डोईवाला के इस मंदिर ने लागू किया “ड्रेस कोड”,अब छोटे वस्त्र, कटी फटी जींस आदि पहनकर प्रवेश नही

देहरादून : ( रजनीश प्रताप सिंह तेज ) उत्तराखंड के कई मंदिरों में इस वर्ष प्रवेश के लिए ड्रेस कोड लागू किया गया है जिसके चलते छोटे कपड़ों में महिलाओं को मंदिर में प्रवेश नहीं दिया जाएगा
इन मंदिरों ने लागू किया ड्रेस कोड
जानकारी के मुताबिक उत्तराखंड के हरिद्वार के दक्ष प्रजापति मंदिर ,पौड़ी गढ़वाल के नीलकंठ महादेव मंदिर और देहरादून के टपकेश्वर महादेव मंदिर में महिलाओं के छोटे कपड़े पहनकर आने पर प्रतिबंध लगाया गया है
इन मंदिरों की प्रबंधन समिति ने भक्तों से अपील की है कि वह मर्यादित ड्रेस कोड में ही मंदिर में प्रवेश के लिए आए
इसी तर्ज पर डोईवाला स्थित लच्छेश्वर महादेव मंदिर में भी प्रवेश के लिए ड्रेस कोड लागू किया गया है
उत्तराखंड के अन्य मंदिरों में जहां केवल महिलाओं के छोटे कपड़े पहनने पर प्रतिबंध लगाया गया है
वहीं डोईवाला के इस मंदिर का ड्रेस कोड न केवल महिलाओं के लिए है बल्कि पुरुषों के लिए भी लागू किया गया है
मंदिर के बाहर लगाया फ्लेक्स
विनम्र आग्रह
सभी महिलाएं एवं पुरुष मंदिर परिसर में मर्यादित वस्त्र पहनकर ही आए
छोटे वस्त्र जैसे -हाफ पेंट, बरमूडा, मिनी स्कर्ट, नाइट सूट,कटी-फटी जींस आदि पहनकर आने पर बाहर से ही दर्शन कर सहयोग दें
मंदिर ‘Tirth’ sthal तीर्थस्थल है,Tripsthal ट्रिपस्थल नहीं
लच्छेश्वर महादेव मंदिर समिति के आजीवन सदस्य प्रेम सिंह ने यूके तेज से बात करते हुए कहा कि आजकल कुछ लोगों ने तीर्थस्थलों को घूमने-फिरने की जगह यानि Tripsthal के तौर पर लेना शुरू कर दिया है
ये चलन ठीक नही है
लच्छीवाला का यह मंदिर श्रद्धा भक्ति और आस्था का केंद्र है
यहां भक्त भोले शंभूनाथ के दर्शन की अभिलाषा से आते हैं
ऐसे में अमर्यादित वस्त्र धारण करना उचित नहीं है इसलिए सभी भक्तजनों से मर्यादित वस्त्रों के लिए ही आग्रह किया गया है
ऐसा न करने वालों के लिए मंदिर के बाहर से ही दर्शन करने को आग्रह किया जाता है
क्या कहा मंदिर समिति अध्यक्ष ने
लच्छेश्वर महादेव मंदिर समिति के अध्यक्ष अशोक पोरेल ने यूके तेज से बात करते हुए कहा कि बीते सावन के महीने में बड़ी संख्या में श्रद्धालु लच्छेश्वर महादेव मंदिर के दर्शन के लिए आए
इस मंदिर की बड़ी मान्यता है कि है यह एक स्वयंभू प्रकट शिवलिंग है
लेकिन इसी दौरान कुछ लोग नेकर,छोटी स्कर्ट इत्यादि में भी आए जो उचित नहीं है
इसलिए हमारे द्वारा मंदिर में एक ड्रेस कोड लागू किया गया है
जिसमें छोटे वस्त्र कटी फटी जींस आदि नहीं पहनने का आग्रह किया गया है