Dehradun

विशुद्ध,भव्यता और दिव्यता से रामलीला का सजीव मंचन होने जा रहा SRHU,जॉलीग्रांट में

Ramlila is going to be staged live with pureness, grandeur and divinity in SRHU, Jolly Grant

देहरादून,16 सितम्बर 2025 ( रजनीश प्रताप सिंह तेज ) : हिमालय के महान तपस्वी,योगी और संत स्वामी राम ने जिस पुण्य उद्देश्य के साथ हिमालयन इंस्टिट्यूट ऑफ़ हॉस्पिटल ट्रस्ट (HIHT) की स्थापना की.

उसी पवित्रता के भाव के साथ SRHU के अध्यक्ष डॉ विजय धस्माना उसे आगे ले जा रहे हैं.

विश्वविद्यालय के प्रत्येक कार्य में उस पुनीत उद्देश्य के दर्शन होते हैं.

कार्यक्रमों से लेकर भोजन में पहाड़ की लोक कला,संस्कृति और सभ्यता को एक धरोहर के रूप में सहेजने का कार्य भी किया जा रहा है.

स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय (SRHU) इसी क्रम में पहली बार रामलीला का सजीव मंचन करने जा रहा है

हिमालयन रिक्रिएशनल एंड वेलफेयर ट्रस्ट (HRWT) इसे आयोजित कर रही है

यह आयोजन 22 सितंबर से शुरू होकर 02 अक्टूबर, 2025 तक चलेगा,

जिसमें भगवान श्रीराम की गाथा को जीवंत रूप में प्रस्तुत किया जाएगा.

एचआरडब्ल्यूटी के अध्यक्ष डॉ. हर्ष बहादुर और सचिव रूपेश महरोत्रा ने बताया कि यह रामलीला प्रतिदिन शाम 6 बजे से शुरू होगी,

जिसमें विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राएं, स्टाफ, अभिभावक और स्थानीय लोग शामिल हो सकेंगे.

यह आयोजन न सिर्फ धार्मिक भावनाओं को जगाएगा,

बल्कि हमारी सांस्कृतिक विरासत को नई पीढ़ी तक पहुंचाने का भी एक शानदार माध्यम बनेगा.

यह रामलीला न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक होगी बल्कि सांस्कृतिक धरोहर को जीवंत रूप में प्रस्तुत करेगी.

पारंपरिक वेशभूषा, मंचन कला और संगीत के माध्यम से मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम की कथा जन-जन तक पहुँचाई जाएगी.

आयोजन की मुख्य झलकियाँ

• पहला दिन (22 सितम्बर) : गणेश लीला, तप लीला, कैलाश लीला, श्रवण कुमार प्रसंग
• दूसरा दिन (23 सितम्बर) : राम जन्म, ताड़का वध
• तीसरा दिन (24 सितम्बर) : सीता स्वयंवर
• चौथा दिन (25 सितम्बर) : वनवास
• पाँचवाँ दिन (26 सितम्बर) : भरत मिलाप
• छठा दिन (27 सितम्बर) : शूर्पणखा प्रसंग, सीता हरण
• सातवाँ दिन (28 सितम्बर) : हनुमान जन्म, बाली-सुग्रीव प्रसंग
• आठवाँ दिन (29 सितम्बर) : लंका दहन, अशोक वाटिका
• नौवाँ दिन (30 सितम्बर) : विभीषण लंका त्याग, अंगद-रावण संवाद, लक्ष्मण शक्ति, कुंभकरण वध
• दसवाँ दिन (1 अक्टूबर) : राम-रावण युद्ध, रावण वध
• ग्यारहवाँ दिन (2 अक्टूबर) : भगवान राम का राजतिलक

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