हिमालयन इंस्टीट्यूट जौलीग्रांट में धूमधाम से मना राष्ट्रीय डॉक्टर्स दिवस,डॉक्टरों का किया सम्मान
National Doctors Day was celebrated with great pomp at Himalayan Institute Jolly Grant, doctors were honored

देहरादून,1 जुलाई 2025 ( रजनीश प्रताप सिंह तेज ) : हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज,(Himalayan Institute of Medical Sciences) HIMS जौलीग्रांट में मंगलवार को राष्ट्रीय डॉक्टर्स दिवस बड़े उत्साह के साथ मनाया गया.
इस अवसर पर डॉक्टरों के निस्वार्थ सेवाभाव और समाज के प्रति उनके अमूल्य योगदान के लिए उन्हें सम्मानित किया गया.
डॉ. विजय धस्माना ने किया उद्घाटन, डॉक्टरों के अथक प्रयासों की सराहना
मंगलवार को आदि कैलाश सभागार में आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ डॉ. स्वामी राम के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया.
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एसआरएचयू (स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय) के अध्यक्ष डॉ. विजय धस्माना थे.
अपने संबोधन में डॉ. धस्माना ने कहा कि यह दिन डॉक्टरों के अथक प्रयासों, निस्वार्थ समर्पण और समाज के प्रति उनकी अमूल्य सेवाओं की सराहना के लिए मनाया जाता है.
उन्होंने जोर दिया कि हमारे समाज में डॉक्टरों को भगवान का दर्जा दिया गया है, इसलिए यह दिन न सिर्फ उनकी मेहनत को सराहता है, बल्कि स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र की चुनौतियों और प्रगति पर चर्चा का भी अवसर प्रदान करता है.
डॉ. धस्माना ने आगे कहा कि यह दिन हमें याद दिलाता है कि डॉक्टर्स हमेशा मरीजों के इलाज के लिए तत्पर खड़े रहते हैं.
उन्होंने कोविड-19 महामारी के दौरान डॉक्टरों द्वारा अपनी जान जोखिम में डालकर लाखों लोगों को जीवन देने के काम को विशेष रूप से सराहा.
उन्होंने एमबीबीएस के छात्र-छात्राओं को बताया कि राष्ट्रीय डॉक्टर्स दिवस पहली बार वर्ष 1991 में बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री व भारत रत्न से सम्मानित डॉ. बीसी रॉय के सम्मान में मनाया गया था.
उन्होंने भावी चिकित्सकों को सेवा, समर्पण व करुणा भाव से रोगियों का इलाज करने की प्रेरणा दी.
वरिष्ठ चिकित्सकों का सम्मान
इस अवसर पर एसआरएचयू अध्यक्ष डॉ. विजय धस्माना ने वरिष्ठ चिकित्सकों को शॉल भेंट कर सम्मानित किया.
कार्यक्रम में कुलपति डॉ. राजेंद्र डोभाल, एचआईएमएस के डीन ले.ज. डॉ. दलजीत सिंह, डॉ. विजेंद्र चौहान, डॉ. प्रकाश केशवैया, डॉ. हेम चंद्रा, डॉ. सुनील सैनी, डॉ. रेनू धस्माना सहित कई अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे.
कार्यक्रम के अंत में डॉ. अनुराधा कुसुम ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया.