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नई दिल्ली : खीरा तो हम सबने खाया है इसके बारे में क्या नया है ?
हम आम खीरे की नहीं बल्कि समुद्री खीरे ( Sea Cucumber) की बात कर रहे है.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार जिसकी कीमत ढाई लाख रुपये किलो तक हो सकती है।
कैसा होता है समुद्री खीरा :–
जैसा की नाम से ही पता चलता है की यह समुद्र में पाया जाता है.
आपको बता दे कि यह खाने वाला सामान्य खीरा नहीं बल्कि एक समुद्री जीव है.
इसका शरीर खीरे जैसा दिखने के कारण इसका नाम भी समुद्री खीरा है.
समुद्री खीरा एक ‘एचिनोडर्म’ जीव है यह पोषक तत्वों के रीसाइक्लिंग में भी बड़ा उपयोगी होता है.
समुद्री खीरे की कीमत :–
सन्न 1980 में समुद्री खीरे की कीमत करीब 5000 रुपए प्रति किलोग्राम थी.
जो अब बढ़कर 21,000 रुपए प्रति किलोग्राम हो चुकी है.
कुछ विशेष प्रजातियों के समुद्री खीरों की कीमत तो 2.5 लाख रुपए प्रति किलोग्राम तक होती है.
इतना महंगा क्यूं :—
समुद्री खीरे की मांग चीन में और दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों में बहुत है.
क्योंकि उनका उपयोग दवा बनाने के लिए भी होता है.
इसको सूखे रूप में ही खाया जाता है,
चीन में कुछ लोगों द्वारा इसे कामोत्तेजक दवा (Aphrodisiac Medicine) के रूप में भी इस्तेमाल कर लिया जाता है.
इन्हीं सब वजहों से इस जीव का व्यापार मछुआरों के मुंह में पानी ला देता है.
आज के समय में कंपनियां समुद्री खीरे को अच्छे से सुखा कर,उसको फैंसी पैकेटों में भरकर सप्लाई करती हैं. जिसका प्रयोग लोग गिफ्ट देने में भी करते हैं.
जापानी समुद्री खीरा सबसे महंगा माना जाता है.
एशिया में खासकर दक्षिण पूर्व एशिया (South-East Asia) में सदियों से इसका प्रयोग जोड़ों की समस्याओं जैसे आर्थराइटिस आदि के इलाज में हो रहा है.
फार्मास्यूटिकल कंपनियों की भी इसमें रूचि बढ़ रही है.
भारत ने समुद्री खीरे की स्मगलिंग पर रोक लगाने के लिए उठाए कदम है.
भारत में समुद्री खीरा वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत संरक्षित है.
लेकिन समुद्री खीरों की स्मगलिंग भारत के तटीय इलाकों में भारी पैमाने पर हो रही है.खासकर लक्षद्वीप के आसपास. लेकिन भारत अब इसके लिए और सतर्क हो गया है.
फरवरी 2020 में लक्षद्वीप में समुद्री खीरों के लिए, दुनिया का पहला संरक्षण क्षेत्र बनाया गया है.
इस समस्या से निपटने के लिए लक्षद्वीप में Anti-poaching Camps (अवैध शिकार विरोधी कैंप) भी बनाए गए हैं.
तटरक्षक बल ने 2 हजार किलोग्राम समुद्री खीरा ज़ब्त किया
तमिलनाडु के मंडपम में भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) की टीम ने तेज़ी से संचालित किए गए एक अभियान में दो टन समुद्री खीरा, जो एक प्रतिबंधित समुद्री प्रजाति है, को जब्त किया।
19 सितंबर की तड़के समुद्री खीरे के अवैध ट्रांसशिपमेंट के बारे में एक गुप्त सूचना पर काम करते हुए, आईसीजी टीम हरकत में आई और संभावित तस्करी में शामिल संदिग्ध नाव को ट्रैक किया।
समुद्री मार्ग से भाग जाने की संभावना को प्रभावी ढंग से रोकने के लिए मन्नार की खाड़ी और पाक खाड़ी क्षेत्रों में आईसीजी टीमों को तैनात किया गया था।
इसके बाद नाव को मंडपम के दक्षिण में वेदालाई से लगभग 15 किलोमीटर दूर रविवार को सुबह 10.30 बजे अपने चालक दल के बिना लगा हुआ पाया गया और तटरक्षक की टीम इस पर सवार हुई।
8 करोड़ रुपये है कीमत
आईसीजी होवरक्राफ्ट एच-183 की बोर्डिंग टीम ने 2000 किलो वजनी समुद्री खीरे के 200 बोरे बरामद किए।
जब्त समुद्री खीरे के साथ नाव को तमिलनाडु के रामेश्वरम के पास मंडपम लाया गया और वन अधिकारियों को सौंप दिया गया।
जब्त समुद्री खीरे की कीमत करीब 8 करोड़ रुपये बताई जा रही है।
जांच करने पर यह पता चला कि इस खेप को रात के अंधेरे के दौरान अंतर्राष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा के पार ट्रांसशिपमेंट के लिए ले जाए जाने की योजना बनाई गई थी।
लुप्तप्राय प्रजाति के रूप में है संरक्षित
चीन और दक्षिण पूर्व एशिया में समुद्री खीरे की अत्यधिक मांग है ।
गौरतलब है कि इससे पहले जुलाई के महीने में मंडपम में तटरक्षक ने लगभग 1200 किलोग्राम समुद्री खीरा जब्त किया था और दो लोगों को गिरफ्तार किया था।
भारत में समुद्री खीरे को वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 की अनुसूची के तहत सूचीबद्ध एक लुप्तप्राय प्रजाति के रूप में माना जाता है।
मुख्य रूप से इसकी तस्करी रामनाथपुरम और तूतीकोरिन जिलों से मछली पकड़ने के जहाजों में तमिलनाडु से श्रीलंका तक की जाती है।