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उत्तराखंड में “मेडिकल टूरिज्म” की दिशा में महत्वपूर्ण काम करने जा रहा है यह संस्थान

 

देहरादून ( रजनीश प्रताप सिंह तेज ) : उत्तराखंड में मेडिकल टूरिज्म Medical Tourism in Uttarkahand को एक नया आयाम मिलने जा रहा है

मेडिकल टूरिज्म Medical Tourism की तमाम संभावनाओं को तलाशा जा रहा है

जल्द ही मेडिकल टूरिज्म के नक़्शे पर उत्तराखंड उभरने को तैयार है

इसके लिए देश का प्रतिष्ठित मेडिकल संस्थान ऋषिकेश में स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान All India Medical Institute के द्वारा प्रयास किया जा रहा है

इंजीनियरिंग और प्रबंधन क्षेत्र से जुड़े विभिन्न देशों के एक उच्च प्रतिनिधिमंडल ने प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत सोमवार को एम्स ऋषिकेश का दौरा कर संस्थान की ढांचागत और प्रशासनिक व्यवस्थाओं को समझा।

इस दौरान संस्थान की कार्यकारी निदेशक ने टीम को बताया एम्स शीघ्र ही मेडिकल टूरिज्म को बढ़ावा देने की दिशा में कार्य करेगा।

सोमवार को इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन, दिल्ली Indian Institute of Public Administration,New Delhi

विदेशी प्रतिनिधियों Foreign Delegates की टीम एम्स ऋषिकेश से पंहुची

जिसने ढांचागत व्यवस्थाओं, संस्थान द्वारा उपलब्ध कराई जा रही सवास्थ्य सेवाओं और प्रशासनिक कार्यप्रणाली की बारीकियां समझीं।

उन्होंने बड़े संस्थान के निर्माण, ढांचागत व्यवस्थाओं और इसके संचालन में आने वाली कठिनाइयों और चुनौतियों को नजदीक से जाना और संस्थान के वरिष्ठ अधिकारियों से इसकी जानकारी हासिल की।

टीम ने संस्थान के टेलिमेडिसिन विभाग, स्किल लैब, कॉलेज ऑफ नर्सिंग, अस्पताल परिसर, आईसीयू एरिया, ऑपरेशन थियेटर, ट्रॉमा सेन्टर, आयुष विभाग, मिलट कैफे और हॉस्टल एरिया आदि का राउंड भी लिया और संस्थान के संचालन को करीब से जाना।

इस दौरान एम्स की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर डॉ. मीनू सिंह ने टीम सदस्यों को बताया कि एम्स में स्वास्थ्य सुविधाओं को लगातार विकसित किया जा रहा है

अस्पताल में शीघ्र ही एक अलग ट्रांसप्लांट डिवीजन Separate Transplant Division कार्य करना शुरू करेगा।

उन्होंने अवगत कराया कि संस्थान Medical Tourism मेडिकल टूरिज्म के क्षेत्र में भी योजना तैयार कर रहा है।

भविष्य में ऋषिकेश आने वाले लोग इस सुविधा का लाभ उठा सकेंगे।

संस्थान के इंजीनियरिंग विभाग के बारे में कार्यकारी निदेशक प्रो. मीनू सिंह ने टीम को बताया कि इस विभाग के अधीन एक बायोमेडिकल डिवीजन Biomedical Division कार्यरत है, जो विभिन्न उपकरणों की देखरेख और मरम्मत का कार्य करती है।

उन्होंने टीम सदस्यों को जानकारी देते हुए संस्थान के मिलट कैफे Millet Cafe में उपलब्ध कराए जा रहे मोटे अनाज Coarse Grains के भोज्य पदार्थों के लाभ गिनाए और बताया कि मोटा अनाज किस तरह से स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है।

विभिन्न देशों के प्रतिनिधिमंडल ने एम्स के अधिकारियों के साथ बैठक कर संस्थान की विभिन्न गतिविधियों के बावत व्यापक चर्चा कर आवश्यक जानकारी भी प्राप्त की।

टीम में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन की एसो. प्रोफेसर और डॉ. कुसुम लता, डॉ. पवन तनेजा, डॉ. रोमा मित्रा सहित मारीशश, फिलीपींस, तंजानिया, युगाण्डा, फिजी, श्रीलंका, भूटान, इंडोनेशिया, केन्या, जमैका, ईथियोपिया आदि देशों के प्रतिनिधि शामिल थे।

विजिट के दौरान संस्थान के प्रभारी डीन एकेडेमिक प्रो. शैलेन्द्र हांडू, उपनिदेशक (प्रशासन) ले. कर्नल अमित पराशर, सीएफएम की विभागाध्यक्ष प्रो. वर्तिका सक्सैना, सब डीन डॉ. वंदना धींगरा, डीएमएस डॉ. भारत भूषण, डॉ. नरेन्द्र कुमार, डॉ. मधुर उनियाल, डॉ. पूजा भदौरिया, जनसंपर्क अधिकारी संदीप कुमार सिंह, पीपीएस विनीत कुमार सिंह, राजीव गुप्ता आदि कई अधिकारीगण मौजूद रहे।

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