
स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय (एसआरएचयू) जॉलीग्रांट और सोशल डेवलपमेंट फॉर कम्युनिटीज फाउंडेशन (एसडीसी) अब पर्यावरण, स्वास्थ्य और शहरीकरण जैसे विभिन्न नागरिक केंद्रित मुद्दों पर साझा रुप से काम करेंगे। दोनों संस्थानों के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए.
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प्रियंका प्रताप सिंह
देहरादून : कुलपति डॉ.विजय धस्माना की अगुवाई में कुलसचिव डॉ.सुशीला शर्मा व एसडीसी के संस्थापक अनूप नौटियाल ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए।
इसमें मुख्य रुप से अनुसंधान और शिक्षाविदों और विभिन्न सतत विकास के मुद्दों पर फोकस किया जाएगा। कुलपति डॉ. विजय धस्माना ने बताया कि सतत विकास के संदर्भ में नागरिक केंद्रित दर्शन हमेशा एसआरएचयू का एक अभिन्न अंग रहा है।
नागरिकों की सेवा हमेशा हमारा ध्येय रहा है। हमने वर्षों से सामाजिक सेवा के क्षेत्र में सेवाएं प्रदान करने में उत्कृष्टता प्रदर्शित की है जो लोगों के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकती हैं।
इस एमओयू के साथ हमारा लक्ष्य नागरिकों से बेहतर संवाद स्थापित कर सामाजिक विकास करना है।
एसडीसी के संस्थापक अनूप नौटियाल ने बताया कि हमारी योजना जलवायु परिवर्तन, अपशिष्ट प्रबंधन, अर्थव्यवस्था, सतत शहरीकरण, ग्रामीण विकास और नागरिक जुड़ाव सहित सतत विकास के क्षेत्रों पर काम करने की है।
इसके अलावा हम वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा देने और नागरिक-महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर सामाजिक ऑडिट करने के लिए काम करेंगे। इस तरह के ऑडिट के निष्कर्षों का उपयोग उत्तराखंड राज्य में नीति निर्माण प्रक्रिया में सहायता के लिए किया जाएगा।
हम सामाजिक समाधान के निर्माण के लिए प्रौद्योगिकी विकसित करने के लिए मिलकर काम करेंगे। इसके अलावा स्वच्छ सर्वेक्षण, स्मार्ट सिटीज मिशन, नमामि गंगे जैसी केंद्रीय योजनाओं पर काम कर रहे हैं। इस दौरान डॉ.राजेंद्र डोभाल, गिरीश उनियाल भी मौजूद रहे।