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Kedarnath Misbehave Trivendra Rawat : श्री केदारनाथ धाम में दुर्व्यवहार पर पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत का “आँखें खोलने वाला इंटरव्यू”

Kedarnath Misbehave Trivendra Rawat

उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत बीते दिन

श्री केदारनाथ धाम पहुंचे तो Char Dham Devasthanam Board

चारधाम देवस्थानम बोर्ड को लेकर कुछ लोगों के द्वारा उनका विरोध किया गया

जिस विषय पर उन्होंने पत्रकारों के सभी सवालों का जवाब देते हुए खुलकर बात की है

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रजनीश प्रताप सिंह

देहरादून : मीडिया को दिये त्रिवेंद्र सिंह रावत के इंटरव्यू को उन्हीं

के शब्दों में रजनीश प्रताप सिंह द्वारा प्रस्तुति

माफ़ करे बाबा केदार

कल की घटना पर मैं केवल सिर्फ इतना कहना चाहूंगा कि

बाबा केदार इन सबको माफ़ करे,क्षमा करे

जो कुछ भी हुआ वो देवभूमि उत्तराखंड की जो पहचान है

उसके अनुकूल नही हुआ Chardham Devasthanam Board

चारधाम देवस्थानम बोर्ड को लेकर के जो विरोध किया जा रहा है

बड़ा स्पष्ट समझना चाहिये इसमें 51 मंदिर और भी हैं

जिनमें रख-रखाव की भी समस्या है और यह भी समझ लेना चाहिये कि

हमारे देश में तमाम जगहों पर ट्रस्ट हैं,बोर्ड हैं वहां पर उसके बाद कितना बड़ा परिवर्तन आया है

Kedarnath Misbehave Trivendra Rawat

उसको अध्ययन की जरुरत है विश्वविद्यालय चल रहे हैं,

मेडिकल कॉलेज चल रहे हैं तमाम जो छोटे-मोटे मंदिर हैं

जहां पर रख-रखाव की समस्या है उनका रख-रखाव बहोत अच्छी तरह से शुरू हुआ है

और फ्यूचर की दृष्टि से वहां पर प्लानिंग हुई है योजनायें बनी हैं

और उसका लाभ ये यात्रियों को भी हुआ है जो ट्रस्ट हैं उनको भी हुआ है

जागेश्वर धाम ट्रस्ट का दिया उदहारण

मैं एक छोटा सा उदाहरण अपने उत्तराखंड का देता हूँ कि

दो साल पहले जागेश्वर धाम ट्रस्ट बना और जिलाधिकारी उसके अध्यक्ष हैं

और वहां के लोगों ने स्वयं ये सब कुछ किया अभी देवीधुरा में,पूर्णागिरि में डिमांड हो रही है

और जो 51 मंदिर यहां पर हैं 47 मंदिर बद्री-केदार समिति में पहले से ही हैं

4 मंदिरों ने लिखकर दिया की हमको भी देवस्थानम बोर्ड में सम्मिलित किया जाये

अभी केवल और केवल उनकी सुनाई दे रही है जो लोग विरोध कर रहे हैं

जिन लोगों ने स्वयं समर्थन दिया है उनको नही सुना जा रहा है

Kedarnath Misbehave Trivendra Rawat

करोडो हिन्दुओं की आस्था का है सवाल

दुनिया के सवा सौ करोड़ हिन्दुओं का अधिकार हैं उन मंदिरों पर वो वहां पर आना चाहते हैं

विशेषकर चार धाम आना चाहते हैं तो उन सबकी भावनाओं को भी देखा जाना चाहिये की

वो क्या चाहते हैं और इसलिए चार धाम देवस्थानम बोर्ड मैंने शुरू से कहा ये

उत्तराखंड के 20 साल के इतिहास में सबसे बड़ा सुधारात्मक कदम है

इसे इस रूप में देखा जाना चाहिये कुछ लोगों को पीड़ा होगी हमको चिंता उनकी करनी है

जो अपनी पीड़ा के कष्ट को हरने के लिए प्रार्थना करने आते हैं  हमको उनकी चिंता करनी चाहिये

उत्तराखंड के कई मंदिर है समर्थन में

त्रिजुगीनारायण भी चार धाम देवस्थानम बोर्ड का ही मंदिर है और

उन लोगों ने खुलकर समर्थन किया है स्वागत किया है

अभी कुछ दिन पहले गोपीनाथ जी के मंदिर में गया था वहां पर भी स्वागत हुआ

मैं भविष्य बद्री गया वहां भी स्वागत हुआ

आदि बद्री गया वहां भी स्वागत हुआ बद्रीनाथ जी में गया वहां भी स्वागत हुआ

लेकिन कल जो कुछ हुआ मुझे लगता है कि सभ्य समाज इसकी अनुमति नही देता है

कुछ लोग राजनैतिक कारण से भी हैं कुछ स्वार्थवश और कुछ लोग गफलत में भी हैं ये नाजायज दबाव है

Kedarnath Misbehave Trivendra Rawat

सरकार झुकी तो होगी समस्या

अगर सरकार ऐसे झुकेगी तो आगे भी सरकार के लिये बहोत बड़ी समस्या होगी

आज किसान बिल भारत सरकार ने बनाया तमाम किसानों ने उसका विरोध किया

कोई ये बताने को तैयार नही कि विरोध किस बात का है

संसद के अंदर कोई भी विरोधी सांसद ये नही बता पाये कि

इस बात का विरोध है ऐसे देवस्थानम बोर्ड को लेकर विरोध है

ये विरोध के लिये विरोध हो रहा है ये उचित नही है

सती प्रथा सुधार का भी हुआ था विरोध

ये मैंने पहले भी कहा है कि जब कोई भी बड़ा सुधार होता है तो उसका विरोध होता है

सती प्रथा का भी विरोध हुआ,बाल विवाह का भी विरोध हुआ,विधवा विवाह का भी विरोध हुआ

तमाम विरोध हुये हैं लेकिन अगर हम वास्तव मैं परिवर्तन चाहते हैं

तो हमको ये विरोध भी बर्दाश्त करना चाहिये समर्थन हम चाहते हैं

तो विरोध के लिये भी तैयार रहना चाहिये

भाषा अमर्यादित थी जिस तरह से नारे लगाये गए वो समाज को जोड़ने वाले नही हैं

Kedarnath Misbehave Trivendra Rawat

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