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अमित शाह को पत्र लिख NUJ (I) ने उत्तराखंड में पत्रकारों को स्वतंत्र और भयमुक्त पत्रकारिता के लिए सुरक्षा की मांग की

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देहरादून : नेशनल यूनियन ऑफ़ जर्नलिस्ट (इंडिया) ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को

एक पत्र लिखकर उत्तराखंड में विभिन्न जिलों में पत्रकारों पर दायर मुकदमों का संज्ञान लेते हुए

भयमुक्त और स्वतंत्र पत्रकारिता के लिए पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था का आग्रह किया है।

एनयूजे(आई) के राष्ट्रीय अध्यक्ष रास बिहारी ने केंद्रीय गृह मंत्री को पत्र में लिखा कि

कोरोना महामारी के दौरान पत्रकार भी डॉक्टर,पैरामेडिकल स्टाफ,

पुलिस और प्रशासन की भांति अपनी भूमिका निभा रहे है।

अपने दायित्वों के निर्वहन के दौरान पत्रकार समय-समय पर सरकारी तंत्र की कमियों को भी उजागर करने का काम करते हैं ताकि समय रहते उन्हें सुधार लिया जाये।

आश्चर्य है कि सरकारी तंत्र की कमियां उजागर करने पर उत्तराखंड के अलग-अलग जिलों में पत्रकारों के खिलाफ मुकदमे दर्ज किये गए हैं।

राष्ट्रीय अध्यक्ष रास बिहारी के द्वारा टिहरी जिले के स्थानीय प्रशासन की कमियों की खबर प्रकाशित करने पर

पर्वतजन न्यूज़ मैगज़ीन के संपादक और प्रकाशक शिव प्रसाद सेमवाल के खिलाफ

IPC की धारा 268, 500, 501, 503 और 504 के साथ ही

क्रिमिनल कांस्पीरेसी की 120 B लगाये जाने का विषय उठाया गया है।

इसी प्रकार अन्य जनपदों में भी पत्रकारों पर मुकदमे दर्ज किये गए हैं।

उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सरकारी चाहती तो वह आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत भी ये केस दायर कर सकती थी।

श्री रास बिहारी ने कहा कि भारत एक लोकतान्त्रिक देश है जहां संविधान के अनुच्छेद 19 (1) (a) में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के तहत प्रेस और मीडिया की स्वतंत्रता को संरक्षित किया गया है।

उन्होंने लिखा कि नेशनल यूनियन ऑफ़ जर्नलिस्ट आपसे निवेदन करता है कि

तत्काल प्रेस की स्वतंत्रता के उल्लंघन का संज्ञान लेते हुए पारदर्शी लोकतंत्र हेतू

भयमुक्त और निष्पक्ष रिपोर्टिंग के लिए मीडिया के लिए आवश्यक कार्यवाही करें।

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