डेंगू मरीज की कुछ रिपोर्ट आ रही ‘नेगेटिव’,तब भी न करें लापरवाही : डॉ एनएस बिष्ट

देहरादून में एक बार फिर से डेंगू के मामले अपना असर दिखा रहे हैं ऐसे में कोरोनेशन हॉस्पिटल के सीनियर फिजिशियन डॉ एन एस बिष्ट ने डेंगू पीड़ित व्यक्ति की रिपोर्ट नेगेटिव आने पर भी सही ईलाज की सलाह दी है.
> हॉस्पिटल आने वाला हर दूसरा व्यक्ति डेंगू पीड़ित
> मरीज को दिया जाना चाहिए डेंगू का उचित ईलाज
> बुखार की मियाद न पता होने से भी रिपोर्ट नेगेटिव
> डेंगू के लक्षण मिलने पर तुरंत करें ईलाज शुरू
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रजनीश प्रताप सिंह ‘तेज’
देहरादून :
दुविधा में हैं डॉक्टर
राज्य के सरकारी अस्पताल बुखार के रोगियों से पटे पड़े हैं। जैसा कि पहले से ही अंदेशा ही था कि सितंबर के महिने में Dengue अपने चरम पर पहुंच चुका है.
मगर इस बार डॉक्टर काफी दुविधा में दिख रहे हैं,
कारण है डेंगू के लक्षणों Dengue Symptoms वाले मरीजों में डेंगू की रिपोर्ट का निगेटिव आना Negative Report of Dengue या एक साथ ऐंटीजन और दोनों ऐंटीबॉडी का भी पॉजिटिव आ जाना या फिर टाइफाइड की जाँच का पॉजिटिव होना.
जिला अस्पताल कोरोनेशन में सीनियर फिजीशियन डॉ एनएस बिष्ट का कहना है कि अस्पताल आने वाला हर दूसरा व्यक्ति बुखार से पीडित है.
10 में से 9 मरीज डेंगू के लक्षणों वाले बुखार से पीड़ित हैं.
लेकिन चौंकाने वाले बात ये है कि जांच कराने पर इनकी रिपोर्ट पॉजिटिव के बजाये निगेटिव आ रही है.
यानि मरीाजों में डेंगू पॉजिटिव दर काफी कम है जबकि डेंगू के लक्षण बहुत ज्यादा.
Dengue symptoms are clear but the positivity rate of dengue is comparatively low.
डॉ एनएस बिष्ट का कहना हैकि अब क्योंकि कोविड-19 ढलान पर है और बाकी वायरल के बुखार ज्यादा गंभीर नहीं होते ऐसे में बुखार के गंभीर रोगियों को नेगेटिव रिपोर्ट पर भी डेंगू की ही तरह इलाज देना चाहिए ताकि नेगेटिव रिपोर्ट की वजह से किसी मरीज़ के इलाज में लापरवाही न हो.
जानिए क्यों आ रही है डेंगू मरीजों की रिपोर्ट निगेटिव
Know the cause of negative report of dengue patient
डॉ एनएस बिष्ट के मुताबिक डेंगू की जाँच सही न आ पाने का कारण डेंगू से दोबारा संक्रमण या फिर टाइप 2 और 4 से संक्रमण हो सकता है.
चूंकि 2019 में डेंगू का संक्रमण दुनियाँ में सबसे ज्यादा मामले लेकर आया तो तीन साल बाद यह दोबारा संक्रमण वाले मामलों की तादाद ज्यादा हो सकती है.
डॉ बिष्ट के मुताबिक समयपूर्व और समय के बाद जाँच कराने से भी निगेटिव रिपोर्ट आ सकती है.
According to Dr Bisht, negative report of dengue could be due to pre-dengue or post-dengue investigation.
जैसे कि एस-1 टेस्ट शुरुआत में नहीं कराने या फिर बुखार छूटने के बाद दोबारा बुखार आने पर कराने से नेगेटिव ही आएगा क्योंकि एंटीज़न टेस्ट 7 दिन के बाद नेगेटिव हो जाता है.
एंटीबॉडी टेस्ट 7 दिन से पहले नेगेटिव ही रहता है। बुखार की मियाद का सही से पता न चल पाना इसका एक कारण है.
बुखार में ये लक्षण दिखें तो सावधान रहें- डॉ बिष्ट
डॉ बिष्ट के मुताबिक डेंगू मरीजों के पूरे शरीर की मांसपेशियों जोड़ों में दर्द, सिरदर्द, बेचौनी, निम्न रक्तचाप, उल्टी, मचली आना, शरीर निढाल हो जाना, त्वचा में हल्की लालिमा या राष इस फीवर आउटब्रेक के मुख्य लक्षण हैं.
नेगेटिव रिपोर्ट के बाद भी स्वेत रक्त कणो की संख्या या टीएलसी के आधार पर बुखार के गंभीर रोगियों का इलाज डेंगू की तरह ही होना चाहिये.
डॉ बिष्ट का कहना है कि टीएलसी डेंगू मरीजों में काफी कम हो सकता है, 2000 से भी कम, साथ ही पित्त की थैली के आसपास पानी जमा होने लगता है। लीवर इंजाएम भी समान्य तौर पर बढ़े हुए मिलते हैं.
इलाज में पेरासिटामोल के अलावा कोई भी दावा नुकसान पहुँचा सकती है मरीज़ के शरीर में पानी की कमी ना होने दें. इसके साथ ही रक्तचाप कम ना होने दें। बेचौनी थकावट खड़े ना हो पाना निम्न रक्तचाप के मुख्य लक्षण हैं.