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उत्तराखंड को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने की समीक्षा बैठक,लिये कईं महत्वपूर्ण निर्णय

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सीएम पुष्कर सिंह धामी के साथ उत्तराखंड में सहकारिता, आपदा प्रबंधन, गृह विभाग, वाइब्रेंट विलेज की समीक्षा की, कई अहम निर्णय लिए गए

केंद्रीय गृह मंत्री ने राज्य के समस्त 670 पैक्स में कॉमन सर्विस सेंटर खोलने, जनऔषधि केंद्र खोलने को लेकर दिए निर्देश

देहरादून : ( रजनीश प्रताप सिंह तेज ) केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज देहरादून में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की उपस्थिति में सहकारिता विभाग की समीक्षा बैठक ली। इस दौरान कई अहम निर्णय लिए गए।

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि राज्य के समस्त 670 पैक्स में कॉमन सर्विस सेन्टर खोले जाएं।

इसके अलावा यह भी निर्णय लिया गया की राज्य के प्रत्येक जनपद में 5 पैक्स में प्रधानमंत्री जनऔषधि केंद्र खोले जाएंगे।

साथ ही प्रत्येक पैक्स में प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केंद्र खोले जाएंगे।

यह भी तय हुआ कि राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में प्रत्येक जिले में पांच पैक्स द्वारा जल जीवन मिशन योजना के तहत जलापूर्ति संचालन एवं रखरखाव का कार्य किया जाएगा।

साथ ही पैक्स को पेट्रोल एवं डीजल पंप खोलने एवं गैस एजेंसी खोलने के लाइसेंस प्रदान किये जायेंगे।

बैठक में मुख्य सचिव डॉ एसएस संधु एवं विभागीय सचिव उपस्थित रहे।

जोशीमठ आपदा को लेकर प्राप्त की जानकारी

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जोशीमठ आपदा के संबंध में भी राज्य के अधिकारियों से विस्तृत जानकारी प्राप्त की।

इस अवसर पर भारत सरकार द्वारा जो 1845 करोड़ की सहायता राशि जोशीमठ के लिए मंजूर की गई है, उसके लिए उनके द्वारा सहमति प्रदान की गई।

इसके अलावा बताया गया कि इसमें 1464 करोड़ का केंद्रीय अंश जल्द ही जारी किया जाएगा।

केंद्रीय गृह मंत्री द्वारा आपदाओं के संबंध में जानकारी प्राप्त करने के लिए अर्ली वार्निंग सिस्टम लागू करने को लेकर भी निर्देश दिए गए।

सचिव आपदा प्रबंधन द्वारा इस दौरान केंद्रीय गृह मंत्री को अवगत कराया गया कि राज्य द्वारा मल्टी हज़ारडस अर्ली वार्निंग सिस्टम विकसित किया जा रहा है

इसका 118 करोड़ का प्रस्ताव बनाकर प्रेषित किया गया है ।इस योजना को विश्व बैंक के द्वारा पोषित किया जाना है।

केंद्रीय गृह मंत्री द्वारा निर्देश दिये गये कि पर्वतीय क्षेत्रों में स्थित शहरों में जो भवन निर्माण होंगे उनके लिए ईको फ्रेंडली और सतत विकास की अवधारणा के अनूरूप हों, ऐसी भवन उपविधियाँ बनाई जायें

पर्वतीय क्षेत्रों में वर्तमान में स्थित शहरों के बाबत पूछे जाने पर सचिव आपदा प्रबंधन द्वारा अवगत कराया गया कि इनका टोपोग्राफिकल, जिओटेक्निकल, जीओलॉजिकल, ज्योग्राफिकल तथा मिट्टी, पानी, कैरिंग कैपिसिटी को लेकर समस्त शहरों का अलग अलग परीक्षण किया जा रहा है।

परीक्षण के उपरांत परिणाम आएंगे उनके हिसाब से सबके लिए अलग अलग नियम और विधियां बनाई जाएंगी।

गृह विभाग की भी समीक्षा बैठक

केंद्रीय गृह मंत्री के द्वारा आज सहकारिता विभाग के साथ ही गृह विभाग की भी समीक्षा बैठक ली गई।

केंद्रीय मंत्री के द्वारा इस दौरान सीमा प्रबंधन से लेकर आपदा प्रबंधन, आईटी एक्ट, फायर सर्विसेज, जेल विभाग, प्रॉसिक्यूशन इत्यादि की समीक्षा की गई।

उन्होंने मॉडल जेल एक्ट, मॉडल फायर बिल को लेकर के सम्बंध में भी चर्चा की।

इस दौरान प्रधानमंत्री के थीम एक राष्ट्र, एक यूनिफॉर्म पुलिस के बारे में भी उनके द्वारा चर्चा की गई।

पुलिस प्रशिक्षण में एकरूपता को लेकर भी इस दौरान चर्चा की गई।

एनडीपीएस और ड्रग्स में प्रभावी कार्यवाही करने के लिए राज्य स्तर और जिला स्तर पर एनकॉर्ड की बैठकें नियमित रूप से करने के निर्देश दिए गए।

नेशनल ऑटोमेटेड फिंगर प्रिंट आइडेंटीफिकेशन सिस्टम में अधिक से अधिक अपराधियों का रिकॉर्ड अपलोड करने को भी निर्देशित किया गया।

वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम की समीक्षा

आज केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह द्वारा वन अनुसंधान संस्थान देहरादून में वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम की समीक्षा की गई।

समीक्षा बैठक में बताया गया कि राज्य के तीन जनपदों चमोली, उत्तरकाशी तथा पिथौरागढ के 5 विकासखंडों के 51 गांवों को वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के तहत चिन्हित किया गया है।

बैठक में अवगत कराया गया कि राज्य सरकार द्वारा प्रत्येक वाइब्रेट विलेज की सामान्य सूचना प्रत्येक गावं का प्रोफाइल तथा क्रियाकलापों का केलेन्डर तैयार कर लिया गया है।

वर्तमान समय तक तीनो जनपदों के वाइब्रेंट विलेजेज में लगभग 452 क्रियाकलाप पूर्ण कर लिये गये है।

सचिव ग्राम्य विकास राधिका झा द्वारा बैठक में अवगत कराया कि राज्य सरकार द्वारा सभी गांवों हेतु वाइब्रेट विलेज एक्सन प्लान तैयार कर लिया गया है उक्त कार्ययोजना की कुल लागत लगभग रू0 75895.52 लाख है जिसमें रू० 58621.518 लाख वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम से रू0 11863.87 लाख विभिन्न केन्द्र पोषित योजनाओं के माध्यम से रू0 5398.63 लाख राज्य सेक्टर से प्रस्तावित किया गया है।

यह कार्ययोजना मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली राज्य स्तरीय स्क्रीनिंग कमेटी द्वारा आवश्यक संशोधनों के साथ अनुमोदन प्रदान कर लिया गया है।

कार्ययोजना में मुख्यतः आजीविका विकास से संबंधित कृषि, पशुपालन, आदि योजनाओं के साथ ही पर्यटन विकास की योजनाओं, उर्जा से संबंधित योजनाओं, आंतरिक सड़कों का निर्माण, कौशल विकास के साथ साथ सामुदायिक अवस्थापना सुविधाओं का विकास, स्कूल भवनों का निर्माण एवं स्वास्थ्य संबधित परियोजनाओं विशेष रूप से प्रस्तावित किया गया है।

राज्य सरकार द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत गृहमंत्री के सम्मुख यह बात रखी गई कि इन सीमान्त गावों के लोग शीतकाल तथा ग्रीष्मकाल में अस्थायी नजदीकी गांव में अस्थायी रूप से पलायन करते है जिसके कारण इन्हे प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत दोनों गांवों में आवास दिया जाना चाहिये जिस हेतु मार्गनिर्देश में शिथिलीकरण किया जाने की आवश्यकता है।

साथ ही जल जीवन मिशन के तहत भी इन परिवारों को दोनो गावों में पेयजल की सुविधा दी जाये।

गृहमंत्री द्वारा उक्त प्रस्ताव तैयार कर तत्काल केन्द्र को प्रेषित करने के निर्देश दिये गये।

उक्त के अतिरिक्त राज्य द्वारा यह भी मांग की गई कि वाइब्रेंट विलेजेज में स्कूल एवं स्वास्थ्य केन्द्रों में आवासीय सुविधा दी जानी आवश्यक है।

उक्त प्रस्ताव पर भी गृहमंत्री द्वारा सैद्धान्तिक सहमति दी गयी तथा इस आशय का प्रस्ताव तैयार कर केन्द्र सरकार को तत्काल प्रेषित करने के निर्देश दिये गये। बैठक मे अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री राधा रतूडी, सचिव ग्राम्य विकास राधिका झा तथा अपर सचिव ग्राम्य विकास एवं नोडल अधिकारी वी०वी०पी० नितिका खण्डेलवाल आदि उपस्थित रहे।

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