झील से खतरे का आंकलन, निरीक्षण करने एसडीआरएफ के साथ साइंटिस्ट की 14 सदस्य टीम रवाना

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देहरादून : पुलिस उपमहानिरीक्षक SDRF रिद्धिम अग्रवाल
और अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी यू .एस.डी.एम.ए. उत्तराखंड ने
SDRF और वैज्ञानिको के 14 सदस्यीय दल को आज हिमालयी क्षेत्र
अन्तर्गत जलभराव क्षेत्र (झील ) को आवश्यक निर्देशों के साथ रवाना किया ,
यह सम्पूर्ण दल विगत कुछ दिनों तक सम्बंधित क्षेत्र में ही कैम्पिंग करेगा
जिसका मूल उद्देश्य झील से उत्पन्न खतरे का आकलन करने
और इस आंकलन के अनुसार इसके निराकरण के लिए तकनीकी सलाह दिया जाना है।
सम्बंधित वैज्ञानिक दस्ते के साथ रवाना सभी SDRF कर्मी माउंटेनिरिंग दल के सदस्य है
जिन्हें पूर्व में हाई एल्टीट्यूड स्थानों में कार्य एवम
रेस्कयू का अनुभव है
पूर्व में SDRF टीम के द्वारा अनेक हिमालयी शिखरों का सफल आरोहण भी किया जा चुका है।
इस दल के साथ आवश्यक साजो सामान ले जाने हेतु 10 पोर्टल को भी भेजा गया है
SDRF उत्तराखंड पुलिस के 7 सदस्यीय दल में दो इंस्पेक्ट गजेंद्र परवाल
ओर इंस्पेक्टर अनिरुद्ध भंडारी शामिल है।
SDRF दल का वैज्ञानिक दस्ते के साथ जाने का उद्देश्य ग्लेशियर क्षेत्र
में वेज्ञानिको को सुरक्षा प्रदान करना,
निर्धारित स्थान तक सभी को सुरक्षित पहुंचाना,
लाना इसके साथ ही सर्वेक्षण हेतु आवश्यक संसाधनों को जुटाना भी है।
17 फरवरी को भी DRDO के 3 वैज्ञानिकों का एक दल
SDRF दल के साथ झील क्षेत्र को रवाना हुआ था
जो वर्तमान समय मे झील इलाके में रुका हुआ है,
यह दोनों दल सम्पूर्ण आंकड़े इक्कठा करने तक सम्बंधित क्षेत्र में बनें रहेंगे।
इससे पूर्व तपोवन त्रासदी के दौरान जनसमुदाय में
फैली भ्रंतियों को समाप्त करने
सेनानायक SDRF नवनीत भुल्लर के नेतृत्व में
एक टीम झील क्षेत्र में पहुंची थी ,
जिनके द्वारा वहां पानी के प्रेशर को कम करने के
लिए झील के मुहाने को आइस एक्स के माध्यम से खोला गया था
साथ ही वापसी के दौरान टीम के द्वारा बीहड़ एवम
ग्लेशियर वाले स्थानों पर रोप, हुक भी बाँध कर छोड़ दी
जिससे अन्य आने वाली टीमों को दिक्कतों का सामना न करना पड़े
इस क्षेत्र तक पहुंचने वाला यह प्रथम मॉन्ट्रेनियिंग दल था
जो पैदल मार्गों से जलभराव क्षेत्र तक पहुंचा था।