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आज उत्तराखंड कैबिनेट के द्वारा लिए गये छह बड़े निर्णय

Six major decisions taken by the Uttarakhand cabinet today

देहरादून,11 जून 2025 ( रजनीश प्रताप सिंह तेज ) : आज उत्तराखंड कैबिनेट के द्वारा छह बड़े महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं.

जिनमें कृषि, खनन, आपदा प्रबंधन और महिला कल्याण पर फोकस किया गया है.

उत्तराखंड कैबिनेट ने आज कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए, जिनमें कृषि, खनन, आपदा प्रबंधन और महिला एवं बाल कल्याण से जुड़े विभिन्न प्रस्तावों को मंजूरी दी गई।

इन निर्णयों का उद्देश्य राज्य के विकासात्मक ढांचे को मजबूत करना और जनहित से जुड़े मुद्दों का समाधान करना है।

1. उत्तराखंड जैव प्रौद्योगिकी परिषद की संशोधित संरचना को मंजूरी

कैबिनेट ने उत्तराखंड जैव प्रौद्योगिकी परिषद की संशोधित विभागीय संरचना/ढांचे को मंजूरी दे दी है।

पहले, परिषद के हल्द्वानी (पंतनगर) मुख्यालय के लिए 34 पद और देहरादून स्थित एडवांस सेंटर फॉर कंप्यूटेशनल एंड एप्लाइड बायोटेक्नोलॉजी के लिए 12 पद, कुल 46 पद स्वीकृत थे। अब, इन पदों की संख्या में कोई बदलाव किए बिना, सभी पदों को मुख्यालय और देहरादून/अन्य केंद्रों के लिए एकल संवर्ग (सिंगल कैडर) के रूप में एकीकृत किया जाएगा।

साथ ही, भर्ती के स्रोत में भी परिवर्तन को कैबिनेट ने अपनी स्वीकृति दी है।

2. भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग में 18 अतिरिक्त पद सृजित

भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग के संरचनात्मक ढांचे में 18 अतिरिक्त पदों के सृजन को कैबिनेट ने हरी झंडी दे दी है।

यह निर्णय उत्तराखंड उच्च न्यायालय द्वारा जनहित याचिका (Suo Moto) 174/2024 में दिए गए निर्देशों के अनुपालन में लिया गया है।

इस याचिका में बागेश्वर जिले के कुछ गांवों में भूस्खलन के कारण घरों, उपजाऊ भूमि में दरारें और पेयजल स्रोतों के सूखने का मुद्दा उठाया गया था।

इन नए पदों के सृजन से विभाग में पर्याप्त कर्मचारियों की उपलब्धता सुनिश्चित होगी, जिससे भूस्खलन जैसी आपदाओं से निपटने में मदद मिलेगी।

3. आसन नदी के बाढ़ मैदान परिक्षेत्रण की अंतिम अधिसूचना जारी

कैबिनेट ने उत्तराखंड बाढ़ मैदान परिक्षेत्रण अधिनियम, 2012 के प्रावधानों के तहत देहरादून जिले की तहसील सदर और विकासनगर के अंतर्गत आसन नदी के दोनों तटों पर बाढ़ मैदान परिक्षेत्रण की अंतिम अधिसूचना जारी करने को मंजूरी दी है।

यह निर्णय राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) नई दिल्ली में दायर मूल आवेदन संख्या 477/2022 (राजेंद्र गंगसारी बनाम उत्तराखंड राज्य व अन्य) में 19 मार्च 2024 को पारित आदेश के अनुपालन में लिया गया है।

यह अधिसूचना भट्टा फॉल से आसन बैराज (लगभग 53.00 किमी) तक आसन नदी के दोनों किनारों पर चिन्हित भूमि को प्रतिबंधित और निर्बंधित क्षेत्रों के रूप में अधिसूचित करेगी।

इसके अतिरिक्त, कैबिनेट ने इन प्रतिबंधित और निर्बंधित क्षेत्रों में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (STP) निर्माण, रोपवे टावर निर्माण, मोबाइल टावर निर्माण, हाई टेंशन विद्युत ट्रांसमिशन टावर निर्माण और एलिवेटेड रोड कॉरिडोर के लिए नींव एवं उप-संरचना से संबंधित निर्माण कार्यों को भी अनुमति दी है।

4. लोक निर्माण विभाग के 5 निरीक्षण भवनों का PPP मोड में मुद्रीकरण

लोक निर्माण विभाग, उत्तराखंड के पांच चयनित निरीक्षण भवनों (रानीखेत, उत्तरकाशी, दुग्गलबिट्टा, हर्षिल और ऋषिकेश) का पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) माध्यम से संचालन कर उनके मुद्रीकरण का कार्य उत्तराखंड इंफ्रास्ट्रक्चर एंड इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट बोर्ड (UIIDB) को आवंटित करने का निर्णय लिया गया है।

कैबिनेट ने इस प्रस्ताव को इस शर्त के साथ मंजूरी दी है कि इन निरीक्षण भवनों से संबंधित भूमि का स्वामित्व लोक निर्माण विभाग के पास रहेगा, और UIIDB इस कार्य के लिए ट्रांजैक्शन एडवाइजर के रूप में कार्य करते हुए नियमानुसार अपना शुल्क प्राप्त करेगा।

इस मुद्रीकरण से लोक निर्माण विभाग के निरीक्षण भवनों का बेहतर रख-रखाव संभव होगा और विभाग को अधिक राजस्व प्राप्त होगा। साथ ही, इन क्षेत्रों में आने वाले पर्यटकों को बेहतर आवासीय सुविधाएँ मिलेंगी।

5. उत्तराखंड राज्य संबद्ध एवं स्वास्थ्य देखरेख परिषद के गठन को मंजूरी

कैबिनेट ने उत्तराखंड राज्य संबद्ध एवं स्वास्थ्य देखरेख परिषद के गठन को मंजूरी दी है।

यह निर्णय राष्ट्रीय संबद्ध और स्वास्थ्य देखरेख वृत्ति आयोग अधिनियम-2021 (The National Commission for Allied and Healthcare Profession Act-2021) के अध्याय-3 की धारा 22 के तहत लिया गया है।

वर्तमान में, उत्तराखंड में परा-चिकित्सा स्नातक पाठ्यक्रमों के लिए उत्तराखंड पराचिकित्सा अधिनियम, 2009 और परा-चिकित्सा डिप्लोमा पाठ्यक्रमों के लिए स्टेट मेडिकल फैकल्टी के प्रावधान प्रभावी हैं, जिनके तहत विभिन्न 22 पराचिकित्सा विधाओं में स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में उत्तीर्ण अभ्यर्थियों का पंजीकरण किया जाता है।

नई परिषद के गठन से देश में संबद्ध और स्वास्थ्य देखरेख पेशेवरों हेतु शिक्षा और सेवाओं के मानकों को विनियमित करने, आचार संहिता, प्रवेश परीक्षाएं, पाठ्यक्रम मानकीकरण, पंजीकरण के मानकों में एकरूपता लाने और अंतर-राज्यीय पंजीकरण को सरल एवं सुलभ बनाने में मदद मिलेगी। यह परिषद कुल 10 श्रेणियों में समूहीकृत 56 व्यवसायी उपाधियों को मान्यता प्रदान करेगी।

6. मुख्यमंत्री महिला एवं बाल बहुमुखी सहायता निधि के क्रियान्वयन को हरी झंडी

मुख्यमंत्री महिला एवं बाल बहुमुखी सहायता निधि (कॉर्पस फंड) के क्रियान्वयन के संबंध में भी महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है।

कैबिनेट ने इस कॉर्पस फंड संबंधी नियमावली के तहत विभाग को प्राप्त विदेशी मदिरा/बियर पर लगने वाले उपकर (सेस) की धनराशि को फंड के रूप में उत्तराखंड महिला एवं बाल विकास समिति के माध्यम से संचालित करने का निर्णय लिया है।

इस निधि का उपयोग राज्य की महिलाओं और बच्चों के विकास हेतु संचालित विभिन्न योजनाओं में व्याप्त अंतरालों (गैप फिलिंग) को भरने और आवश्यकता एवं परिस्थिति के अनुसार नवाचार योजनाओं को क्रियान्वित करने में किया जाएगा।

विशेष रूप से, यह निधि आपदा/दुर्घटना में अनाथ हुए बच्चों, निराश्रित महिलाओं के जीविकोपार्जन और वृद्ध महिलाओं के लिए जीवन निर्वाह की समुचित व्यवस्था बनाने में सहायक होगी।

 

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