देहरादून :हमारे समाज में सफ़ेद दाग को लेकर आज भी कईं तरह की भ्रांतियां हैं।
इस विषय पर उर्मिला ट्राइकोडर्मा के सीनियर डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ. रतन सिंह ने बतायी ये 5 बड़ी बातें :—–
(1)क्या है सफेद दाग ?
सफ़ेद दाग का मतलब है चमड़ी का रंग बदल जाना।लोगों में भ्रांति है कि ये कुष्ठ रोग या छुआछूत का रोग है जबकि ऐसा कुछ नही है।
यह “ऑटो इम्यून” या “वंशानुगत” हो सकता है।
(2)केमिकल से बचें :—-
रोगी को चाहिए कि वो केमिकल से बचे (जैसे रबर,प्लास्टिक,डियो,परफ्यूम,बिंदी,लेड वाला सिंदूर इत्यादि ) क्यूंकि केमिकल त्वचा के रंग को चेंज करता है।
(3)चोट,रगड़ से बचें :—-
रोगी को चाहिये कि वो चोट,रगड़ से बचे क्यूंकि इससे पीड़ित व्यक्ति के चोट,रगड़ वाला स्थान सफ़ेद बनने की टेंडेंसी होती है।
(4) बाल वाली जगह जल्दी ठीक होती है :—–
अच्छे डॉक्टर की सलाह और उपचार से 50 से 70 % मरीज जल्दी ठीक हो जाते हैं
जबकि शेष 30 % मरीज में स्लो रिस्पांस होती है।
यदि सफ़ेद दाग त्वचा पर बाल वाली जगह पर है तो जल्दी ठीक होता है
जबकि बाल न होने वाली जगह पर अधिक समय उपचार में लगता है।
(5)सर्जरी भी है उपचार :—
अच्छे क्वालिफाइड डर्मेटोलॉजिस्ट दवा से उपचार के अलावा आवश्यकता पड़ने पर सर्जरी के द्वारा भी सफ़ेद दाग का ईलाज करते हैं।
अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें :—
डॉ. रतन सिंह,वरिष्ठ त्वचा रोग विशेषज्ञ,
उर्मिला ट्राइकोडर्मा,(मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय के सामने),
निकट कोतवाली डोईवाला,देहरादून रोड़
mobile—94106-08291