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“आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस” पर एचएसएसटी जौलीग्रांट में राष्ट्रीय कार्यशाला हुई आयोजित

 

देहरादून ( रजनीश प्रताप सिंह तेज ) : हिमालयन स्कूल ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (एचएसएसटी) जौलीग्रांटHimalayan School of Science and Technology,Jollygrant में आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस पर राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।

इसमें विशेषज्ञों ने Artificial Intelligence एआई के माध्यम से प्रौद्योगिकी और समाज के भविष्य को आकार देने की संभावनाओं पर चर्चा की।

स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय (एसआरएचयू) Swami Rama Himalayan University जौलीग्रांट के  एचएसएसटी सभागार में एक दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का उद्घाटन डॉ. स्वामी राम के चित्र के सम्मुख दीप प्रज्जवलित कर किया गया।

मुख्य अतिथि एसआरएचयू के महानिदेशक (शैक्षणिक विकास) डॉ. विजेंद्र चौहान ने कहा कि आने वाला युग तकनीक आधारित आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का है।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस भारत में अभी शुरुआती अवस्था में है।

देश में कई ऐसे क्षेत्र हैं जिनमें इसे लेकर प्रयोग किये जा सकते हैं।

डॉ.चौहान ने एआई-संचालित डायग्नोस्टिक टूल विकसित करना, स्मार्ट हेल्थकेयर सिस्टम डिजाइन करना और रोगी परिणामों में सुधार के लिए डेटा एनालिटिक्स का लाभ उठाना आदि तरीको पर छात्रों को अपना योगदान देने की बात कही।

मुख्य वक्ता गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय हरिद्वार के कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग विभाग के प्रमुख डॉ. मयंक अग्रवाल ने आईबीएम की वाटसन तकनीक के माध्यम से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के महत्वपूर्ण योगदान और व्यापक समझ के विषय में जानकारी दी।

कहा कि आज तेजी से विकसित हो रहे तकनीकी परिदृश्य में एआई नवाचार और प्रगति की आधारशिला है। इस दौरान छात्र-छात्राओं को हैंड्स ऑन प्रशिक्षण भी दिया गया।

एचएसएसटी के प्रिंसिपल डॉ. प्रमोद कुमार ने बताया कि कार्यशाला में बीटेक, बीसीए, एमसीए और बीएससी ऑनर्स डेटा साइंस के 103 छात्र-छात्राओं ने कार्यशाला में प्रतिभाग किया।

उन्होंने कहा कि इनोवेशन और क्रिएटिविटी की कोई सीमा नहीं होती।

उन्होंने छात्र-छात्राओं से निरंतर सीखने की प्रवृत्ति को बनाए रखने की अपील की।

विशेषज्ञों ने छात्र-छात्राओं के प्रश्नों के संतुष्टपूर्ण जवाब दिए।

कार्यशाला के सफल संचालन में डॉ. पूजा बलूनी, डॉ. अनुपमा मिश्रा सहित समस्त फैकल्टी सदस्यों ने अपना सहयोग दिया।

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