
देहरादून के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने आज सभी थाना/चौकी प्रभारियों को शिकायतों पर सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ काम करने और बिचौलियों के प्रवेश को निषेध करने के आदेश दिये हैं.
> शिकायत के 30 मिनट में मौके पर पहुंचे पुलिस
> शिकायत मिलने पर 15 दिन के भीतर निस्तारण
>किसी भी दशा में न हो बिचौलियों का प्रवेश
> तत्परता से गंभीर अपराध घटित होने से रोके
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रजनीश प्रताप सिंह ‘तेज’
देहरादून : “बिचौलियों पर लगाम” की कवायद
“बिचौलियों” का थाने-चौकियों में सक्रीय होना आम बात है.
विशेषकर मामला “अवैध खनन” का हो तो पुलिस द्वारा पकड़े गये अवैध खनन वाहन के थाने अथवा चौकी पहुंचने से पहले ही “बिचौलिए” वहां जा पहुंचते हैं और कुछ मामलों में अपने विशेष प्रयासों से मामला रफा-दफा करवा देते हैं.
जिससे पुलिस की साख पर बट्टा लगना स्वाभाविक है.
देहरादून के नये एसएसपी दिलीप सिंह कुंवर ने पुलिस विभाग की इसी दुखती रग पर हाथ रखते हुये मर्ज को पकड़ इलाज करने की ठानी है क्या वह वाकई ऐसा करने में कामयाब होंगें यह देखने वाली बात है.
एसएसपी ने आज विभिन्न बिंदुओं पर दिशा-निर्देश जारी किये हैं.
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने सभी थाना प्रभारियों को अपनी प्राथमिकताओं के सम्बन्ध मे अवगत कराते हुए स्पष्ट तौर पर निर्देशित किया गया है :-
(1) थाना चौकियों में प्राप्त होने वाले किसी भी शिकायती प्रार्थना पत्र पर पत्र प्राप्ति के 30 मिनट के अन्दर मौके पर जाकर प्रार्थना पत्र में अंकित तथ्यों के सम्बन्ध में जानकारी करते हुए अग्रिम विधिक कार्यवाही सुनिश्चित की जाए.
(2) प्रत्येक शिकायती प्रार्थना पत्र का निस्तारण पत्र प्राप्ति के 15 दिवस के अंदर सुनिश्चित कर लिया जाये, जिन मामलों में निस्तारण 15 दिन की समयावधि में सुनिश्चित न पाये उनमें सम्बंधित पुलिस अधीक्षक से अतिरिक्त समयावधि ले ली जाये, परंतु ऐसे मामलों में भी प्रार्थना पत्र का अधिकतम 30 दिवस के अंदर निस्तारण सुनिश्चित किया जायेगा.
(3) सभी थाना प्रभारी इस बात को सुनिश्चित करेंगे कि थाना/ चौकियों पर पीड़ित व्यक्ति से ही प्रार्थना पत्र लिया जाए, किसी भी दशा में बिचौलियों को थाना/ चौकियों में प्रवेश नहीं करने दिया जायेगा और ना ही उनकी किसी बात को सुना जाएगा.
(4) समस्त शिकायतों का निस्तारण उपलब्ध वास्तविक तथ्यों के आधार पर सुनिश्चित किया जाये। प्रार्थना पत्रों पर तत्काल आवश्यक निरोधात्मक कार्रवाई अमल में लाई जाये, जिससे कि कोई अन्य गंभीर अपराध घटित न हो सके.
(5) कंट्रोल रूम से प्राप्त होने वाली सूचना पर संबंधित थाना/चौकी प्रभारी स्वयं तत्काल मौके पर जाये.
यदि कोई थाना / चौकी प्रभारी किसी अन्य सूचना पर व्यस्त हो तो उस दशा में संबंधित हल्का इंचार्ज अथवा कोई अन्य उप निरीक्षक मौके पर जायेंगे,
यदि किसी कारणवश से उक्त लोग भी मौके पर नहीं जा सके, उस स्थिति में हेड कांस्टेबल अथवा चीता मोबाइल या 02 कांटेबल मौके पर जायेंगे और घटना से संबंधित वास्तविक तथ्यों से संबंधित प्रभारी को अवगत कराएंगे, जिनके द्वारा अग्रिम वैधानिक कार्यवाही सुनिश्चित की जायेगी.
(6) प्रत्येक थाना प्रभारी इस बात को सुनिश्चित करेगा कि पुलिस के पास शिकायत आने के बाद कोई अप्रिय घटना घटित न हों, यदि कोई घटना घटित होती है, उस दशा में सम्बंधित थाना/ चौकी प्रभारी की जवाबदेही तय करते हुए उनके विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जायेगी.