28 जून को “ब्लैक डे” की घोषणा,राष्ट्रव्यापी चक्काजाम को लेकर लामबद्ध हुये ट्रांसपोर्टर्स

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( PRIYANKA SAINI )
देहरादून : ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस ने परिवहन क्षेत्र की समस्याओं को लेकर 28 जून को “ब्लैक डे” की घोषणा की है। इसके साथ ही राष्ट्रव्यापी चक्का जाम के लिए भी लामबंद होने की बात कही है।
ट्रांसपोर्टरों के शीर्ष संगठन ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (AIMTC) ने कहा कि डीजल (Diesel) की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं।
वहीं कर की उच्च दरें, ई-वे बिल से संबंधित बातों के साथ देश में मौजूदा नीति पर भी एआईएमटीसी की संचालन परिषद में विस्तार से मंथन हुआ।
एआईएमटीसी भारत के ट्रांसपोर्टर ( कार्गो और यात्री ) का एक प्रमुख संगठन है।यह संगठन विगत 81 वर्षों से कार्यरत है।जो देशभर में करीब 95 लाख ट्रक ड्राइवरों और लगभग 50 लाख बसों व पर्यटक ऑपरेटरों का प्रतिनिधित्व करने का दावा करता है।
एआईएमटीसी (AIMTC) के अध्यक्ष कुलतारण सिंह अटवाल ने प्रेस को जानकारी प्रदान करते हुए कहा है की लगभग 85 % से अधिक ट्रांसपोर्टर छोटे ऑपरेटर हैं। जिनके पास एक से पांच वाहन (कार्गो और यात्री खंड) है।
उनमें से लगभग 65% वाणिज्यिक वाहन स्वामी नियोजित मालिक चालक है। वह आजीविका खो रहे हैं और अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
एनपीए में लगातार वृद्धि हुई है और वित्तीय संस्थानों की ओर से परिवहन वाहनों की वसूली और जब्ती के लिए भी दबाव बढ़ रहा है सरकार उनकी दुर्दशा के प्रति उदासीन बनी हुई है।
परिवहन क्षेत्र आर्थिक रूप से अपंग हो चुका है।
इन समस्याओं को देखते हुए 16 जून को परिवहन बिरादरी की दुर्दशा के प्रति सरकार की उदासीनता के मुद्दे पर एक बैठक हुई।
जिसमें फैसला लिया गया कि 28 जून 2021 को पूरे देश में एक शांतिपूर्ण,राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन होगा और इस दिन को ब्लैक डे के रूप में मनाया जाएगा।
इस दिन प्रधानमंत्री ,केंद्रीय वित्त मंत्री, केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री को जिला अधिकारी के माध्यम से ज्ञापन सौंपा जाएगा। जिसमें परिवहन क्षेत्र की ज्वलंत समस्याओं से निबटने के लिए मांग पत्र दिया जाएगा।
सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि सरकार से यह मांग की जानी चाहिए
(1) केंद्र सरकार और राज्यों द्वारा डीजल और पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क और वैट में कटौती की जानी चाहिए।
डीजल और पेट्रोल को जीएसटी के तहत लाना ताकि पूरे देश में डीजल और पेट्रोल की एक समान दर हो।
डीजल और पेट्रोल की कीमतों का तिमाही/मासिक संशोधन
(2) मौजूदा परिदृश्य में 6 महीने के लिए ईएमआई मोरटोरियम की घोषणा की जाए।
( 3 ) ई-वे बिल की वैधता के लिए निर्धारित समय सीमा को हर 100 किलोमीटर के लिए 1 दिन के पहले के स्तर पर बहाल किया जाना चाहिए।
(4) पुलिस आरटीओ और जीएसटी अधिकारियों द्वारा भ्रष्टाचार पर अंकुश लगना चाहिए।
( 5 ) सड़क परिवहन क्षेत्र के अन्य लंबित मुद्दे तुरंत हल किए जाएं।
ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (AIMTC) के प्रदेश महासचिव आदेश सैनी ने बताया कि संगठन के निर्णय के अनुसार उत्तराखंड में भी तय कार्यक्रम के अनुसार जिलाधिकारी के माध्यम से ज्ञापन देकर सभी ज्वलंत समस्याओं के निराकरण के प्रयास किये जायेंगें।