल रेट में 46% तक की कमी की गई है अर्थात 49 लाख से घटाकर 25 लाख प्रति हेक्टेयर की गई है.

कोई वृद्धि नही

जनपद देहरादून के विकासनगर के भलेर,पपड़ियान,बावनधार,मदर्सू एवं मटोगी,आदि क्षेत्रों में कोई वृद्धि नही की गयी है.

10 प्रतिशत से कम वृद्धि

जनपद नैनीताल के डोली गांव,जसपुरिया लाइन,कसेरा लाइन,खनस्यू,काला आगर आदि 33 क्षेत्रों में 10 प्रतिशत से कम वृद्धि की गयी है.

कोई वृद्धि नही

जनपद हरिद्वार के रोशनाबाद-बिहारीगढ़ मार्ग पर सर्किल रेट में कोई वृद्धि नही की गयी है.

10 प्रतिशत से भी कम वृद्धि 

हरिद्वार के अब्दुल हसनपुर,अलमासपुर की दर 1300 से 1350 रुपये प्रति वर्गमीटर ,सलेमपुर बकवाल 3350 से 3500 रुपये प्रति वर्ग मी. ,पठानपुरा में 18000 से 19000 रुपये प्रति वर्ग मी,भगवानपुर मैन बाजार,मेवड़ खुर्द,अलमासपुर इत्यादि 13 क्षेत्रों में वृद्धि 10 प्रतिशत से भी कम है.

जनपद चमोली में बद्रीनाथ,बामड़ी एवं अन्य 526 क्षेत्रों में वृद्धि 10 प्रतिशत से भी कम है.

जनपद रुद्रप्रयाग में दानकोट,बड़कोट,बठासौ,धारकोट,नरकोटा,जखौली,कोठीपाड़ा आदि कुल 203 क्षेत्रों में वृद्धि 10 प्रतिशत से भी कम है.

50-100 प्रतिशत तक वृद्धि

जनपद अल्मोड़ा के लोअर माल रोड,जनपद देहरादून के विकासनगर में ईस्ट हॉप टाउन,केशोवाला,आरकेडिया ग्रांट,डोईवाला,जनपद हरिद्वार में बीएचईएल रोड एवं जनपद नैनीताल के माल रोड (झील के किनारे) क्षेत्रों में 50-100 प्रतिशत तक वृद्धि की गयी है.

100 प्रतिशत से अधिक वृद्धि

जनपद देहरादून के गुनियाल गांव,जनपद हरिद्वार के बहादराबाद,जनपद उधम सिंह नगर के किच्छा में एम्स/पराग फार्म्स/इंडस्ट्रियल पार्क एवं जनपद नैनीताल के सतबुंगा क्षेत्रों में 100 प्रतिशत से अधिक वृद्धि की गयी है.

उक्त क्षेत्रों में विकासात्मक गतिविधियों जैसे कि नई टाउनशिप/प्रस्तावित नेशनल हाईवे/रिंग रोड/रेल परियोजनाएं एवं औद्योगिक विकास आदि के तीव्र होने एवं अनौपचारिक बाजारी सर्वे एवं रियल स्टेट पोर्टल पर उच्च दरें तथा उपनिबंधक कार्यालयों में उच्च मूल्य पर लेख पत्र पंजीकृत होने के दृष्टिगत सर्किल दरों का पुनरीक्षण किया गया है.

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