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थम सकती थी रत्नी देवी की साँस,श्वास नली में स्टैंट डालकर हिमालयन हॉस्पिटल के डॉक्टर ने किया उपचार

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देहरादून : स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय के अंर्तगत हिमालयन अस्पताल के क्रिटिकल केयर विभाग ने 65 वर्षीय रत्नी देवी को नया जीवन दिया है।

हिमालयन अस्पताल के क्रिटिकल केयर मेडिसिन विशेषज्ञ डाॅ. सुशांत खंडूरी ने बताया कि

हरिद्वार निवासी रत्नी देवी उम्र 65 साल अत्यधिक सांस फूलना व छाती में दर्द की समस्या को लेकर छाती रोग विभाग में आई।

छाती रोग विभाग में डाॅ. राखी खंडूरी ने उनकी प्राथमिक जांच की।डाॅ. राखी ने बताया कि सांस फूलना जैसे लक्षण रोगी में पाए गए इसके बाद रत्नी देवी को छाती वार्ड में भर्ती कराया गया।

रत्नी देवी छाती वार्ड में भर्ती होने के बाद बेहोश हो गई।जिसके बाद रत्नी देवी को आईसीयू में वेंटिलेटर पर रखा गया।

रत्नी देवी को आईसीयू में क्रिटिकल केयर विशेषज्ञ सुशांत खंडूरी ने उनकी जांचे करवाई

जिसमें पता चला कि रत्नी देवी को सांस की नली में कैंसर है।सांस की नली में कैंसर होने से रत्नी देवी की सांस हमेशा के लिए बंद होने का खतरा था।

डाॅ. सुशांत खंडूरी ने डाॅ. राखी खंडूरी व डाॅ. नंद किशोर व डाॅ. मनोज की सहायता से रोगी की श्वास नली में कृतिम ट्यूब रखकर ब्रोंकोस्कोपी की सहायता से स्टैंट डालकर रत्नी देवी की जान बचाई।

डाॅ. सुशांत ने रोगी को श्वास स्टैंट की सहायता से सांस दिलाई।

रत्नी देवी अब बिना वेंटीलेटर के सांस ले रही है।

रत्नी देवी को आईसीयू से शिफट कर वार्ड में रखा गया।

जहां से पूर्ण स्वस्थ होने के बाद उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है।

अब रत्नी देवी स्वस्थ है और वह सामान्य रूप से सांस ले पा रही हैं।

डाॅ. सुशांत खंडूरी का कहना है कि रत्नी देवी को श्वास नली जो स्टैंट डाला गया वह विशेष ट्यूब होती है,जो कि श्वास नली में आने वाले अवरोधों को दूर करती है।

श्वास नली में स्टैंट डालकर रोगी को सांस दिलाने जैसी सुविधा देश के चुनिंदा अस्पतालों में मौजूद है।

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