Dehradun

लेटेस्ट उपडेट 02 : डोईवाला में सगे भाई-बहन को कोबरा नाग ने डसा

Dehradun : क्या है घटना

डोईवाला की पंचवटी कॉलोनी में अरविंद पांचाल नाम का एक व्यक्ति रहता है

जिसके घर में एक काले रंग के कोबरा नाग के द्वारा उसके 3 वर्षीय बेटे शिवांश और साढ़े 4 वर्षीय बेटी आसीन को डस लिया था

जिसके बाद इन दोनों ही बच्चों को जौलीग्रांट स्थित हिमालयन हॉस्पिटल के आईसीयू में भर्ती किया गया

कैसी है बेटे शिवांश की हालत ?

प्राप्त जानकारी के अनुसार शिवांश अब भी हिमालयन हॉस्पिटल में भर्ती है

शिवांश के बारे में अच्छी खबर यह है कि उसे एक दिन पहले इंटेंसिव केयर यूनिट ICU से बाहर कर दिया गया है

अभी वह हिमालयन हॉस्पिटल के जनरल वार्ड में भर्ती है

यानि कुल मिलाकर शिवांश अब खतरे से बाहर है

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रजनीश प्रताप सिंह तेज

कैसी है बेटी आसीन की हालत ?

प्राप्त जानकारी के अनुसार अरविंद पांचाल की बेटी आसीन के गले की नस में कोबरा नाग के द्वारा डसा गया है

आसीन के गले की नस में कोबरा के डसने के कारण उसके जहर ने सीधे आसीन के हार्ट पर अपना असर किया है

दरअसल कोबरा ने जब आसीन को डसा तब उसने काफी मात्रा में जहर उसके शरीर में छोड़ दिया

यानि जहर की यह मात्रा किसी व्यक्ति की मात्र 2 मिनट में मृत्यु कर सकती है

आसीन के मामले को समझने में घरवालों को लगभग 6 से 8 मिनट लगे जिसके बाद 10 से 15 मिनट में उसे हिमालयन लाया गया

अब हॉस्पिटल में पेशेंट के Snake Bite Symptoms को डायग्नोज़ करने फिर उसके अनुसार एंटीवेनम की मात्रा देने इस सभी प्रक्रिया में भी लगभग 15 मिनट लग गये हैं

cobra नाग के डसने के ठीक बाद के 1-1 मिनट बेहद Crucial होते हैं

आसीन को गर्दन की नस में डसने और जहर की अधिक मात्रा को देखते हुये यह मामला और भी अधिक गंभीर हो जाता है

अभी आसीन का हार्ट अपनी पूरी क्षमता से काफी कम पर कार्य कर रहा है

कुल मिलाकर आसीन अब भी ICU में वेंटीलेटर पर है उसकी हालत बेहद नाजुक और चिंताजनक बनी हुई है

बच्ची के लिये दुआ करें लोग

नाग दंश की पीड़ित बच्ची आसीन के पिता ने कहा है कि आप सभी मेरी बच्ची के लिये दुआ करें

हिमालयन के डॉक्टर की बदौलत मेरा बेटा ठीक हो गया उसके प्राण बच गये

डॉक्टर की कड़ी मेहनत के बाद मुझे अब भगवान और लोगों की दुआ पर भरोसा है

आर्थिक दिक्कत का भी है सामना

आपको बताते चलें कि बच्चों के इलाज के लिये शुरू में आयुष्मान कार्ड को लेकर कुछ दिक्कत का सामना करना पड़ा है

जिसकी वजह से लगभग 82000 से अधिक रुपियों का अतिरिक्त बिल भरने की नौबत आ गयी है

हालांकि इस मामले में अथॉरिटी को एक ईमेल भेजकर इसे एडजस्ट करने का अनुरोध किया गया है लेकिन फिलहाल कोई राहत नही मिली है

बच्चों का पिता एक मजदुर है

 

 

 

 

 

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