-हिमालयन इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एचआईएमएस) का ओरिएंटेशन कार्यक्रम आयोजित
-एमबीबीएस में प्रवेश लेने वाले छात्र-छात्राओं सहित अभिभावक हुए शामिल
Dehradun- हिमालयन इंस्टिटयूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एचआईएमएस) जौलीग्रांट के एमबीबीएस में प्रवेश लेने वाले नए छात्र-छात्राओं के लिए ओरिएंटेशन कार्यक्रम आयोजित किया गया।
इस दौरान कुलाधिपति डॉ. विजय धस्माना ने छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि एक बेहतर चिकित्सक वही है जो मरीज के दर्द को समझे।
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स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय (एसआरएचयू) जौलीग्रांट के सभागार में आयोजित एचआईएमएस के ओरिएंटेशन कार्यक्रम का शुभारंभ संस्थापक डॉ.स्वामी राम के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कुलाधिपति डॉ.विजय धस्माना ने कहा कि संस्थान की स्थापना के पीछे संस्थापक डॉ. स्वामी राम का उद्देश्य उत्तराखंड व दूसरे क्षेत्र के लोगों की जनसेवा था।
मेडिकल कॉलेज की स्थापना भी इसी उद्देश्य से की गई। समाज में चिकित्सक को भगवान के रुप में भी जाना जाता है।
यह आम धारणा कायम रहे इसके लिए जरूरी है कि चिकित्सक पीड़ित मानवता की सेवा करें। साथ ही कुलाधिपति डॉ.धस्माना ने अभिभावकों से आग्रह किया कि यदि वह अपने बच्चे को कुशल चिकित्सक बनाने का सपना देख रहे हैं तो उनका यह दायित्व है कि उसकी हर गतिविधि पर नजर रखें।
कुलपति डॉ.राजेंद्र डोभाल ने कहा कि जीवन का हर क्षण अमूल्य है। जो छात्र समय के मूल्य को पहचानते हैं वही सफलता के शिखर पर पहुंचते हैं।
समय का मूल्य भी अनुशासन में रहकर ही समझ में आता है। सफलता के लिए जरूरी है छात्र-छात्राओं को उम्मीद, कर्तव्य निष्ठा और आत्मविश्वास हमेशा कायम रखना चाहिए।
एचआईएमस के प्रिसिंपल डॉ.अशोक देवराड़ी ने नए छात्रों के साथ उनके अभिभावकों का स्वागत किया। साथ ही उन्हें फैकल्टी का परिचय दिया।
डॉ.तरुणा शर्मा ने मेडकल कोर्सेस सहित एग्जाम पैटर्न व डॉ.विनीत महरोत्रा ने एंटी रैगिंग पॉलिसी व नियमों की जानकारी दी। सभी छात्र-छात्राओं ने अपना परिचय भी व्यक्तिगत रुप से दिया।
डॉ.जूही कालरा ने धन्यवाद प्रस्ताव ज्ञापित किया। डॉ.किरण भट्ट के संचालन में आयोजित समारोह में कुलसचिव डॉ.सुशीला शर्मा, डॉ.मुश्ताक अहमद सहित एचआईएमएस की सभी फैकल्टी मौजदू रहे।