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6,800 से अधिक घरों तक पहुंचेगा पानी, उत्तराखंड जल जीवन मिशन को मिली 56.7 करोड़ की सौगात

केंद्र द्वारा उत्तराखंड में जल जीवन मिशन के तहत 56.7 करोड़ रुपये की पेयजल आपूर्ति योजनायें स्वीकृत की गई है

इस योजना में आने वाले चार जिलों के 6,800 से अधिक घरों को फायदा पहुंचेगा  

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प्रियंका प्रताप सिंह

नई दिल्ली :

56.7 करोड़ रुपये की पेयजल आपूर्ति योजना को मिली मंजूरी

जल जीवन मिशन के तहत उत्तराखंड को 56.7 करोड़ रुपये पेयजल आपूर्ति योजना को मंजूरी दी गई है।

यह राज्यस्तर पर अनुमोदन करने वाली समिति (एसएलएसएससी) की बैठक में तय किया गया।

यह बैठक 13 दिसंबर, 2021 को बुलाई गई थी।

6,800 से अधिक घरों तक पहुंचेगा पानी

आज जिन पांच जलापूर्ति योजनाओं को स्वीकृति दी गई गई है, उनमें दो एकल ग्राम योजनायें हैं और तीन बहु-ग्रामीण योजनायें हैं।

योजनाओं के तहत 6,800 से अधिक ग्रामीण घरों को पाइप द्वारा पानी का कनेक्शन दिया जायेगा।

 पिछले एक महीने में उत्तराखंड में 549.60 करोड़ रुपये की लागत की स्वीकृतपेयजल आपूर्ति योजना में 706 गांवों को शामिल किया गया है।

ये गांव छह जिलों के हैं और 49,298 घरों को फायदा होगा।

अब तक राज्य में 15.18 लाख ग्रामीण घरों में से 7.49 लाख घरों (49.39 प्रतिशत) में नल द्वारा पानी पहुंचाया जा रहा है।

वर्ष 2021-22 के लिये राज्य की योजना है कि 2.64 लाख घरों को पाइप से पानी का कनेक्शन दे दिया जाये।

क्या है जल जीवन मिशन का प्रावधान

जल जीवन मिशन के तहत प्रावधान किया गया है कि राज्य स्तरीय योजना स्वीकृति समिति (एसएलएसएससी) की स्थापना की जाये, ताकि ग्रामीण घरों को नल द्वारा पानी का कनेक्शन देने के प्रावधान बनाने के लिये योजना पर विचार किया जा सके तथा योजना को स्वीकृति दी जा सके।

एसएलएसएससी, राज्यस्तरीय समिति के तौर पर काम करती है। यह जलापूर्ति योजनाओं/परियोजनाओं पर विचार करती है। साथ ही वह राष्ट्रीय जल जीवन मिशन द्वारा नामित है तथा समिति की सदस्य है।

हर घर को नलों द्वारा साफ पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करने तथा महिलाओं और लड़कियों को दूर-दराज से पानी लाने की मेहनत से बचाने के लिये जो स्वप्न प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का है, यह मिशन उस स्वप्न को पूरा करता है।

इसके लिये मिशन ने अनुदान सहायता के रूप में उत्तराखंड को 2021-22 के दौरान 360.95 करोड़ रुपये जारी किये हैं।

वर्ष 2019-20 में केंद्र सरकार ने जल जीवन मिशन के कार्यान्वयन के लिये 170.53 करोड़ रुपये का आवंटन किया था। इस वर्ष केंद्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने 1,443.80 करोड़ रुपये आवंटित किये, जो पिछले वर्ष की तुलना में चार गुना अधिक हैं।

दिसंबर 2022 तक हर ग्रामीण घर में पाइप द्वारा पहुंचेगे पानी के कनेक्शन

जल शक्ति मंत्री ने यह चार गुनी अधिक सहायता स्वीकार करने के साथ राज्य को पूरी सहायता का आश्वासन दिया कि दिसंबर 2022 तक हर ग्रामीण घर में पाइप द्वारा पानी के कनेक्शन का प्रावधान कर दिया जायेगा।

15 अगस्त, 2019 को जल जीवन मिशन के आरंभ होने के समय, केवल 1.20 लाख (8.58 प्रतिशत) घरों को ही नल द्वारा पेयजल मिलता था।

कोविड-19 महामारी के दौरान पैदा होने वाली अड़चनों और तालाबंदी के बावजूद 27 महीनों में राज्य ने 6.19 लाख (40.80 प्रतिशत) घरों को पानी का कनेक्शन उपलब्ध करा दिया।

हर गांव से 5 महिलाओं को दिया जा रहा प्रशिक्षण

जल की गुणवत्ता की निगरानी और देखरेख गतिविधियों को प्राथमिकता दी जा रही है।

इसके लिये हर गांव से पांच महिलाओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जिससे वे पेयजल स्रोत की जांच और पानी पहुंचने के गंतव्य की जांच करेंगी।

इसके लिये उन्हें फील्ट टेस्ट किट्स दिये जा रहे हैं। अब तक इन किटों को इस्तेमाल करने के लिये 38 हजार से अधिक महिलाओं को प्रशिक्षित किया जा चुका है।

राज्य की जल परीक्षण प्रयोगशालाओं को उन्नत बनाया गया है तथा उन्हें लोगों के लिये खोल दिया गया है, ताकि लोग मामूली दरों पर खुद अपने पानी के नमूनों की जांच कर सकें।

पीछे कोई न छूटने पाये

जल जीवन मिशन के तहत राज्य के जल की गुणवत्ता से प्रभावित बस्तियों, आकांक्षी और जेई/एईएस प्रभावित जिलों, एससी/एसटी बहुल गांवों, एसएजीवाई गांवों को प्राथमिकता दी जाती है।

‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ की भावना के साथ काम करते हुये, जल जीवन मिशन का मंत्र है ‘पीछे कोई न छूटने पाये’ तथा उसका उद्देश्य है पेयजल तक सबकी पहुंच।

2019 में मिशन के आरंभ के समय देश के कुल 19.20 करोड़ ग्रामीण घरों में से केवल 3.23 करोड़ (17 प्रतिशत) घरों को नल द्वारा पानी मिलता था।

पिछले 27 महीने के दौरान कोविड-19 महामारी तथा बंदी के बावजूद, जल जीवन मिशन को तेजी से क्रियान्वित किया गया। अब तक 5.42 करोड़ ग्रामीण घरों को नल द्वारा पानी का कनेक्शन उपलब्ध करा दिया गया है।

इस समय देश के 8.66 करोड़ (45.04 प्रतिशत) घरों में नल द्वारा पानी पहुंचता है।

गोवा, तेलंगाना, हरियाणा और अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह, पुदुच्चेरी, दादर व नागर हवेली तथा दमन एवं दीव जैसे केंद्र शासित प्रदेशों में ग्रामीण इलाकों के 100 प्रतिशत घरों को नल द्वारा पानी मिल रहा है।

इस समय 83 जिलों के 1.27 लाख से अधिक ग्रामीण घरों को पाइप द्वारा पानी का कनेक्शन उपलब्ध है।

 

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