9 करोड़ से अधिक मुफ्त सेवा और 8 बजे हुई डोईवाला स्वास्थ्य केंद्र से हिमालयन हॉस्पिटल स्टाफ की हुई वापसी
प्रो बोनो एग्रीमेंट के तहत जनहित में मुफ्त सेवाये दे रहे हिमालयन हॉस्पिटल ने आज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र डोईवाला से अपने मेडिकल,नर्सिंग इत्यादि सभी स्टाफ की पूरी तरह से वापसी कर ली है.
> अकेले सैलरी पर अनुमानित खर्च 9 करोड़ से अधिक
> 59 महीने 19 दिन की मुफ्त सेवाओं के बाद की वापसी
> मरीजों को रेफर करने के आरोप पर हुये हैं आंदोलन
> विभिन्न जनसंगठनों का रहा है प्रो बोनो का विरोध
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रजनीश प्रताप सिंह ‘तेज’ की खास रपट
देहरादून :
सुबह 8 बजे हिमालयन हॉस्पिटल स्टॉफ ने ली विदा
हिमालय के योगी के रूप में विश्व विख्यात स्वामी राम द्वारा स्थापित हिमालयन हॉस्पिटल द्वारा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र डोईवाला में दी जा रही स्वास्थ्य सेवाएं आज समाप्त हो गयी है.
यह स्वास्थ्य केंद्र एक बार फिर से स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर उत्तराखंड सरकार के पूर्णतया अधीन हो गया है.
आज सुबह 8 बजे घड़ी की टिक के साथ ही हिमालयन हॉस्पिटल के स्टॉफ ने अपनी नाईट ड्यूटी समाप्त होने के बाद रजिस्टर में हस्ताक्षर कर विदा ली.
प्रो बोनो के तहत था हॉस्पिटल से एग्रीमेंट
‘प्रो बोनो’ का सरल भाषा में अर्थ होता है “जनहित में निःशुल्क सेवाएं”
इसी एग्रीमेंट के तहत 16 अगस्त 2017 को हिमालयन हॉस्पिटल और उत्तराखंड सरकार के बीच सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के निःशुल्क संचालन का करार हुआ था.
आज सुबह 29 जुलाई 2022 तक इस प्रो बोनो एग्रीमेंट के तहत हिमालयन हॉस्पिटल ने अपनी स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध करवायी हैं लगभग 1806 दिनों तक ये सेवाएं रही हैं.
हिमालयन हॉस्पिटल का ये स्टाफ था तैनात
डोईवाला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में हिमालयन हॉस्पिटल के प्रभारी तीरथ सिंह से प्राप्त जानकारी के अनुसार
फिजिशियन 01,सर्जन 01,गाइनीकोलॉजिस्ट 02,बाल रोग विशेषज्ञ 01,डेंटिस्ट 01,नेत्र रोग विशेषज्ञ 01
रेडियोग्राफर/एक्स-रे टेक्नीशियन 01 ( हफ्ते में दो दिन,मंगलवार और शुक्रवार )
नर्सिंग स्टाफ 12,फार्मासिस्ट 01,वार्ड बॉय 05,लैब असिस्टेंट 02,हाउस कीपिंग 08,रजिस्ट्रेशन काउंटर 01
तैनात थे
इसके अलावा आवश्यकता पड़ने पर हिमालयन हॉस्पिटल के द्वारा 12 फोल्डिंग बेड,20 चेयर,02 गीजर,01 कंप्यूटर,01 प्रिंटर,01 इन्वर्टर और एक टेबल का इंतजाम अपने स्तर से किया गया था.
हिमालयन हॉस्पिटल द्वारा अनुमानित खर्च
यहां स्पष्ट किया जा रहा है कि यह ‘यूके तेज’ का अनुमानित आंकड़ा है.
जिसमें हिमालयन हॉस्पिटल के डॉक्टर व स्टॉफ की एक अनुमानित Reasonable And Fair Value of Salary निकालने का प्रयास किया गया है. यह किसी भी प्रकार से उत्तराखंड सरकार तथा हिमालयन हॉस्पिटल द्वारा दिया गया आंकड़ा नही है.
हमारे अनुमान के अनुसार प्रो बोनो के अंतर्गत अपनी निःशुल्क स्वास्थ्य सेवाएं देने में हिमालयन हॉस्पिटल के द्वारा अकेले डॉक्टर व कर्मचारियों के वेतन पर ही लगभग 9 करोड़ 34 लाख 45 हजार 433 रुपये खर्च किये गये है.
वास्तविक आंकड़ा बड़ा अथवा छोटा भी हो सकता है.
इसके अनुसार हिमालयन हॉस्पिटल के एक दिन का खर्च 52000 रुपये से अधिक का है.
आज 29 जुलाई 2022 को सरकारी डॉक्टर व कर्मचारियों की संख्या
प्राप्त जानकारी के अनुसार आज सुबह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र डोईवाला में उत्तराखंड सरकार के तहत
इमरजेंसी 01 डॉक्टर,फिजिशियन 01,स्त्री रोग विशेषज्ञ 02,बाल रोग विशेषज्ञ 01,हड्डी रोग विशेषज्ञ 01,
नर्सिंग स्टाफ 06,हाउस कीपिंग 02,रेडियोलोजी 01,लैब अस्सिटेंट 02,वार्ड बॉय 02,वार्ड आया 02,फार्मेसी 02
उपलब्ध रहेजानकारी के मुताबिक जल्द ही डॉक्टर व अन्य स्टाफ की नियुक्तियां होने जा रही हैं
विरोध-प्रदर्शन का रहा है दौर
डोईवाला के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के हिमालयन हॉस्पिटल द्वारा संचालित किये जाने का विभिन्न व्यक्तियों व दलों का विरोध रहा है.
इसकी बड़ी वजह यह रही है कि समय-समय पर स्वास्थ्य सेवा को लेकर असंतोष रहा है कथित तौर पर इस स्वास्थ्य केंद्र को मात्र रेफर सेंटर का तमगा जडा गया यानि यहां पर इलाज देने की बजाय मरीज को बड़े हॉस्पिटल के लिये रेफर कर दिया जाता रहा है.
इन्हीं मुद्दों को लेकर पहले तत्कालीन कांग्रेस नेता विक्रम सिंह नेगी (वर्तमान भाजपाई) और उसके बाद उत्तराखंड क्रांति दल ने एक आंदोलन खड़ा किया.
जिसमें हॉस्पिटल परिसर के गेट पर टेंट लगाकर धरना-प्रदर्शन,भूख हड़ताल,आमरण अनशन इत्यादि किया गया यूकेडी नेता शिव प्रसाद सेमवाल के नेतृत्व में चले इस आंदोलन में स्वास्थ्य मंत्री और स्वास्थ्य सचिव से वार्ता-मुलाकात कर उन्हें भी प्रो बोनो एग्रीमेंट को समाप्त करने का ज्ञापन दिया गया.
बहरहाल यह तो आने वाले दिन ही बताएंगें कि हारी-बिमारी में सरकारी हस्पताल का मुँह देखने वाले आम मरीज को तकलीफ में कितना और कहां तक आराम मिल पाता है.