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प्रेम,दबाव और अपराध : “देहरादून में तीन लाशें और एक चौंकाने वाला खुलासा”

Love, pressure and crime: "Three dead bodies and a shocking revelation in Dehradun"

 

देहरादून ( रजनीश प्रताप सिंह तेज ) : “एक अनसुलझा रहस्य: देहरादून में तीन लाशें और एक चौंकाने वाला खुलासा”

देहरादून की शाम को एक रहस्यमय घटना ने हिला दिया।

25 जून, 2024 को पटेलनगर थाने को एक ऐसी सूचना मिली, जिसने पुलिस को भी हैरान कर दिया।

बडोवाला क्षेत्र के एक सूखे नाले से आ रही बदबू ने एक ऐसे अपराध का पर्दाफाश किया, जिसकी कल्पना भी किसी ने नहीं की थी।

जब पुलिस मौके पर पहुंची, तो उन्हें कूड़े के ढेर में दो शव मिले।

लेकिन यह तो सिर्फ शुरुआत थी।

अगले दिन की सुबह, जब वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने खुद मोर्चा संभाला, तो एक और चौंकाने वाला खुलासा हुआ – एक और महिला का शव, जो कूड़े के नीचे दबा हुआ था।

लेकिन यह कहानी यहीं खत्म नहीं होती।

घटनास्थल के आसपास की तलाशी में पुलिस को कुछ ऐसे सुराग मिले, जिन्होंने इस मामले को एक नया मोड़ दे दिया।

एक नीला बैग, जिसमें महिला और बच्चों के कपड़े थे, एक बैंगनी रंग का बैग, और एक रोडवेज टिकट – ये सभी चीजें एक बड़े रहस्य की ओर इशारा कर रही थीं।

पास की एक फैक्ट्री में की गई जांच ने इस केस को एक नया आयाम दिया।

वहां मिला एक कर्मचारी, जो नेहटौर का रहने वाला था, पुलिस की नज़र में आ गया।

कड़ी पूछताछ के बाद, उसने एक ऐसा खुलासा किया जिसने सभी को हिला कर रख दिया।

हसीन नाम के इस व्यक्ति ने बताया कि कैसे एक अवैध संबंध, शादी का दबाव, और पैसों की मांग ने उसे एक ऐसा कदम उठाने पर मजबूर कर दिया, जिसकी परिणति इन तीन मौतों में हुई।

उसने विस्तार से बताया कि कैसे उसने रेशमा और उसके दो बच्चों को मौत के घाट उतारा और फिर उनके शवों को छिपाने की कोशिश की।

जानिए मामले को हसीन की जुबानी

प्यार और पैसों की जिद्द

इस हत्याकांड के आरोपी हसीन द्वारा बताया गया कि वह बिजनौर का रहने वाला है तथा बड़ोवाला में टिम्बर ली फर्नीचर फैक्ट्री में कार्य करता है,

वह तलाकशुदा है और मृतका रेश्मा से पिछले 02 वर्षो से उसका प्रेमप्रसंग चल रहा था

रेश्मा द्वारा उस पर लगातार शादी करने तथा साथ रहने का दबाव बनाया जा रहा था,

रेशमा समय-समय पर उससे खर्चो के लिये पैसो की मांग करती रहती थी, जिस पर परेशान होकर अभियुक्त द्वारा उससे पीछा छुडाने का प्रयास किया गया

परन्तु वह लगातार उसे फोन तथा मैसेजो के माध्यम से अपने साथ रखने की जिदद कर रही थी,

और रेशमा पहुंची देहरादून

आरोपी हसीन रेशमा को देहरादून में कमरा ढूंढने तथा उसके बाद बुलाने की बात कहकर लगातार टाला जा रहा था,

दिनांक 23-06-2024 की शाम मृतका रेशमा अपनी पुत्री 15 साल की बेटी आयत और 8 महीने की आयशा के साथ आईएसबीटी देहरादून आ गयी

रेशमा ने हसीन को फोन कर अपने देहरादून आने की जानकारी दी,

और तीनों को उतारा मौत के घाट

हसीन ने रेशमा से पीछा छुडाने के लिये उसे रास्ते से हटाने की योजना बनाई

वह अपनी मो0सा0 संख्या यूपी020 BE 9915 गलैमर से उसे लेने आईएसबीटी पहुंचा

रेशमा व उसके दोनो बच्चो को लेकर सीधे टीम्बर ली फैक्ट्री में गया,

जहां उन्हें रात्री मे सुलाने के पश्चात हसीन ने पहले मृतका रेश्मा का गला दबाकर उसकी हत्या की

तथा उसके बाद दोनो बच्चीयो की मुंह व नाक दबाकर उन्हें मौत के घाट उतार दिया

लाशों को लगाया ठिकाने

इसके बाद हसीन ने तीनो के शवो को टिम्बर ली फैक्ट्री के पीछ कूढे के ढेर में फेंक दिया

उसने स्वंय जाकर शवों को कूढे के ढेर के नीचे दबा कर छुपा दिया

उसने मृतकों के कपडे ब्लू डार्ट कम्पनी के नीले थैले में डालकर फेंक दिये व मृतका का बैग भी कूढे के ढेर से कुछ दूरी पर फेंक दिया

उसने मृतका का मोबाइल व उसके घर की चाबी अपने पास छुपा दी थी।

हसीन ने मृतको के शवो को फॉम के गददों आदि से लपेटकर रखा था, जिस कारण मृतकों के शव फूल गये थे।

यह कहानी प्रेम, धोखे, और अपराध की एक ऐसी गाथा है जो दिखाती है कि कैसे एक गलत फैसला कई जिंदगियों को तबाह कर सकता है।

पुलिस टीम को पुरूस्कार-प्रशस्ति पत्र

महिलाओ व बालिका सम्बन्धित जघन्य हत्याकांड के त्वरित खुलासे पर पुलिस महानिदेशक द्वारा पुलिस टीम को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित करने की घोषणा की गई है।

घटना का अनावरण करने वाली पुलिस टीम को पुलिस महानिरीक्षक गढवाल परिक्षेत्र द्वारा 25 हजार रू0 के नकद पुरूस्कार से पुरूस्कृत करने की घोषणा की गई है।

पुलिस टीमः—

1- निरीक्षक कमल कुमार लुन्ठी, प्रभारी कोतवाली पटेलनगर
2-व0उ0नि0 मनमोहन सिह नेगी, कोतवाली पटेलनगर
3- निरीक्षक चन्द्रभान सिंह अधिकारी, प्रभारी एसओजी सिटी
4-उ0नि0 दीपक धारीवाल, थानाध्यक्ष क्लेमनटाउन
4-उ0नि0 विजय प्रताप राही, चौकी प्रभारी आईएसबीटी
5-उ0नि0 दीनदयाल सिह
6-उ0नि0 धनीराम पुरोहित
7-हेड कानि0 अनूप मिश्रा
8-हेड कानि0 मनोज कुमार
9-हेड कानि0 सुनीत कुमार
10-कानि0 पंकज मलासी
11-कानि0 हितेश कुमार
12-कानि0 विनोद बचकोटी
13-कानि0 सूर्यप्रकाश
14-कानि0 आबिद अली
15-कानि0 रवि शंकर झा

 

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